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वृद्ध के अतिंम संस्कार को लेकर विवाद, सेवा कर रही पहली पत्नी को सौंपा गया शव - Hyvoltage drama on old man's death

चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को एक वृद्ध की मौत के बाद शव को लेने के लिए हाइवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. जानकारी के अनुसार दो पक्षों ने अंतिम संस्कार की बात पर बहस छिड़ गई. लेकिन आखिरकार पुलिस और प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए शव मृतक की पहली पत्नी राधा देवी को सौंपा.

Controversy over last rites of old age, वृद्ध की मौत पर हाइवोल्टेज ड्रामा
वृद्ध के अतिंम संस्कार को लेकर विवाद
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Published : Dec 21, 2019, 3:18 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर में शुक्रवार को एक वृद्ध की मौत की मामले में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया. वृद्ध के ही परिवार के दो पक्षों ने अंतिम संस्कार की बात कहते हुए शव मांगा. मामले में उपखंड न्यायाधीश के आदेश पर शव को पुत्र की पत्नी को सौंपा गया, जो उसकी सेवा कर रही थी. वहीं विवाह कर लेने वाले वृद्ध के पुत्र और यहां तक पुत्री को भी शव नहीं सौंपा गया.

वृद्ध के अतिंम संस्कार को लेकर विवाद

जिला चिकित्सालय में शव का पोस्टमार्टम करने की कार्रवाई के दौरान शनिवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया. जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में रहने वाले किशनलाल धोबी (70) का शुक्रवार शाम को निधन हो गया था. इस पर इसकी पुत्र-वधु ने कई रिश्तेदारों को सूचना कर दी थी. किशन लाल के एक पुत्र भंवरलाल धोबी ने दो विवाह किए थे. पहली पत्नी को छोड़ कर वह करीब सात-आठ साल से दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था.

वहीं भंवर धोबी की पहली पत्नी राधादेवी अपने पुराने मकान में ही रह कर ससुर किशनलाल धोबी की सेवा भी कर रही थी. काफी समय से भंवर धोबी अपने पिता के पास भी नहीं गया था, वहीं पिता की मौत होने के बाद भंवर धोबी अपने पिता के पास गया तो इसकी पहली पत्नी राधादेवी और अन्य रिश्तेदारों ने जाने से रोक दिया.

पढ़ेंः CAA के खिलाफ बिहार बंद, UP में 8 की मौत, चेन्नई में भी विरोध शुरू

ऐसे में भंवर धोबी ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी, जिसमें उसने अपनी पहली पत्नी और पुत्री पर पिता की हत्या का आरोप लगा दिया. इस पर कोतवाली पुलिस ने रात को ही जांच शुरू कर दी. बाद में मामला दूसरे विवाह के बाद उपजे विवाद का निकला. थाने में रिपोर्ट होने के कारण वृद्ध के शव को जिला चिकित्सालय लाया गया. यहां शनिवार सुबह चिकित्सालय में बड़ी संख्या में दोनों ही पक्षों के लोग एकत्रित हो गए.

दोनों ही पक्ष अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की मांग करने लगे. मामले की जानकारी मिलने पर तहसीलदार भूपेंद्र वर्मा, चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक कमल प्रसाद, कोतवाल सुमेरसिंह, सदर थानाधिकारी विक्रमसिंह आदि चिकित्सालय पहुंचे. मौके पर भारी जाब्ता तैनात किया गया.

पढ़ेंः जयपुर ब्लास्ट मामले का फैसला दबाव में दिया गया, HC में देंगे चुनौती: बचाव पक्ष के वकील

पुलिस ने दोनों पक्षों की सुनवाई की. उपखंड अधिकारी के आदेश पर पहली पत्नी राधादेवी और इसके दोहिते को शव सौंपने के आदेश दिए गए. उपखंड अधिकारी का कहना है कि किशनलाल धोबी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें बेटे को किसी प्रकार का हक नहीं दिया था. वहीं पुत्र वधू राधादेवी और दोहिते को अंतिम संस्कार का हक दिया था. इस आधार पर पुलिस और प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए शव राधा देवी को सौंपा.

चित्तौड़गढ़. शहर में शुक्रवार को एक वृद्ध की मौत की मामले में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया. वृद्ध के ही परिवार के दो पक्षों ने अंतिम संस्कार की बात कहते हुए शव मांगा. मामले में उपखंड न्यायाधीश के आदेश पर शव को पुत्र की पत्नी को सौंपा गया, जो उसकी सेवा कर रही थी. वहीं विवाह कर लेने वाले वृद्ध के पुत्र और यहां तक पुत्री को भी शव नहीं सौंपा गया.

वृद्ध के अतिंम संस्कार को लेकर विवाद

जिला चिकित्सालय में शव का पोस्टमार्टम करने की कार्रवाई के दौरान शनिवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया. जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में रहने वाले किशनलाल धोबी (70) का शुक्रवार शाम को निधन हो गया था. इस पर इसकी पुत्र-वधु ने कई रिश्तेदारों को सूचना कर दी थी. किशन लाल के एक पुत्र भंवरलाल धोबी ने दो विवाह किए थे. पहली पत्नी को छोड़ कर वह करीब सात-आठ साल से दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था.

