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थाना में गोली लगने से सिपाही की मौत, हादसा या आत्महत्या जांच में जुटी पुलिस

चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोडगढ़ पुलिस थाना में एक सिपाही की ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो जाने की खबर सामने आई है. गोली सर्विस राइफल से चली थी. सूत्रों के अनुसार ट्रांसफर को लेकर मृतक सिपाही काफी परेशान था.

constable netram gurjar
सिपाही नेतराम गुर्जर
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Published : Jul 25, 2023, 1:55 PM IST

थाना में गोली लगने से सिपाही की मौत

चित्तौड़गढ़. जिले के भैंसरोडगढ़ पुलिस थाने में एक कॉन्स्टेबल की ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. सर्विस राइफल के चलने से उसकी मौत हुई. सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत मौके पर पहुंचे. कॉन्स्टेबल लंबे समय से ट्रांसफर करवाने की कोशिश में जुटा था, लेकिन राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था. इसी बात को लेकर वह डिप्रेशन में था. उसी को लेकर उसके आत्महत्या करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है.

पुलिस के अनुसार गंगापुर सिटी करौली निवासी 30 वर्षीय चेतराम पुत्र बद्री लाल गुर्जर की पहरे पर ड्यूटी थी. पपला गुर्जर कांड के बाद से एनडीपीएस गंभीर अपराध के आरोपियों को हथियारबंद पहरे में रखने के निर्देश हैं. पुलिस थाने में एनडीपीएस के दो आरोपी रखे हैं, ऐसे में नेतराम की राइफल के साथ ड्यूटी थी. वह सुबह 4:15 तक ऑनलाइन था लेकिन अचानक वायरलेस रूम से गोली चलने की आवाज सुनकर थाने का स्टाफ दौड़ा तो देखा कि नेतराम खून से लथपथ होकर गिरा पड़ा था. उसके सीने में गोली लगी थी. जिससे उसकी पीठ का हिस्सा बिखर गया था. थाना प्रभारी मोहर सिंह भी पहुंचे और उसे हॉस्पिटल ले गए परंतु वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एफएसएल, एमओबी मौके पर : इसकी सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत तत्काल मोके के लिए रवाना हो गए. इस बीच रावतभाटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाष मिश्रा, रावतभाटा के थाना प्रभारी रजनीश गुर्जर पहले से ही मौके पर पहुंच गए. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि यह आत्महत्या का मामला था या फिर नेतराम किसी हादसे का शिकार हुआ. पुलिस अधीक्षक सहित अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. कोटा और चित्तौड़गढ़ से एफएसएल टीमों के साथ एमओबी और डॉग स्क्वायड टीम मौके पर पहुंच गई. इस मामले से संबंधित तथ्यों को एकत्र करने में जुट गई है. थाना प्रभारी मोहर सिंह के अनुसार मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद की इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा.

पढ़ें Constable Shot Dead: रामगढ़ में पुलिस कांस्टेबल की गोली मार कर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप

आत्महत्या के आसार : नेतराम गुर्जर ने आत्महत्या की या फिर वह किसी हादसे का शिकार हुआ, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या माना जा रहा है. उसके सीने में गोली लगी है, जबकि खड़ी बंदूक चलने पर सिर निशाने पर आता है. खड़ी बंदूक चलने पर गोली सिर को क्रॉस करते हुए ऊपर की ओर निकल जाती. जबकि नेतराम के सीने में गोली लगी थी. जिससे उसकी पीठ का हिस्सा बिखर गया.

बेगूं बेल्ट में नहीं रहना चाहता कोई भी कर्मचारी : बेगूं विधानसभा क्षेत्र के भैंसरोड गढ़, रावतभाटा बेगूं और पारसोली क्षेत्र में कोई भी कर्मचारी ड्यूटी से कतराता है. इसका मुख्य कारण क्षेत्र के एक प्रमुख जनप्रतिनिधि के दबाब को माना जाता है. गत वर्ष भैंसरोडगढ़ के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय गुर्जर और विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के बीच हॉट टॉक का ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी द्वारा थाना प्रभारी से गाली गलौज सामने आई थी. इससे पूर्व तत्कालीन पारसोली थाना प्रभारी के साथ दुर्व्यवहार को लेकर विधायक सुर्खियों में रहे थे. पता चला है कि इन थानों में एमएलए बिधूड़ी की इच्छा के विरुद्ध पत्ता भी नहीं हिलता. जो कोई भी इसकी हिमाकत करता है उसका वहां रहना दुभर हो जाता है. सूत्रों के अनुसार नेतराम गुर्जर राजनीतिक दबाव से छुटकारा पाना चाहता था. वो यहां से किसी भी अन्य स्थान पर अपना ट्रांसफर करवाना चाहता था लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उसका ट्रांसफर नहीं हो रहा था. इससे घबराकर उसके आत्महत्या करने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

