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भाजपा की जीत से ज्यादा 'स्वाभिमान' के हार के चर्चे... - सोलनाल्ीो ेगलुप

जैसलमेर के पोकरण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई. कांग्रेस की ओर से जो दावे किए जा रहे थे वे धरातल पर कहीं नजर ही नहीं आए. ऐसे में इस चुनाव में जहां भाजपा की जीत की जितनी चर्चा नहीं है, उससे ज्यादा कांग्रेस के हार की चर्चा हो रही है.

जैसलमेर में मानवेंद्र की हार के चर्चे
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Published : May 26, 2019, 10:19 AM IST

जैसलमेर. लोकसभा चुनाव 2019 में पोकरण और जैसलमेर शहर में भाजपा को भारी बढ़त मिली है. जैसलमेर शहर में हर बार भाजपा आगे रही. केवल गत विधानसभा चुनाव में करीब 4,000 वोटों से पिछड़ी थी. लेकिन इस बार चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ 8,500 वोटों की बढ़त मिली है.

जैसलमेर में मानवेंद्र की हार के चर्चे

वहीं, जैसलमेर विधानसभा में माना जा रहा था कि मानवेंद्र सिंह 50,000 से अधिक लीड लेंगे. इसकी वजह थी कि मुसलमान, राजपूत और एससी के वोट उन्हें मिलेंगे, लेकिन परिणाम इसका उल्टा नजर आया. मानवेंद्र को केवल 12,000 वोटों की लीड मिली. आमतौर पर राजपूत मतदाता का झुकाव भाजपा की तरफ रहता है. लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा था, क्योंकि 'स्वाभिमान' हावी था. नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है कि मानवेंद्र को राजपूतों का पूरा समर्थन नहीं मिला. मोदी लहर के आगे जातिवाद पीछे छूट गया और स्वाभिमान पर राष्ट्रवाद भारी पड़ा.

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग थीं. उस दौरान जैसलमेर और पोकरण में वसुंधरा राजे के साथ-साथ राजपूतों को लेकर नाराजगी थी, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. जिससे भाजपा पिछड़ गई और उसे हार झेलनी पड़ी. लेकिन वर्तमान में मोदी का नाम हावी रहा और भाजपा के पक्ष में जमकर वोटिंग हुई. लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर से भाजपा रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजयी हुई. बावजूद इसके जितनी भाजपा की चर्चा नहीं है, उससे ज्यादा कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह की हार के चर्चे हो रहे हैं.

जैसलमेर. लोकसभा चुनाव 2019 में पोकरण और जैसलमेर शहर में भाजपा को भारी बढ़त मिली है. जैसलमेर शहर में हर बार भाजपा आगे रही. केवल गत विधानसभा चुनाव में करीब 4,000 वोटों से पिछड़ी थी. लेकिन इस बार चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ 8,500 वोटों की बढ़त मिली है.

जैसलमेर में मानवेंद्र की हार के चर्चे

वहीं, जैसलमेर विधानसभा में माना जा रहा था कि मानवेंद्र सिंह 50,000 से अधिक लीड लेंगे. इसकी वजह थी कि मुसलमान, राजपूत और एससी के वोट उन्हें मिलेंगे, लेकिन परिणाम इसका उल्टा नजर आया. मानवेंद्र को केवल 12,000 वोटों की लीड मिली. आमतौर पर राजपूत मतदाता का झुकाव भाजपा की तरफ रहता है. लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा था, क्योंकि 'स्वाभिमान' हावी था. नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है कि मानवेंद्र को राजपूतों का पूरा समर्थन नहीं मिला. मोदी लहर के आगे जातिवाद पीछे छूट गया और स्वाभिमान पर राष्ट्रवाद भारी पड़ा.

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग थीं. उस दौरान जैसलमेर और पोकरण में वसुंधरा राजे के साथ-साथ राजपूतों को लेकर नाराजगी थी, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. जिससे भाजपा पिछड़ गई और उसे हार झेलनी पड़ी. लेकिन वर्तमान में मोदी का नाम हावी रहा और भाजपा के पक्ष में जमकर वोटिंग हुई. लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर से भाजपा रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजयी हुई. बावजूद इसके जितनी भाजपा की चर्चा नहीं है, उससे ज्यादा कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह की हार के चर्चे हो रहे हैं.

Intro:मनीष व्यास जैसलमेर

जैसलमेर पोकरण विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस चारों खाने चित हो गई। कांग्रेस की ओर से जो दावे किए जा रहे थे वे धरातल पर कहीं नजर ही नहीं आए ।कहा जा रहा था कि जैसलमेर से मानवेंद्र 50,000 से अधिक लीड लेंगे लेकिन इसका उल्टा ही नजर आया मानवेंद्र को केवल 12000 वोटों की ही लीड मिली ऐसे में इस चुनाव में जहां भाजपा की जीत की जितनी चर्चा नहीं है उससे ज्यादा कांग्रेस की हार की चर्चा हो रही है।




Body:जैसलमेर व पोकरण शहर में भाजपा को भारी बढ़त मिली जैसलमेर शहर में हर बार भाजपा आगे रही केवल गत विधानसभा चुनाव में करीब 4000 वोटों से पिछड़ी लेकिन इन चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ 8500 की बढ़त दर्ज की । जैसलमेर विधानसभा में माना जा रहा था कि मानवेंद्र सिंह 50,000 से अधिक लीड लेंगे। इसकी वजह दी थी कि मुसलमान राजपूत व एससी के वोट मिलेंगे ।आमतौर पर राजपूत मतदाता का झुकाव भाजपा की तरफ रहता है लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा था क्योंकि स्वाभिमान हावी था मगर नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है कि मानवेंद्र को राजपूतों का पूरा समर्थन नहीं मिला मोदी लहर के आगे जातिवाद पीछे छूट गया और स्वाभिमान पर राष्ट्रवाद भारी पड़ा।



Conclusion:
विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग थी उस दौरान जैसलमेर व पोकरण में वसुंधरा राजे के साथ-साथ राजपूतों को लेकर नाराजगी थी इसी का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा भाजपा पिछड़ गई और हार को झेलनी पड़ी लेकिन वर्तमान में मोदी का नाम हावी रहा और भाजपा के पक्ष में मैं जमकर वोटिंग हुई। लोकसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर से भाजपा रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजई हुई लेकिन जितनी भाजपा की चर्चा नहीं है उससे ज्यादा कांग्रेस के स्वाभिमान मानवेंद्र सिंह की हार के चर्चे हो रहे हैं।
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