चित्तौड़गढ़. तेजी से पैर पसारते कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार ने प्रदेश के जिन 10 शहरों में नाइट कर्फ्यू लागू किया है, उनमें चित्तौड़गढ़ में शामिल है. शहर सहित जिलेभर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिला कलेक्टर केके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना के फैलने के वास्तविकता को सामने रखा. कलेक्टर ने कहा कि जनवरी और फरवरी में संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट आई थी. उसके बाद से लोग कोविड-19 की गाइडलाइन को भुला बैठे. उसी का नतीजा है कि आज जनवरी-फरवरी के बाद तेजी से केस बढ़ रहे हैं.
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जनवरी में 14278 सैंपल टेस्ट किया गया और 255 पॉजिटिव सामने आए. इस दौरान हमारी पॉजिटिविटी 1.79 % रही और फरवरी में और भी कमी आई. साथ ही पॉजिटिविटी 72% पहुंच गई लेकिन मार्च में 14970 सैंपल की जांच मैं 525 रोगी आ गए और पॉजिटिविटी 5 गुना बढ़कर 3.5% आ गई. होली के बाद संक्रमण और भी तेजी से फैला.
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पिछले 5 दिन में रोगियों की संख्या 401 तक पहुंच गई, जो कि चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि संक्रमण की रोकथाम के लिए हमने कई प्रकार के कदम उठाए हैं. बाहर से आने वाले लोगों की सीमा पर ही RTPCR जांच रिपोर्ट नहीं होने पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ 15 दिन के लिए घर पर ही क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की है. जिसकी मॉनिटरिंग के लिए पुलिस और प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं.
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चित्तौड़गढ़ निंबाहेड़ा में बाजार गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं, जोकि दुकानदारों को मास्क लगाने के लिए पाबंद कर रहे हैं और उनके खिलाफ जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस महामारी से निपटने के लिए हमारे पास गाइडलाइन की पालना के अलावा वैक्सीनेशन ही विकल्प है. ऐसे में हमें वैक्सीनेशन के लिए भी आगे आना चाहिए लेकिन साथ ही मास्क अनिवार्य रूप से लगाने के साथ गाइडलाइन की भी पालना करनी होगी. तभी जाकर हम जीती हुई जंग को जीतने में सफल हो पाएंगे.
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर अंबा लाल मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रामकेश गुर्जर, महात्मा गांधी चिकित्सालय के पीएमओ डॉ दिनेश वैष्णव, एसडीएम श्यामसुंदर विश्नोई, पीआरओ प्रवेश परदेशी आदि भी मौजूद रहे.