थाना में गोली लगने से सिपाही की मौत

चित्तौड़गढ़. जिले के भैंसरोडगढ़ पुलिस थाने में एक कॉन्स्टेबल की ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. सर्विस राइफल के चलने से उसकी मौत हुई. सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत मौके पर पहुंचे. कॉन्स्टेबल लंबे समय से ट्रांसफर करवाने की कोशिश में जुटा था, लेकिन राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था. इसी बात को लेकर वह डिप्रेशन में था. उसी को लेकर उसके आत्महत्या करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है.

पुलिस के अनुसार गंगापुर सिटी करौली निवासी 30 वर्षीय चेतराम पुत्र बद्री लाल गुर्जर की पहरे पर ड्यूटी थी. पपला गुर्जर कांड के बाद से एनडीपीएस गंभीर अपराध के आरोपियों को हथियारबंद पहरे में रखने के निर्देश हैं. पुलिस थाने में एनडीपीएस के दो आरोपी रखे हैं, ऐसे में नेतराम की राइफल के साथ ड्यूटी थी. वह सुबह 4:15 तक ऑनलाइन था लेकिन अचानक वायरलेस रूम से गोली चलने की आवाज सुनकर थाने का स्टाफ दौड़ा तो देखा कि नेतराम खून से लथपथ होकर गिरा पड़ा था. उसके सीने में गोली लगी थी. जिससे उसकी पीठ का हिस्सा बिखर गया था. थाना प्रभारी मोहर सिंह भी पहुंचे और उसे हॉस्पिटल ले गए परंतु वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एफएसएल, एमओबी मौके पर : इसकी सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत तत्काल मोके के लिए रवाना हो गए. इस बीच रावतभाटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाष मिश्रा, रावतभाटा के थाना प्रभारी रजनीश गुर्जर पहले से ही मौके पर पहुंच गए. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि यह आत्महत्या का मामला था या फिर नेतराम किसी हादसे का शिकार हुआ. पुलिस अधीक्षक सहित अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. कोटा और चित्तौड़गढ़ से एफएसएल टीमों के साथ एमओबी और डॉग स्क्वायड टीम मौके पर पहुंच गई. इस मामले से संबंधित तथ्यों को एकत्र करने में जुट गई है. थाना प्रभारी मोहर सिंह के अनुसार मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद की इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा.

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आत्महत्या के आसार : नेतराम गुर्जर ने आत्महत्या की या फिर वह किसी हादसे का शिकार हुआ, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या माना जा रहा है. उसके सीने में गोली लगी है, जबकि खड़ी बंदूक चलने पर सिर निशाने पर आता है. खड़ी बंदूक चलने पर गोली सिर को क्रॉस करते हुए ऊपर की ओर निकल जाती. जबकि नेतराम के सीने में गोली लगी थी. जिससे उसकी पीठ का हिस्सा बिखर गया.

बेगूं बेल्ट में नहीं रहना चाहता कोई भी कर्मचारी : बेगूं विधानसभा क्षेत्र के भैंसरोड गढ़, रावतभाटा बेगूं और पारसोली क्षेत्र में कोई भी कर्मचारी ड्यूटी से कतराता है. इसका मुख्य कारण क्षेत्र के एक प्रमुख जनप्रतिनिधि के दबाब को माना जाता है. गत वर्ष भैंसरोडगढ़ के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय गुर्जर और विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के बीच हॉट टॉक का ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी द्वारा थाना प्रभारी से गाली गलौज सामने आई थी. इससे पूर्व तत्कालीन पारसोली थाना प्रभारी के साथ दुर्व्यवहार को लेकर विधायक सुर्खियों में रहे थे. पता चला है कि इन थानों में एमएलए बिधूड़ी की इच्छा के विरुद्ध पत्ता भी नहीं हिलता. जो कोई भी इसकी हिमाकत करता है उसका वहां रहना दुभर हो जाता है. सूत्रों के अनुसार नेतराम गुर्जर राजनीतिक दबाव से छुटकारा पाना चाहता था. वो यहां से किसी भी अन्य स्थान पर अपना ट्रांसफर करवाना चाहता था लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उसका ट्रांसफर नहीं हो रहा था. इससे घबराकर उसके आत्महत्या करने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

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