अलवर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि आज डॉ किरोड़ीलाल मीणा ही नहीं, भाजपा को स्थापित करने वाले अन्य वरिष्ठ नेता भी पार्टी की वर्तमान कार्यशैली से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा जिस मूल भावना से आई थी, उसे भूल चुकी है और अब पार्टी नेताओं को सत्ता का नशा आ गया है. जितेन्द्र सिंह शुक्रवार को अलवर में अपने निवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि डॉ किरोड़ीलाल मीणा भाजपा के बड़े नेताओं में शामिल हैं. उन्होंने लंबे समय तक पार्टी को स्थापित करने के लिए संघर्ष किया. मीणा भाजपा की नींव का पत्थर रखने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं. उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में भाजपा को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लेकिन आज के भाजपा नेता उनके फोन टेप करा रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. भाजपा की ओर से उन पर हमले भी कराए. डॉ किरोड़ीलाल मीणा के खिलाफ की जा रही कार्रवाई भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि अब भाजपा में लूट-खसोट का राज चल रहा है.
दिल्ली में कांग्रेस की हार हो रही समीक्षा: जितेन्द्र सिंह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर कहा कि यह सही है कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद के अनुसार सीटें नहीं मिल पाई. पार्टी की ओर से दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पर बड़े-बड़े घोटाले करने का आरोप लगाया.
प्रदेश में कानून-व्यवस्था एक साल में हुई खराब: जितेन्द्र सिंह ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा के एक साल के कार्यकाल में प्रदेश में कानून-व्यवस्था खराब हुई है. प्रदेश में पुलिसिंग व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है. अपराधों पर रोक लगाने के लिए पुलिसकर्मियों की कमी है. आज प्रदेश में पुलिस की हालत यह हो गई कि पुलिस के पास गाड़ी नहीं है, गाड़ी है तो टायर नहीं, टायर है तो पेट्रोल नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को रक्षा-सुरक्षा पर बजट रखना चाहिए, जो कि नहीं रखा गया. आज स्थिति यह है कि राजस्थान में अपराध के हालात यूपी, बिहार, एमपी से भी बदतर हो गए हैं. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से पेश किए बजट को प्रदेश की जनता की भावना के अनुरूप नहीं बताया. बजट में अलवर को कुछ खास नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें प्रदेश की जनता की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया है. रोजगार, महंगाई कम करने, किसानों की समस्या, पानी की समस्या के लिए कुछ नहीं किया गया है.