चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अब वे पलायन कर अपने-अपने गांव लौट रहे हैं.
चितौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी रोजाना हजारों की संख्या में इस तरह के पलायनकर्ता पहुंच रहे हैं और प्रशासन भी इन्हें रोडवेज की बसों की बसों में बैठा कर भेजने का इंतजाम कर रहा है. रविवार को जयपुर से करीब 200 श्रमिक चितौड़गढ़ पहुंचे है.
जानकारी के अनुसार शनिवार रात बसों से बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे जयपुर से चित्तौड़गढ़ पहुंचे और रोडवेज बस स्टैंड पर रुक गए. उनके पहुंचने की सूचना मिलने पर चितौड़गढ़ प्रशासन हरकत में आ गया. उपखंड अधिकारी तेजस्वी राणा, तहसीलदार भूपेंद्र वर्मा भी मौके पर पहुंचे और पलायनकर्ताओं से जानकारी ली. इस सम्बंध में रोडवेज के चितौड़गढ़ आगार प्रबंधक जीतेन्द्र जीनगर को सूचित किया गया. इस पर आगार प्रबंधक ने बसों की वैकल्पिक व्यवस्था करा कर उन्हें उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में मदद की.
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बताया जा रहा है कि ये सभी पलायनकर्ता बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले है और वह जयपुर में मजदूरी कर रोजी-रोटी चला रहे थे. कोरोना के खौफ के कारण उनका रोजगार छिन गया और वे घर लौट रहे थे. चितौड़गढ़ रोडवेज बस स्टैंड पर सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना की गई. इन्हें दूर-दूर बिठाया गया. साथ ही चिकित्सकों की टीम बुला कर स्क्रीनिंग करवाई गई. इन्हें यहां भोजन भी कराया गया. बाद में बसों से इन्हें प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा भेजा गया.