अजमेर. पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़ लगाना बहुत ही जरूरी है. पेड़ हमें जीवन देते हैं. पेड़ों से मिलने वाली ऑक्सीजन हमारे जिंदा रहने के लिए बहुत जरूरी है. यदि पेड़ ही नहीं रहेंगे तो धरती पर प्राणी भी नहीं बचेंगे इसलिए हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी धरती को हरा-भरा रखने के लिए पेड़ जरूर लगाएं. मगर इस बात का जरूर ख्याल रखें कि लगाए गए पौधे यह देख देखभाल भी जरूर हो. वरना रखरखाव के अभाव में लगाया गया पौधा पेड़ बनने की बजाय सूख जाएगा.
अजमेर वन अधिकारी सुजीत कौर ने बताया कि इस वर्ष करीब एक लाख 5 हजार पौधे लगाने का वन विभाग का लक्ष्य है. साथ ही लगाए गए पौधों की देखभाल भी की जाएगी और गत वर्ष लगाए गए पौधों में से जो पौधे सूख चुके हैं उनकी जगह नए पौधों को रिप्लेस किया जाएगा. अजमेर वन अधिकारी सुजीत कौर ने माना कि क्षेत्रों में लगाए जाने वाले पौधों की उचित देखभाल बजट के अभाव में नहीं हो पाती है वहीं पौधों को पर्याप्त वर्षा का जल नहीं मिल पाने की वजह से अधिकांश पौधे मर जाते हैं.
जिला वन अधिकारी सुरजीत कौर ने बताया कि अजमेर जिले में विगत वर्षों में क्षेत्रों में लगाए गए पौधों की वजह से ही आज अजमेर में वन क्षेत्र 13 किलोमीटर वर्ग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगाए जाने वाले पौधों का रखरखाव किया जाना भी अब सुनिश्चित किया गया है.
इधर आमजन भी चाहते हैं कि ग्रीनरी के लिए पौधे लगाए जाने चाहिए. बशर्त उन पौधों की उचित देखभाल भी होनी चाहिए. स्थानीय निवासी अरविंद मीणा ने कहा कि वन विभाग का पौधारोपण कागजों में होता है. यदि पौधारोपण जिम्मेदारी के साथ किया गया होता तो राजस्थान में रेगिस्तान के बढ़ने और सूखे की नौबत नहीं आती और प्रदेश हरा-भरा विकसित होता. उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के साथ ही उनकी उचित देखभाल भी होनी चाहिए.
नसीराबाद निवासी दयाल बलाई ने कहा कि पौधे लगाना जरूरी है. मगर ऐसा ना हो कि 10 में से 2 ही पौधे जीवित बचे हैं. जबकि शेष आठ देखभाल के अभाव में मर जाएं. उन्होंने कहा कि पेड़ कम होने से वातावरण गर्म हो गया है. उसे संतुलित करने के लिए पेड़ जरूर लगाने चाहिए.
कुल मिलाकर मानसून में पौधारोपण अवश्य हो लेकिन लगाए गए पौधों को पेड़ बनने तक देखभाल भी की जाए. जाहिर है लगाया गया पौधा पेड़ बनकर ही पर्यावरण को संतुलित करने में सहायक हो सकता है.