वहीं भंवर धोबी की पहली पत्नी राधादेवी अपने पुराने मकान में ही रह कर ससुर किशनलाल धोबी की सेवा भी कर रही थी. काफी समय से भंवर धोबी अपने पिता के पास भी नहीं गया था, वहीं पिता की मौत होने के बाद भंवर धोबी अपने पिता के पास गया तो इसकी पहली पत्नी राधादेवी और अन्य रिश्तेदारों ने जाने से रोक दिया.

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ऐसे में भंवर धोबी ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी, जिसमें उसने अपनी पहली पत्नी और पुत्री पर पिता की हत्या का आरोप लगा दिया. इस पर कोतवाली पुलिस ने रात को ही जांच शुरू कर दी. बाद में मामला दूसरे विवाह के बाद उपजे विवाद का निकला. थाने में रिपोर्ट होने के कारण वृद्ध के शव को जिला चिकित्सालय लाया गया. यहां शनिवार सुबह चिकित्सालय में बड़ी संख्या में दोनों ही पक्षों के लोग एकत्रित हो गए.

दोनों ही पक्ष अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की मांग करने लगे. मामले की जानकारी मिलने पर तहसीलदार भूपेंद्र वर्मा, चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक कमल प्रसाद, कोतवाल सुमेरसिंह, सदर थानाधिकारी विक्रमसिंह आदि चिकित्सालय पहुंचे. मौके पर भारी जाब्ता तैनात किया गया.

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पुलिस ने दोनों पक्षों की सुनवाई की. उपखंड अधिकारी के आदेश पर पहली पत्नी राधादेवी और इसके दोहिते को शव सौंपने के आदेश दिए गए. उपखंड अधिकारी का कहना है कि किशनलाल धोबी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें बेटे को किसी प्रकार का हक नहीं दिया था. वहीं पुत्र वधू राधादेवी और दोहिते को अंतिम संस्कार का हक दिया था. इस आधार पर पुलिस और प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए शव राधा देवी को सौंपा.

Intro:चित्तौड़गढ़। शहर में शुक्रवार को एक वृद्ध की मौत की मामले में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया। इसके ही परिवार के दो पक्षों ने इसके अंतिम संस्कार की बात कहते हुवे शव मांगा। मामले में उपखंड न्यायाधीश के आदेश पर शव उस पुत्र वधु को सौंपा, जो उसकी सेवा कर रही थी। दूसरा विवाह कर लेने वाले वृद्ध के पुत्र और यहां तक पुत्री को भी शव नहीं सौंपा। इसमें प्रशासन ने वृद्ध की वसीयत का हवाला दिया है। जिला चिकित्सालय में शव का पोस्टमार्टम करने की कार्रवाई के दौरान शनिवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया। Body:जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में रहने वाले किशनलाल धोबी (70) का शुक्रवार शाम को निधन हो गया था। इस पर इसकी पुत्र वधु ने कई रिश्तेदारों को सूचना कर दी थी। किशन लाल के एक पुत्र भंवरलाल धोबी ने दो विवाह किए थे। पहली पत्नी को छोड़ कर वह करीब सात-आठ साल से दूसरी पत्नी के साथ अलग रह रहा। वहीं भंवर धोबी की पहली पत्नी राधादेवी अपने पुराने मकान में ही रह कर ससुर किशनलाल धोबी की सेवा भी कर रही थी। काफी समय से भंवर धोबी अपने पिता के पास भी नहीं गया था, वही पिता की मौत होने के बाद भंवर धोबी अपने पिता के पास गया तो इसकी पहली पत्नी राधादेवी व अन्य रिश्तेदारों ने जाने से रोक दिया। ऐसे में भंवर धोबी ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी, जिसमें उसने अपनी पहली पत्नी और पुत्री पर पिता की हत्या का आरोप लगा दिया। इस पर कोतवाली पुलिस ने रात को जांच ही जांच शुरू कर दी। बाद में मामला दूसरे विवाह के बाद उपजे विवाद का निकला। थाने में रिपोर्ट दी होने के कारण वृद्ध के शव को जिला चिकित्सालय लाया गया। यहां शनिवार सुबह चिकित्सालय में बड़ी संख्या में दोनों ही पक्षों के लोग एकत्रित हो गए। दोनों ही पक्ष अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की मांग करने लगे। मामले की जानकारी मिलने पर तहसीलदार भूपेंद्र वर्मा, चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक कमल प्रसाद, कोतवाल सुमेरसिंह, सदर थानाधिकारी विक्रमसिंह आदि चिकित्सालय पहुंचे। मौके पर भारी जाब्ता तैनात किया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। उपखंड अधिकारी के आदेश पर पहली पत्नी राधादेवी व इसके दोहिते को शव सौंपने के आदेश दिए गए। उपखंड अधिकारी का कहना है कि किशनलाल धोबी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें बेटे को किसी प्रकार का हक नहीं दिया था। वहीं पुत्र वधू राधादेवी व दोहिते को अंतिम संस्कार का हक दिया था। इस आधार पर पुलिस और प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए शव राधादेवी को सौंपा। Conclusion:
बाइट - भूपेंद्र वर्मा, कार्यवाहक उपखंड अधिकारी
- कमल प्रसाद, पुलिस उप अधीक्षक चित्तौड़गढ़
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