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जयपुर: चेयरमैन्स के निशाने पर नगर निगम आयुक्त, राष्ट्रगान बंद होने को लेकर मांगा जवाब

जयपुर नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में राष्ट्रगान बंद होने को लेकर निगम आयुक्त से जवाब मांगा गया. साथ ही आयुक्त विजय पाल सिंह पर मेयर के बिना अनुमोदन के निकाले गए आदेशों को लेकर भी आयुक्त पर सवाल खड़े किए.

जयपुर नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक
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Published : Jun 25, 2019, 7:31 PM IST

जयपुर. नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक बार फिर निगमायुक्त चेयरमैन्स के निशाने पर रहे. बैठक शुरू होते ही फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगम मुख्यालय में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद होने और जूनियर अधिकारियों को सीनियर पदों पर लगाने के मामले पर आयुक्त से जवाब मांगा. जिस पर आयुक्त ने चेयरमैन को बैठक में केवल एजेंडों पर ही चर्चा करने की नसीहत दे डाली. इस पर मेयर विष्णु लाटा ने भी इसे नाराज होने का मुद्दा बताया.

बीते 17 जून को जयपुर नगर निगम में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद किए जाने का मामला प्रकाश में आया. जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच भी जमकर राजनीति हुई. हालांकि बाद में इस प्रकरण में निगम की लापरवाही सामने आई. जिसे लेकर मंगलवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगमायुक्त विजय पाल सिंह से जवाब मांगा. उन्होंने सवाल किया कि क्या आयुक्त के कमरे में स्पीकर की आवाज आती है या नहीं और यदि आवाज आती है तो राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद रहने पर उन्होंने क्या कार्रवाई की.

जयपुर नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक

इस दौरान देवल ने मेयर के बिना अनुमोदन के निकाले गए आदेशों को लेकर भी आयुक्त पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आयुक्त ने नगर पालिका एक्ट के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से आदेश निकाले. उन्होंने गधे को घोड़ा और घोड़े को गधा बनाने का काम किया है.

हालांकि इन सवालों पर निगम आयुक्त की ओर से कोई भी जवाब देते नहीं बना. उन्होंने मीटिंग में एजेंडों से संबंधित चर्चा करने की नसीहत देते हुए सवालों को टाल दिया.

उधर, मीटिंग के बाद मेयर विष्णु लाटा ने भी माना कि राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद होना नाराज होने का मुद्दा था. हालांकि इस संबंध में एक कर्मचारी को साउंड सिस्टम चेक करने की ड्यूटी पर लगाने के निर्देश जारी किए हैं. बहरहाल, ये पहला मौका नहीं है जब निगम आयुक्त समिति चेयरमैन और वार्ड पार्षदों के निशाने पर आए हो. लेकिन इस खींचतान का खामियाजा कहीं ना कहीं निगम और जयपुर को भुगतना पड़ता है.

जयपुर. नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक बार फिर निगमायुक्त चेयरमैन्स के निशाने पर रहे. बैठक शुरू होते ही फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगम मुख्यालय में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद होने और जूनियर अधिकारियों को सीनियर पदों पर लगाने के मामले पर आयुक्त से जवाब मांगा. जिस पर आयुक्त ने चेयरमैन को बैठक में केवल एजेंडों पर ही चर्चा करने की नसीहत दे डाली. इस पर मेयर विष्णु लाटा ने भी इसे नाराज होने का मुद्दा बताया.

बीते 17 जून को जयपुर नगर निगम में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद किए जाने का मामला प्रकाश में आया. जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच भी जमकर राजनीति हुई. हालांकि बाद में इस प्रकरण में निगम की लापरवाही सामने आई. जिसे लेकर मंगलवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगमायुक्त विजय पाल सिंह से जवाब मांगा. उन्होंने सवाल किया कि क्या आयुक्त के कमरे में स्पीकर की आवाज आती है या नहीं और यदि आवाज आती है तो राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद रहने पर उन्होंने क्या कार्रवाई की.

जयपुर नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक

इस दौरान देवल ने मेयर के बिना अनुमोदन के निकाले गए आदेशों को लेकर भी आयुक्त पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आयुक्त ने नगर पालिका एक्ट के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से आदेश निकाले. उन्होंने गधे को घोड़ा और घोड़े को गधा बनाने का काम किया है.

हालांकि इन सवालों पर निगम आयुक्त की ओर से कोई भी जवाब देते नहीं बना. उन्होंने मीटिंग में एजेंडों से संबंधित चर्चा करने की नसीहत देते हुए सवालों को टाल दिया.

उधर, मीटिंग के बाद मेयर विष्णु लाटा ने भी माना कि राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद होना नाराज होने का मुद्दा था. हालांकि इस संबंध में एक कर्मचारी को साउंड सिस्टम चेक करने की ड्यूटी पर लगाने के निर्देश जारी किए हैं. बहरहाल, ये पहला मौका नहीं है जब निगम आयुक्त समिति चेयरमैन और वार्ड पार्षदों के निशाने पर आए हो. लेकिन इस खींचतान का खामियाजा कहीं ना कहीं निगम और जयपुर को भुगतना पड़ता है.

Intro:जयपुर - नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक बार फिर निगमायुक्त चेयरमैनों के निशाने पर रहे। बैठक शुरू होते ही फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगम मुख्यालय में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद होने और जूनियर अधिकारियों को सीनियर पदों पर लगाने के मामले पर आयुक्त से जवाब मांगा। जिस पर आयुक्त ने चेयरमैन को बैठक में केवल एजेंडों पर ही चर्चा करने की नसीहत दे डाली। इस पर मेयर विष्णु लाटा ने भी इसे नाराज होने का मुद्दा बताया।


Body:बीते 17 जून को जयपुर नगर निगम में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत बंद किए जाने का मामला प्रकाश में आया। जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच भी जमकर राजनीति हुई। हालांकि बाद में इस प्रकरण में निगम की लापरवाही सामने आई। जिसे लेकर आज कार्यकारिणी समिति की बैठक में फायर समिति चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने निगमायुक्त विजय पाल सिंह से जवाब मांगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या आयुक्त के कमरे में स्पीकर की आवाज आती है या नहीं। और यदि आवाज आती है तो राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद रहने पर उन्होंने क्या कार्रवाई की।
डेस्क बाईट - भगवत सिंह देवल, चेयरमैन, फायर समिति

इस दौरान देवल ने मेयर के बिना अनुमोदन के निकाले गए आदेशों को लेकर भी आयुक्त पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आयुक्त ने नगर पालिका एक्ट के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से आदेश निकाले। उन्होंने गधे को घोड़ा और घोड़े को गधा बनाने का काम किया है।
डेस्क बाईट - भगवत सिंह देवल, चेयरमैन, फायर समिति

हालांकि इन सवालों पर निगम आयुक्त की ओर से कोई भी जवाब देते नहीं बना। उन्होंने मीटिंग में एजेंडों से संबंधित चर्चा करने की नसीहत देते हुए सवालों को टाल दिया।
डेस्क बाईट - विजय पाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम

उधर, मीटिंग के बाद मेयर विष्णु लाटा ने भी माना कि राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत बंद होना नाराज होने का मुद्दा था। हालांकि इस संबंध में एक कर्मचारी को साउंड सिस्टम चेक करने की ड्यूटी पर लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:बहरहाल, ये पहला मौका नहीं है जब निगम आयुक्त समिति चेयरमैन और वार्ड पार्षदों के निशाने पर आए हो। लेकिन इस खींचतान का खामियाजा कहीं ना कहीं निगम और जयपुर को भुगतना पड़ता है।
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