जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में जयपुर की रैंक पिछली बार की तुलना में पांच पायदान और नीचे गिर गई है, लेकिन फिर भी निगम में महापौर से लेकर उप महापौर और कमिश्नर सभी संतुष्ट नजर आ रहें हैं.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के परिणाम बुधवार को राष्ट्रपति ने घोषित कर दिए. स्वच्छ शहरों की श्रेणी में इस बार जयपुर को 44वां स्थान मिला है जबकि पिछली बार जयपुर की रैंकिंग 39वीं थी. बावजूद इसके निगम प्रशासन पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रहा है.
जयपुर में मेयर विष्णु लाटा ने तो इस रैंकिंग पर संतुष्टि जताई ही, साथ ही उपमहापौर मनोज भारद्वाज और कमिश्नर विजय पाल सिंह भी संतुष्ट नजर आए इसके पीछे उनका तर्क है कि पिछली बार 3800 शहरों में जयपुर 39वें स्थान पर आया था जबकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के 4300 से ज्यादा शहरों ने भाग लिया है जिसमें जयपुर ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है.
राजस्थान में जयपुर ही एकमात्र शहर है जो स्वच्छता सर्वेक्षण सूची में टॉप 100 में अपनी जगह बना पाया है. जयपुर को 5000 में से 3366 अंक मिले हैं जबकि इसके ठीक बाद उदयपुर का नंबर आया जिसे देश में 137 वी रैंक मिली है. मेयर ने इस उपलब्धि का श्रेय निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों को दिया है जबकि उपमहापौर ने शहर के प्रत्येक व्यक्ति और नगर निगम की टीम को दिया.
नगर निगम प्रशासन आचार संहिता का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है कारण भी साफ है क्योंकि जिस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई थी उस दौरान मध्य प्रदेश में भी आचार संहिता लगी हुई थी. बावजूद इसके मध्य प्रदेश के इंदौर ने प्रथम स्थान हासिल किया है और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सभी राजधानियों में नंबर वन रही है.