चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय के पुराने महिला और बाल चिकित्सालय में लगभग 1 सप्ताह बाद अब कोरोना जांच शुरू होगी. यहां कोरोना जांच की मशीन लगभग 1 सप्ताह बाद लगाई जाएगी. इसको लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है.
वहीं चित्तौड़गढ़ अब पहला ऐसा जिला होगा, जहां संभवतः बिना मेडिकल कॉलेज के कोरोना जांच लैब शुरू होगी. इसका कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में 200 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. शुरुआती दौर में पहले कोरोना जांच के लिए सैंपल उदयपुर भेजे जाते थे. बाद में जांच के लिए सैंपल भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज भेजे जाने लगे, लेकिन जिले के निंबाहेड़ा में एक साथ बड़ी संख्या में रोगी आने के बाद चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी कोरोना जांच लैब की मांग उठने लगी.
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जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रयास से चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी कोरोना जांच के लिए लैब की स्वीकृति हो गई है. कोरोना जांच लैब बनाने के लिए यहां महिला और बाल चिकित्सालय भवन का चयन किया गया है. वहीं मरम्मत का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है. चित्तौड़गढ़ में कलक्ट्रेट के पास महिला और बाल चिकित्सालय भवन में पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, सभापति संदीप शर्मा, पीएमओ दिनेश वैष्णव सहित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने महिला और बाल चिकित्सालय का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
इस दौरान ठेकेदार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने चित्तौड़गढ़ को एक सौगात दी है और चित्तौड़गढ़ के महिला और बाल चिकित्सालय में कोरोना जांच मशीन लगने जा रही है.
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वहीं पीएमओ डॉ. दिनेश वैष्णव ने बताया कि इस मशीन के लगने में लगभग सवा करोड़ से ज्यादा का खर्चा होगा. मशीन और मेंटेनेंस सब मिलाकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च का अनुमान आ रहा है. कार्य अंतिम चरण में है और 8 दिन बाद मशीन का उद्घाटन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में कोरोना के साथ ही अन्य जांच भी हो सकेगी. लोगों को जांच के लिए बाहर जाने से निजात मिलेगी.