प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दंगल में इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी उतारा जा सकता है. पार्टी का शीष नेतृत्व चाहता है कि वसुंधरा राजे केंद्र की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय भूमिका निभाएं. यही कारण है कि पिछले दिनों वसुंधरा राजे को पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया और अब लोकसभा चुनाव में उन्हें राजस्थान में झालावाड़ सीट से चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा है. हालांकि पार्टी आलाकमान इस बारे में पहले वसुंधरा राजे का मन टाटोलेगा और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
सोमवार को वसुंधरा राजे के दिल्ली प्रवास के दौरान इस बात की अटकलें भी तेज हो गईं कि पार्टी नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत करा दिया है और उनकी इच्छा भी पूछी गई है. हालांकि बताया जा रहा है कि राजे ने फिलहाल लोकसभा चुनाव लड़ने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई या फिर कहें कि राजे राजस्थान से दूर होने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं.
प्रदेश की सियासत में पहले भी उठी थी चर्चा
विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद राजस्थान की राजनीति में यह चर्चा का विषय रहा है कि वसुंधरा राजे राजस्थान में रहेंगी या केंद्र की राजनीति में उन्हें भेजा जाएगा. पार्टी नेतृत्व ने जिस तरह वसुंधरा राजे को केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद से नवाजा उसके बाद अटकलें यह भी लगाई जा रहीं थी कि अब राजस्थान की राजनीति से वसुंधरा राजे को दूर किया जा रहा है. दरअसल प्रदेश भाजपा में वसुंधरा राजे के सियासी कद का कोई नेता है ही नहीं. या फिर कहें कि राजस्थान भाजपा की राजनीति पिछले 23 वर्षों से वसुंधरा के इर्द-गिर्द ही घूम रही है.
ऐसी स्थिति में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की मजबूरी थी कि वह वसुंधरा राजे को चाह कर भी राजस्थान से दूर नहीं कर सकती थी. लेकिन जिस तरह राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा हारी उसके बाद केंद्रीय नेतृत्व में वसुंधरा राजे को केंद्र में लाने की कवायद तेज कर दी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर इसकी शुरुआत भी कर दी. अब लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रदेश की सियासत में इसी तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.