चित्तौड़गढ़. शंभूपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने बेशकीमती खैर की लकड़ी की तस्करी के खिलाफ सोमवार को बड़ी कार्रवाई की. पुलिस ने एक ट्रक से 100 क्विंटल खैर की लकड़ी जब्त करने के साथ ही मौके से चालक को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की ओर से बताया गया कि लकड़ी दिल्ली और आसपास के इलाके में सप्लाई की जानी थी, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस ने कार्रवाई कर ट्रक को पकड़ लिया. साथ ही जब्त लकड़ी की कीमत लाखों में आंकी जा रही है.
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. उसी के तहत शंभूपुरा थाना अधिकारी अध्यात्म गौतम के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल राजेश कुमार की मौजूदगी में चौथपुरा तिराहे पर नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जा रही थी. इस दौरान मीणा का कंथारिया की ओर से एक ट्रक आया. जैसे ही चालक ने पुलिस को देखा, नाकाबंदी से 150 मीटर दूर ट्रक को रोक दिया और खलासी के साथ ट्रक से उतरकर भागने लगा.
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वहीं, पुलिस टीम ने पीछा कर चालक को दबोच लिया. जबकि खलासी जंगल के रास्ते भागने में सफल रहा. आरोपी ट्रक चालक की शिनाख्त हरियाणा के पलवल निवासी 23 वर्षीय मुशर्रफ पुत्र रूपन मेव के रूप में हुई है. पुलिस की ओर से बताया गया कि ट्रक की तलाशी लेने पर उसमें से खैर की लकड़ी बरामद हुई. वजन करने पर लकड़ी 10 टन 680 किलोग्राम निकली. हालांकि, जब चालक से खैर की लकड़ी के परिवहन संबंधी अनुज्ञा पत्र मांगा गया तो उसने देने से इनकार कर दिया. इस पर वन अधिनियम के तहत ट्रक और खैर की लकड़ी को जब्त कर लिया गया.
वहीं, ट्रक चालक से पूछताछ कर भागने वाले खलासी के बारे में भी पता कर लिया गया. साथ ही उसको भी नामजद कर लिया गया है. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम में हेड कांस्टेबल सकेंद्र सिंह, कॉन्स्टेबल दिनेश कुमार, पूनमचंद, जितेंद्र कुमार और चालक कॉन्स्टेबल देवकिशन शामिल थे. पूछताछ में आरोपी से पता चला है कि खैर की लकड़ी गुटखा फैक्ट्री में काम आती है. ये माल भदेसर, कन्नौज के जंगलों से भरा गया था, जिसे दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की फैक्ट्रियों के लिए ले जाया जा रहा था.