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Chittaurgarh : जहरीले जंतु के काटने से बच्चे की मौत, अस्पताल जाने के दौरान सुना रहा था पहाड़े

चित्तौड़गढ़ में जहरीले जंतु के काटने से एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. मृतक बच्चा परिवार का इकलौता वारिस था. वहीं, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद बच्चे के शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

Child death in Chittaurgarh
Child death in Chittaurgarh
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Published : Aug 13, 2023, 2:28 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के मंडफिया थाना क्षेत्र में जहरीला जंतु के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई. परिवार के लोग बच्चे को जिला चिकित्सालय ले आए, लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. मृतक बच्चा परिवार का इकलौता वारिस था. घटना की सूचना के बाद मंडफिया थाने के हेड कांस्टेबल दुर्गाशंकर अस्पताल पहुंचे और पिता की रिपोर्ट पर पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया.

हेड कांस्टेबल दुर्गाशंकर ने बताया कि घटना भूत खेड़ा गांव की है, जहां रामलाल कुलमी खेत में बने मकान में ही रहते हैं. शनिवार शाम को वे मवेशियों के लिए घास काटने गए थे और जब वहां से लौटे तो अचानक उनके 10 साल के बेटे श्रवण को किसी जहरीले जंतु ने काट दिया था. उसके बाद बच्चे के शरीर में जलन बढ़ने लगी. ऐसे में रामलाल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मंडफिया हॉस्पिटल पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया.

इसे भी पढ़ें - Snake bite case in Kota: कोटा में 11 साल के बच्चे की सांप के काटने से मौत

हालांकि, चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय जाने के क्रम में बच्चे ने बीच रास्ते ही दम तोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि मृतक बच्चा घर का एकलौता वारिस था. साथ ही पिता विकलांग है, जो किसी तरह से खेती मजदूरी करके परिवार चलाते हैं.

चित्तौड़गढ़ लाने के दौरान सुना रहा था पहाड़े - परिजनों ने बताया कि श्रवण सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता था. इस साल पिता रामलाल ने उसे बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए एक निजी स्कूल में दाखिल करवाया था, जहां उसे तीसरी कक्षा में प्रवेश मिला था. वह बहुत ही होशियार छात्र था. मंडफिया से चित्तौड़गढ़ हॉस्पिटल लाने के दौरान भी शनिवार को स्कूल जाने की बात कहते हुए परिवार के लोगों को पहाड़े सुनाते आ रहा था.

चित्तौड़गढ़. जिले के मंडफिया थाना क्षेत्र में जहरीला जंतु के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई. परिवार के लोग बच्चे को जिला चिकित्सालय ले आए, लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. मृतक बच्चा परिवार का इकलौता वारिस था. घटना की सूचना के बाद मंडफिया थाने के हेड कांस्टेबल दुर्गाशंकर अस्पताल पहुंचे और पिता की रिपोर्ट पर पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया.

हेड कांस्टेबल दुर्गाशंकर ने बताया कि घटना भूत खेड़ा गांव की है, जहां रामलाल कुलमी खेत में बने मकान में ही रहते हैं. शनिवार शाम को वे मवेशियों के लिए घास काटने गए थे और जब वहां से लौटे तो अचानक उनके 10 साल के बेटे श्रवण को किसी जहरीले जंतु ने काट दिया था. उसके बाद बच्चे के शरीर में जलन बढ़ने लगी. ऐसे में रामलाल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मंडफिया हॉस्पिटल पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया.

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हालांकि, चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय जाने के क्रम में बच्चे ने बीच रास्ते ही दम तोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि मृतक बच्चा घर का एकलौता वारिस था. साथ ही पिता विकलांग है, जो किसी तरह से खेती मजदूरी करके परिवार चलाते हैं.

चित्तौड़गढ़ लाने के दौरान सुना रहा था पहाड़े - परिजनों ने बताया कि श्रवण सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता था. इस साल पिता रामलाल ने उसे बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए एक निजी स्कूल में दाखिल करवाया था, जहां उसे तीसरी कक्षा में प्रवेश मिला था. वह बहुत ही होशियार छात्र था. मंडफिया से चित्तौड़गढ़ हॉस्पिटल लाने के दौरान भी शनिवार को स्कूल जाने की बात कहते हुए परिवार के लोगों को पहाड़े सुनाते आ रहा था.

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