जयपुर. लोकसभा आम चुनाव शांति पूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने को लेकर जयपुर जिले में धारा 144 लगा दी गई है. जिला कलक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निषेधाज्ञा लगाई गई है. दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है.
जयपुर के सभी क्षेत्र में सभी वर्गों के मतदाता बिना किसी डर के अपने संवैधानिक मताधिकार का उपयोग कर सकें. इसके लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है. इसके लिए असामाजिक, अवांछित एवं बाधक तत्वों की गतिविधियों को नियंत्रित कर कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत यह निषेधाज्ञा लागू की गई है. जयपुर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के अलावा संपूर्ण जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर यह निषेधाज्ञा लागू की गई है. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने निर्देश दिए हैं कि यह निषेधाज्ञा 9 अप्रैल मध्य रात्रि से तत्काल लागू हो कर आगामी 25 मई तक प्रभावी रहेगी.
राजनीतिक दलों को दी जानकारी
जिला कलेक्टर जगदीप सिंह यादव ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें नामांकन प्रक्रिया व नियमों से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराई गई. बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियो को आदर्श चुनाव संहिता की प्रति, पोस्टर बैनरों के निर्धारित रूप की सूची मॉडल प्रपत्र की प्रति सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए गए.
क्या है निषेधाज्ञा, जानिए इसके उल्लंघन पर क्या सजा हो सकती है
यह जानना चाहिए कि धारा-144 (निषेधाज्ञा) क्या है और उसके उल्लंघन पर क्या सजा हो सकती है. जिस इलाके में धारा-144 लगी होती है, वहां 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते. साथ ही, हथियार लाने-ले जाने पर भी रोक लग जाती है. इस धारा का इस्तेमाल शांति कायम रखने के लिए किया जाता है. जब भी प्रशासनिक अधिकारी को अंदेशा हो कि इलाके में शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है तो यह धारा लगाई जा सकती है. इसका उल्लंघन करने वाले को पुलिस धारा-107/151 के तहत गिरफ्तार करती है. गिरफ्तारी के बाद उसे इलाके के एसडीएम या एसीपी के सामने पेश किया जाता है. चूंकि यह अपराध जमानती है, इसलिए बेल बॉन्ड भरने के बाद आरोपी को रिहा करने का प्रावधान है. निषेधाज्ञा के उल्लंघन के मामले में पुलिस संदिग्ध को उठाकर किसी दूसरे इलाके में भी पहुंचा सकती है और जिस इलाके में निषेधाज्ञा लगी हो, वहां आने नहीं देती.