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अलवर में राशन के लिए लोग परेशान, धरने पर बैठे डीलर

अलवर. राज्य सरकार की ओर से निकाले गए एक आदेश के विरोध में जिले के राशन डीलर धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं राशन नहीं मिलने के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Feb 19, 2019, 11:56 AM IST

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ऑल इण्डिया फेयर प्राइज शॉप डिलर फेडरेशन जिला इकाई अलवर की ओर से अपनी दूकानों को बंद कर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राजस्थान की ओर से जारी एक आदेश को निरस्त करने की मांग के लिए14 फरवरी से लगातार राशन डिलर जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं.

फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने कहा की दुकानदारों की ओर से पॉश मशीन से राशन सामग्री का वितरण किए जाने के बाद भी खाद्य विभाग तुगलकी फरमान जारी कर रहा है. जिसे राशन विक्रेता कतई सहन नहीं करेगा. उन्होंने कहा विभाग के अधिकारी का कहना है कि डीलर 2 रुपए के हिसाब से गेहूं दे तथा पैसे विभाग में जमा करवाए तथा डीलर को मिलने वाला कमीशन व्यवस्था होने पर देने की बात कही गई है. ऐसे में डीलर को उसका कमीशन समय पर नहीं मिल पाएगा. सभी राशन डिलरों ने मांगे नही माने जाने तक दूकानें नहीं खोलने व गेंहू नहीं उठाने की शपथ ली है.

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खाद्य विभाग की ओर से अलवर जिले के अन्त्योदय, बीपीएल और खाद्य सुरक्षा में चयनित करीब 6 लाख से अधिक परिवारों के लिए फरवरी माह में 12735.850 मैट्रिक टन गेंहू का आवंटन किया गया है जिसमें से 4224 क्विं. गेंहू का उठाव भारतीय खाद्य निगम से हो पाया है. जो आवंटन का करीब 33 प्रतिशत है वहीं अलवर शहर के लिए 93 राशन विक्रेताओं को वितरण के लिए 7202 क्विं गेंहू का आवंटन किया गया. इसमें से 9 दुकानदारों ने ही गेंहू का उठाव किया है जो आवंटन का 10 प्रतिशत से भी कम है. ऐसे में जिले का करीब 8511 क्विं. गेंहू लेप्स हो चुका है. यदि सरकार ने समय रहते राशन विक्रेता और विभाग के जारी आदेशों से उत्पन्न विवाद को समय रहते नहीं निपटाया तो गरीबों को मजबूरन महंगें भाव का गेंहू खरीदकर गुजारा करना होगा.

ऑल इण्डिया फेयर प्राइज शॉप डिलर फेडरेशन जिला इकाई अलवर की ओर से अपनी दूकानों को बंद कर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राजस्थान की ओर से जारी एक आदेश को निरस्त करने की मांग के लिए14 फरवरी से लगातार राशन डिलर जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं.

फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने कहा की दुकानदारों की ओर से पॉश मशीन से राशन सामग्री का वितरण किए जाने के बाद भी खाद्य विभाग तुगलकी फरमान जारी कर रहा है. जिसे राशन विक्रेता कतई सहन नहीं करेगा. उन्होंने कहा विभाग के अधिकारी का कहना है कि डीलर 2 रुपए के हिसाब से गेहूं दे तथा पैसे विभाग में जमा करवाए तथा डीलर को मिलने वाला कमीशन व्यवस्था होने पर देने की बात कही गई है. ऐसे में डीलर को उसका कमीशन समय पर नहीं मिल पाएगा. सभी राशन डिलरों ने मांगे नही माने जाने तक दूकानें नहीं खोलने व गेंहू नहीं उठाने की शपथ ली है.

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खाद्य विभाग की ओर से अलवर जिले के अन्त्योदय, बीपीएल और खाद्य सुरक्षा में चयनित करीब 6 लाख से अधिक परिवारों के लिए फरवरी माह में 12735.850 मैट्रिक टन गेंहू का आवंटन किया गया है जिसमें से 4224 क्विं. गेंहू का उठाव भारतीय खाद्य निगम से हो पाया है. जो आवंटन का करीब 33 प्रतिशत है वहीं अलवर शहर के लिए 93 राशन विक्रेताओं को वितरण के लिए 7202 क्विं गेंहू का आवंटन किया गया. इसमें से 9 दुकानदारों ने ही गेंहू का उठाव किया है जो आवंटन का 10 प्रतिशत से भी कम है. ऐसे में जिले का करीब 8511 क्विं. गेंहू लेप्स हो चुका है. यदि सरकार ने समय रहते राशन विक्रेता और विभाग के जारी आदेशों से उत्पन्न विवाद को समय रहते नहीं निपटाया तो गरीबों को मजबूरन महंगें भाव का गेंहू खरीदकर गुजारा करना होगा.

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