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चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के पूर्व सभापति समेत 9 पर ACB ने दर्ज कराया प्रकरण, ये है मामला - Rajasthan News

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के तत्कालीन सभापति, उप सभापति, आयुक्त सहित लगभग नौ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मामला दर्ज किया है. आरोप है कि सभी लोगों ने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर राजकोष को हानि पहुंचाई है. हालांकि शिकायतकर्ता का नाम इस दौरान गुप्त रखा गया है.

Chittorgarh News, Chittorgarh Municipal Council
चित्तौड़गढ़ नगर परिषद
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Published : Jun 22, 2021, 6:26 PM IST

चित्तौड़गढ़. स्थानीय नगर परिषद के तत्कालीन सभापति, उप सभापति, आयुक्त सहित लगभग 9 लोगों के खिलाफ पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर राजकोष को हानि पहुंचाने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता का नाम इस दौरान गुप्त रखा गया है. प्रकरण दर्ज करने के लिए एसीबी ने समाचार पत्रों में छापी गई न्यूज़ को आधार बनाते हुए प्रथमदृष्टया वित्तीय हानि को बनाया है.

एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि एसीबी मुख्यालय पर विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के बारे में एसीबी को गोपनीय शिकायत मिली थी. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया. परिवाद की जांच में सभी आरोपियों के लोक सेवक होते हुए अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर राजकोष को वित्तीय हानि पहुंचाई के आरोप सच साबित हुए. उसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गई. इसमें एसीबी मुख्यालय जयपुर के आदेश पर जांच जारी है.

ये है पूरा मामला

दरअसल, चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में फरवरी 2017 में तत्कालीन उप सभापति भरत जागेटिया के भाई अशोक कुमार जागेटिया से परिषद के सामने एक आवेदन पेश करवाया गया कि वर्ष 2012 में उन्हें जो भूमि का पट्टा जारी किया गया था, उसमें भूलवश ज्यादा राशि जमा हो गई थी और उसे ये राशि उसे लौटाई जाए.

पढ़ें:ACB की बड़ी कार्रवाई: 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते पटवारी गिरफ्तार

इसके बाद उप सभापति जागेटिया ने भी फरवरी 2017 को ही इसी तरह का आवेदन कर राशि लौटाने की मांग की थी. आपसी मिलीभगत से पांच वर्ष पूर्व जमा की गई राशि में से अशोक कुमार को 6 लाख 18 हजार 723 रुपए एवं भरत कुमार जागेटिया को 6 लाख 19 हजार 708 रुपए की राशि लौटाई गई. आरोप है कि नगर परिषद को कुल 12 लाख 37 हजार 981 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया.

नियमानुसार पूर्व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए किसी निर्मित आवास का नियमन कर दिया गया है तो यह राशि वापस नहीं की जाएगी. वहीं प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के कुछ माह बाद ही इस प्रकरण की शिकायत राज्य सरकार से की गई थी. इस पर राज्य सरकार ने आदेश जारी कर 2019 में सभापति और उप सभापति दोनों को निलंबित भी किया था.

इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज

एसीबी चित्तौड़गढ़ के एएसपी डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि मामले में नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के तत्कालीन सभापति सुशील कुमार शर्मा, तत्कालीन उपसभापति भरत कुमार जागेटिया, आयुक्त मोहम्मद नसीम शेख, सहायक लेखा अधिकारी हरी प्रसाद शर्मा, सहायक अभियंता शुकदेव पटेल, लेखाकार दिलीप कुमार व्यास, सहायक नगर नियोजक नंदकिशोर चंगेरिया, कनिष्ठ सहायक शिव शंकर चौबीसा, लाभार्थी अशोक कुमार जागेटिया के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज किया गया है.

चित्तौड़गढ़. स्थानीय नगर परिषद के तत्कालीन सभापति, उप सभापति, आयुक्त सहित लगभग 9 लोगों के खिलाफ पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर राजकोष को हानि पहुंचाने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता का नाम इस दौरान गुप्त रखा गया है. प्रकरण दर्ज करने के लिए एसीबी ने समाचार पत्रों में छापी गई न्यूज़ को आधार बनाते हुए प्रथमदृष्टया वित्तीय हानि को बनाया है.

एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि एसीबी मुख्यालय पर विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के बारे में एसीबी को गोपनीय शिकायत मिली थी. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया. परिवाद की जांच में सभी आरोपियों के लोक सेवक होते हुए अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर राजकोष को वित्तीय हानि पहुंचाई के आरोप सच साबित हुए. उसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गई. इसमें एसीबी मुख्यालय जयपुर के आदेश पर जांच जारी है.

ये है पूरा मामला

दरअसल, चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में फरवरी 2017 में तत्कालीन उप सभापति भरत जागेटिया के भाई अशोक कुमार जागेटिया से परिषद के सामने एक आवेदन पेश करवाया गया कि वर्ष 2012 में उन्हें जो भूमि का पट्टा जारी किया गया था, उसमें भूलवश ज्यादा राशि जमा हो गई थी और उसे ये राशि उसे लौटाई जाए.

पढ़ें:ACB की बड़ी कार्रवाई: 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते पटवारी गिरफ्तार

इसके बाद उप सभापति जागेटिया ने भी फरवरी 2017 को ही इसी तरह का आवेदन कर राशि लौटाने की मांग की थी. आपसी मिलीभगत से पांच वर्ष पूर्व जमा की गई राशि में से अशोक कुमार को 6 लाख 18 हजार 723 रुपए एवं भरत कुमार जागेटिया को 6 लाख 19 हजार 708 रुपए की राशि लौटाई गई. आरोप है कि नगर परिषद को कुल 12 लाख 37 हजार 981 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया.

नियमानुसार पूर्व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए किसी निर्मित आवास का नियमन कर दिया गया है तो यह राशि वापस नहीं की जाएगी. वहीं प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के कुछ माह बाद ही इस प्रकरण की शिकायत राज्य सरकार से की गई थी. इस पर राज्य सरकार ने आदेश जारी कर 2019 में सभापति और उप सभापति दोनों को निलंबित भी किया था.

इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज

एसीबी चित्तौड़गढ़ के एएसपी डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि मामले में नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के तत्कालीन सभापति सुशील कुमार शर्मा, तत्कालीन उपसभापति भरत कुमार जागेटिया, आयुक्त मोहम्मद नसीम शेख, सहायक लेखा अधिकारी हरी प्रसाद शर्मा, सहायक अभियंता शुकदेव पटेल, लेखाकार दिलीप कुमार व्यास, सहायक नगर नियोजक नंदकिशोर चंगेरिया, कनिष्ठ सहायक शिव शंकर चौबीसा, लाभार्थी अशोक कुमार जागेटिया के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज किया गया है.

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