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सवाई माधोपुर में गैर खातेदारी भूमि किराए पर लेकर बाहरी उगा रहे हैं सब्जियां...प्रशासन खामोश

सवाई माधोपुर में बनास और मोरेल बांध की सैकड़ों बीघा गैर खातेदारी भूमि में इन दिनों सब्जियां, ककड़ी, तरबूज, खरबूज आदि की खेती की जा रही है, लेकिन यह खेती बाहरी लोगों की ओर से की जा रही है.

सवाई माधोपुर में गैर खातेदारी भूमि पर सब्जियों की खेती
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Published : May 29, 2019, 10:08 AM IST

सवाई माधोपुर. जिले में स्थानीय ग्रामीणों की ओर से बाहरी राज्य से आए लोगों को भूमि किराए पर दी जा रही है. बता दें कि कहीं 1,00,000 रुपए प्रति बीघा तो कहीं 50 से 60,000 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से गैर खातेदारी भूमि को किराए पर दे रखा है. अकेले मोरेल बांध में करीब 800 बीघा भूमि गैर खातेदारी पर बाहरी राज्यों के लोग सब्जी और ककड़ी, तरबूज और खरबूज की खेती कर रहे हैं.

बाहरी राज्यों के तकरीबन 150 से 200 परिवार मोरेल बांध के पेटे में अस्थाई आवास बना कर रहे हैं. जिनके बारे में ना तो पुलिस को कोई जानकारी है ना ही स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई करता है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं लेकिन पुलिस विभाग ने अब तक इनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं जुटाई है.

सवाई माधोपुर में गैर खातेदारी भूमि पर सब्जियों की खेती

इन दिनों जिले में चोरी, नकबजनी, लूट सहित अन्य अपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है. पुलिस ही नहीं स्थानीय लोगों को भी इन लोगों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है. महज चंद रुपयों के लालच में ग्रामीण इन बाहरी लोगों को गैर खातेदारी भूमि पर अपना कब्जा दिखाकर किराए पर दे देते हैं.

गौरतलब है कि पुलिस और प्रशासन को इन का सर्वे करवाकर इनके बारे में जानकारी जुटानी चाहिए. साथ ही राजस्व विभाग एवं सिंचाई विभाग से संबंधित अधिकारियों को भी गैर खातेदारी भूमि को किराए पर देने वाले ग्रामीणों और इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस और प्रशासन इन लोगों पर किस तरह की कार्रवाई अमल में लाते हैं.

सवाई माधोपुर. जिले में स्थानीय ग्रामीणों की ओर से बाहरी राज्य से आए लोगों को भूमि किराए पर दी जा रही है. बता दें कि कहीं 1,00,000 रुपए प्रति बीघा तो कहीं 50 से 60,000 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से गैर खातेदारी भूमि को किराए पर दे रखा है. अकेले मोरेल बांध में करीब 800 बीघा भूमि गैर खातेदारी पर बाहरी राज्यों के लोग सब्जी और ककड़ी, तरबूज और खरबूज की खेती कर रहे हैं.

बाहरी राज्यों के तकरीबन 150 से 200 परिवार मोरेल बांध के पेटे में अस्थाई आवास बना कर रहे हैं. जिनके बारे में ना तो पुलिस को कोई जानकारी है ना ही स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई करता है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं लेकिन पुलिस विभाग ने अब तक इनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं जुटाई है.

सवाई माधोपुर में गैर खातेदारी भूमि पर सब्जियों की खेती

इन दिनों जिले में चोरी, नकबजनी, लूट सहित अन्य अपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है. पुलिस ही नहीं स्थानीय लोगों को भी इन लोगों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है. महज चंद रुपयों के लालच में ग्रामीण इन बाहरी लोगों को गैर खातेदारी भूमि पर अपना कब्जा दिखाकर किराए पर दे देते हैं.

गौरतलब है कि पुलिस और प्रशासन को इन का सर्वे करवाकर इनके बारे में जानकारी जुटानी चाहिए. साथ ही राजस्व विभाग एवं सिंचाई विभाग से संबंधित अधिकारियों को भी गैर खातेदारी भूमि को किराए पर देने वाले ग्रामीणों और इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस और प्रशासन इन लोगों पर किस तरह की कार्रवाई अमल में लाते हैं.

Intro:सवाई माधोपुर _ गैर खातेदारी भूमि पर सब्जियों की खेती

सवाई माधोपुर जिले में बनास एवं मोरेल बांध की सैकड़ों बीघा गैर खातेदारी भूमि में इन दिनों सब्जियां ककड़ी तरबूज खरबूजा आदि की खेती की जा रही है स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बाहरी राज्य से आए लोगों को कहीं ₹100000 प्रति बीघा तो कहीं 50 से ₹60000 प्रति बीघा के हिसाब से गैर खातेदारी भूमि को किराए पर दे रखा है अकेले मोरेल बांध में करीब 800 बीघा भूमि गैर खातेदारी पर बाहरी राज्यों के लोग सब्जी और ककड़ी तरबूज खरबूजा की खेती कर रहे हैं




Body:बाहरी राज्यों के तकरीबन 150 से 200 परिवार मोरेल बांध के पेटे में अस्थाई आवास बना कर रहे हैं जिनके बारे में ना तो पुलिस को कोई जानकारी है ना ही स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई करता है इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं मगर पुलिस विभाग ने अब तक ना तो इनका कोई सर्वे करवाया ना ही उनके बारे में कोई जानकारी जुटाई ।इन दिनों जिले में चोरी नकबजनी लूट सहित अन्य अपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है पुलिस ही नही स्थानीय लोगों को भी इन लोगों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है महज चंद रुपयों के लालच में ग्रामीण इन बाहरी लोगों को गैर खातेदारी भूमि पर अपना कब्जा दिखाकर किराए पर देते हैं




Conclusion: जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर बाहर से आए ये लोग संदेह के घेरे में रहते हैं मगर पुलिस द्वारा इनकी कोई जांच पड़ताल नहीं की जाती जबकि ये लोग पूरा गांव का गांव बसा कर रहे हैं । ऐसे में अस्थाई तौर पर रहने वाले इन लोगों में से कई शातिर अपराधी हो सकते हैं पुलिस और प्रशासन को इन का सर्वे करवाकर इनके बारे में जानकारी जुटानी चाहिए साथ ही राजस्व विभाग एवं सिंचाई विभाग से संबंधित अधिकारियों को भी गैर खातेदारी भूमि को किराए पर देने वाले ग्रामीणों और इन लोगों खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए अब देखने वाली बात यह है पुलिस और प्रशासन इन लोगों पर किस तरह की कार्रवाई अमल में लाते हैं ।

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