चित्तौड़गढ़. बेगूं थाना क्षेत्र के मेनाल इलाके में मिली अज्ञात व्यक्ति की लाश की शनिवार को शिनाख्त कर ली गई. उसकी पहचान अजमेर में कैब ड्राइवर का काम करने वाले के रूप में की गई़. उसकी गला घोंट कर हत्या के बाद शव मेनाल लाडपुरा के बीच जंगल में फेंक दिया गया. उसकी फ्रेंड भी गायब है. ऐसे में वैन लूट के इरादे से उसे मौत के घाट उतारे जाने की आशंका है. मामले में अजमेर के ही एक व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. पुलिस सरगर्मी से संदिग्ध की तलाश कर रही है.
क्रिश्चियन गंज थाना प्रभारी करण सिंह खंगारोत ने बताया कि गत 1 मार्च को 45 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र गुलाब प्रजापत की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि 28 फरवरी को एक व्यक्ति भीलवाड़ा के लिए वैन किराए पर ले गया था. उसके बाद वह नहीं लौटा. उसकी तलाश की जा रही थी कि मेनाल लाडपुरा के मध्य अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना मिली. उसके आधार पर बेगूंं पुलिस से संपर्क किया गया. वहां से पहचान के आधार पर परिजनों को लेकर वे चित्तौड़गढ़ पहुंचे. जहां मृतक की शिनाख्त धर्मेंद्र के रूप में की गई.
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उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं किराए पर वैन ले जाने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है. वह अजमेर में पानी पतासी का काम करता है. उसने इसी प्रकार के किसी काम को लेकर भीलवाड़ा के लिए वैन बुक कराई थी. 28 फरवरी को धर्मेंद्र उस व्यक्ति को लेकर भीलवाड़ा के लिए रवाना हुआ था, लेकिन उसके बाद घर नहीं पहुंचा. जबकि उसने सुबह तक लौटने की बात कही थी. वैन भी गायब है. ऐसे में गला घोंट कर हत्या के बाद वैन लूट ले जाने की आशंका है.
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गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 पर मेनाल के पास लाश मिलने की सूचना पर जिला मुख्यालय से डॉग स्क्वायड और स्पेशल टीम मौके पर पहुंची थी. रावतभाटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञान प्रकाश नगर और बेगूं थाना अधिकारी भगवान लाल मेघवाल भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. शव को चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित मुर्दाघर में रखवाया गया था. मृतक के संबंध में आसपास के पुलिस थानों में भी मैसेज करवाए गए. उसी का नतीजा रहा कि अजमेर पुलिस मिसिंग रिपोर्ट को लेकर सक्रिय हो गई और बेगूं पुलिस से संपर्क कर आवश्यक जानकारी हासिल की. इसके बाद शिनाख्त हो पाई.