जयपुर. अलवर के थानागाजी इलाके में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में जांच के लिए बनाई गई संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार देर रात सरकार को सौंप दी. सूत्रों की माने तो थानागाजी दुष्कर्म मामले में जांच रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि लापरवाह पुलिसवालों के ऊपर अब कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केसी वर्मा ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी है उसमें यह माना है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में लापरवाही बरती है. जिससे आरोपियों को वीडियो वायरल करने का मौका मिल गया. थानागाजी के एसएचओ और उच्च अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद भी 6 दिन तक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. इधर इस मामले में पुलिस मुख्यालय से भी वरिष्ठ आईपीएएस जोस मोहन से आंतरिक जांच कराई थी. जिसकी रिपोर्ट भी डीजीपी को मिल गई है. अब दोनों रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अफसर और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई तय होगी.
दरअसल गृह विभाग ने 9 मई को आदेश जारी कर संभागीय आयुक्त को पुलिस की लापरवाही की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा था. 20 मई को रिपोर्ट तैयार नहीं होने पर संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने सरकार से 4 दिन का अतिरिक्त समय मांगा था. इसके चार दिन बार केसी वर्मा ने शुक्रवार देर रात को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. मामले की जांच को लेकर संभाग 14 और 15 मई को पीड़ित परिवार से मिले इसके बाद आमजन की सुनवाई के लिए 16 मई को उपखंड अधिकारी कार्यालय थानागाजी और 17 मई को सर्किट हाउस अलवर में लोगों से मिलकर प्रकरण में दोषियों के बारे में पता किया.
आमजन से मिलने पर साथ ऐसे प्रकरण सामने आए जिसमें पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. इन प्रकरणों में तीन मामले दुष्कर्म के भी हैं. अलवर जिले में आ रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही अलवर को दो पुलिस जिला मुख्यालय बनाने की घोषणा कर दी थी. केसी वर्मा की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि अलवर में थानागाजी मामले के अलावा और भी कई ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस की लापरवाही सामने आई है.
उधर गैंगरेप मामले में पुलिस की लापरवाही को लेकर लगातार सामाजिक संगठन और दलित संगठन सरकार से पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग लगातार कर रहे हैं. सामाजिक संगठनों और दलित संगठनों के विरोध के बीच इस सरकार ने केसी वर्मा को गैंगरेप मामले की और मामले में पुलिस के लापरवाही की जांच करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी थी.