चित्तौड़गढ़. शिलान्यास कार्यक्रम में राज्यमंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अश्विनी कुमार चौबे, मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ रघु शर्मा, राज्यमंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ सुभाष गर्ग सहित कई प्रमुख पदाधिकारीगण मौजूद रहे.
चित्तौड़गढ़ सूचना एवं प्रौद्योगिकी केंद्र स्थित वीसी कक्ष में सांसद सी पी जोशी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा और जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा उपस्थित रहे. इसी प्रकार एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में एडीएम प्रशासन रतन कुमार, एडीएम भूमि अवाप्ति अंबालाल मीणा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश नाथ योगी और महेश इनानी सहित प्रेम प्रकाश, त्रिलोक जाट आदि मौजूद रहे.
वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम में बताया गया कि चित्तौड़गढ़ मेडिकल कॉलेज की स्वीकृत प्रोजेक्ट राशि 325 करोड रुपए है. मेडिकल कॉलेज का कार्य पूरा होने से न सिर्फ चित्तौड़गढ़ जिले के बल्कि आस पास के अन्य जिलों के निवासियों को भी लाभ पहुंचेगा. मेडिकल कॉलेज बनने से स्थानीय छात्र-छात्राएं यहीं रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे और चित्तौड़गढ़ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में अपना योगदान दे सकेंगे.
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चेकपोस्ट बोहर बावड़ी का निरीक्षण
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानमल खटीक ने रविवार को बेगू उपखंड में इंटरनेट बॉर्डर पर लगी चेकपोस्ट बोहर बावड़ी का निरीक्षण किया. निरीक्षण में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि 10 मई से लगने वाले लॉकडाउन में आने-जाने वाले लोगों पर सख्ती करें एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित कराएं.
अनावश्यक रूप से राज्य में आने-जाने वाले लोगों को सख्ती से जांच पड़ताल करके रोका जाए. साथ ही बाहर से आकर राज्य में निवास करने वाले लोगों से शपथ पत्र भरवा कर 15 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाए. 72 घंटे की rt-pcr रिपोर्ट लाने पर ही उनको राज्य में प्रवेश की अनुमति दें. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान आस-पास के गांव से अनावश्यक रूप से घूमने वालों पर सख्ती से पाबंदी लगाएं.
कपासन में कोरोना के डर से ग्रामीणों की अजीबोगरीब पूजा
कोरोना संक्रमण से लोग खौफजदा हैं. हर कोई इस बीमारी से छुटकारा पाना चाहता है. जिले में भदेसर उपखंड क्षेत्र के रेवलिया कला गांव में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा. रेवलिया कला गांव में लोग घरों के ताला लगा कर मंदिरों में चले गए. वहीं कुछ लोग अपने अपने कुएं पर चले गए और वहीं खाना बनाकर खाया. इस महामारी को भगाने के लिए कामना की.
रेवलिया कला निवासी हिम्मतसिंह राजपूत ने बताया कि शनिवार को कस्बे के सभी धार्मिक स्थान पर हवन और यज्ञ करवाया गए. सभी धार्मिक स्थानों पर गांव के भैरूजी बावजी, चामुंडा माता मंदिर, हनुमान मंदिर, चारभुजा मंदिर एवं सभी देवी देवताओं के अखंड दीपक शुरू करवाए गए. ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लिया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे कस्बे को खाली किया जाए. जिसमें एक भी घर में कोई भी बालक, बालिका अथवा महिलाएं नहीं रहें. इसी निर्णय के तहत रविवार को सुबह 6 से 7 के बीच में लगभग लगभग सभी घरों में ताले लग गए एवं सभी ग्रामीण जन धार्मिकस्थल एवं खेत खलियान की ओर चले गए. ग्रामीणजन ने बताया कि इस 1 दिन के सामूहिक निर्णय के बाद सभी लोग शाम को अपने अपने घरों में पहुंचे.