जयपुर. राजधानी में दो दिन पहले हरमाड़ा थाना इलाके एचपीसीएल की पाइप लाइन में सेंधमारी कर डीजल चुराने का मामला सामने आया है. जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं अब पूछताछ में नए खुलासे हो रहे हैं.
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि चुराए गए डीजल से भरी पिकअप का सौदा डेढ़ लाख रुपए में किया जाता था. पिकअप को डीजल चुराने वाली जगह से पेट्रोल पंप तक ले जाने वाले चालक को मोटा मुनाफा दिया जाता. इसके साथ ही डीजल चुराने के बाद जिस गोदाम में स्टोर करके रखा जाता था. उस गोदाम को ऊंचे गेट लगाकर और साथ ही अंदर पर्दे लगा कर पूरी तरह से ढक कर रखा जाता था ताकि किसी को भी इस पूरे खेल की भनक न लगे.
वहीं हरमाड़ा थाना पुलिस ने डीजल चुराने वाली गैंग से सस्ते दामों पर डीजल खरीदने के आरोप में रेनवाल स्थित शेखावटी बायोडीजल पंप के मालिक अरविंद चौधरी को गिरफ्तार किया है. बता दें कि गैंग के शातिर बदमाशों ने चुराए गए डीजल को जयपुर, अजमेर, सीकर, बूंदी और झुंझुनू के 7 पेट्रोल पंप पर बेचने की बात कबूली है. गैंग का खुलासा होने के साथ ही जिन पेट्रोल पंप पर चुराया गया डीजल बेचा जाता था उन पेट्रोल पंप के संचालक फरार हो गए हैं.
बता दें कि गैंग के सरगना अब भी फरार चल रहे हैं. पूर्व में पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह से डीजल चुराने के मामले सामने आ चुके हैं. जिसे देखते हुए इस गैंग के सरगनाओं के तार भी उत्तर प्रदेश या पंजाब से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों से लगातार पूछताछ में जुटी है और साथ ही फरार चल रहे अन्य लोगों की तलाश में दबिश की कार्रवाई को अंजाम दे रही है.