चित्तौड़गढ़. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मोहन प्रकाश रविवार को निंबाहेड़ा में जन आक्रोश रैली को संबोधित करने के बाद चित्तौड़गढ़ पहुंचे. इस दौरान मोहन प्रकाश ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की जबरदस्त मुखालफत की और इन्हें चंद पूंजीपतियों का हित साधक करार दिया.
उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लेकर देश के समस्त किसान बेचैन है. दिल्ली की सीमा पर पिछले 2 महीने से काश्तकार धरने पर बैठे हैं. अब तक 60 लोग मर चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार उन्हें सुनने को तैयार नहीं है. यह भाजपा सरकार की हठधर्मिता है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों से देश की 80% जनता प्रभावित होगी और 25 से 30 लाख करोड़ का कृषि कारोबार चंद पूंजीपतियों के हाथ में चला जाएगा. यह कानून जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ाएंगे, देश की इकोनॉमी को खत्म कर देंगे. जहां पर खुशाली है, वहां इन कानूनों से मार्केट कमजोर होंगे. बेरोजगारी एवं महंगाई स्थाई समस्या बन जाएंगे.
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कृषि कानून नहीं कॉरपोरेट कानून है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी पर लिखित में देने को कुछ भी नहीं है. केवल वार्ताएं की जा रही हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. मनमोहन सिंह सरकार की ओर से बनाए गए कानून के सवाल पर कहा कि वह काफी अलग थे और किसानों के हित में बनाने का प्रस्ताव था. हमने इन कानूनों पर केवल लोगों की राय मांगी थी. कोई कानून नहीं बनाया और नहीं कोई प्रस्ताव तैयार किया. प्रस्ताव के बाद किसानों किराए के अनुसार इन में परिवर्तन होने थे. मोदी सरकार इनके जरिए लोगों को बरगला रही है.