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पाली सीट का गणित : प्रदेश की सत्ता का पैटर्न यहां भी है जारी...एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस

पाली. अगर चुनाव में पाली की बात की जाए तो पाली को भाजपा अपना गढ़ मानती है. पाली के लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो 8 विधानसभा सीटें इस लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं. इसमें 5 विधानसभा सीट पाली और तीन सीटें जोधपुर की हैं. पाली लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों की बात करें तो यहां दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपना कब्जा जमाया.

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Published : Mar 6, 2019, 5:37 PM IST

अगर 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पाली की लोकसभा सीट से भाजपा ने नए चेहरे के रूप में पीपी चौधरी को मैदान में उतारा था. वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता बद्रीराम जाखड की बेटी मुन्नीदेवी गोदारा को मैदान में उतारा था. लेकिन देशभर में चली मोदी लहर का असर पाली में भी नजर आया. जीवन में पहली बार चुनाव लड़ने वाले पीपी चौधरी ने मुन्नीदेवी को 3 लाख 99 हजार 39 मतों से हरा दिया.
पीपी चैधरी को पाली के 64.87 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मत दिया था. वहीं मुन्नीदेवी को 28.50 प्रतिशत वोट मिले थे. इस चुनाव की बात करें तो आम जनता में भी कांग्रेस को लेकर काफी आक्रोश था. बढ़ती महंगाई और पाली के प्रदूषण की समस्या का हल नहीं निकलने से पाली की जीवनरेखा माने जाना वाला कपडा उद्योग काफी प्रभवित हुआ. हालांकि कपड़ा उद्योग की स्थिति अभी भी ज्यौ की त्यौ ही बनी हुई है. एनजीटी के सख्त रवैये के चलते पाली का कपड़ा उद्योग अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. हजारों की संख्या में इससे जुड़े श्रमिक बेरोजगार हो चुके हैं. वहीं कई कपड़ा उद्यमियों ने पाली से पलायन भी शुरू कर दिया है.
लोकसभा क्षेत्र में की विधानसभा सीटों पर किसका कब्जा
पाली लोकसभा में 8 विधानसभा सीटें है. पाली की 5 सीटे और जोधपुर की तीन बिलाडा, ओसियां, भोपालगढ़ सीटें हैं. पाली जिले की पाली, सोजत, सुमेरपुर, बाली, मारवाड जंक्शन विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. वहीं मारवाड जंक्शन में निर्दलीय की सीट है. जोधपुर के बिलाडा व ओसियां सीट पर कांग्रेस और भोपालगढ में आरएलपी यानिकि हनुमान बेनीवाल की पार्टी की सीट है.
लोकसभा सीट समीक्षा
2004 - इस चुनाव में पाली में बीजेपी के पुष्प जैन से जीत हासिल की थी. पुष्प जैन को 2 लाख 64 लाख 114 वोट मिले यह कुल मतदान का 48.66 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस के सुरेंद कुमार सुराणा को 2 लाख 876 वोट मिले थे यह कुल मतदान का 37.04 प्रतिशत था.
2009 - इस चुनाव में कांग्रेस के बद्रीराम जाखड ने जीत हासिल की. जाखड ने इस चुनाव में 3 लाख 87 हजार 604 मत मिले थे. यह कुल मतदान का 53.62 प्रतिशत था. वहीं भाजपा के पुष्प जैन को 1 लाख 90 हजार 887 मत मिले थे यह कुल मतदान का 26.41 प्रतिशत था. इस चुनाव में बसपा से चुनाव में उतरे शम्भुसिंह खेतासर ने 1 लाख 8 हजार 288 मत लिए थे.
2014 - यह लोकसभा चुनाव पूरी तहर से मोदी लहर माना गया था. पाली में भाजपा से उतरे नए चेहरे के रूप में पीपी चैधरी ने जीत हासील की थी. चौधरी को इस चुनाव में 7 लाख 11 हजार 772 वोट मिले थे. यह कुल मतदान का 64.87 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस की मुन्नीदेवी गोदारा को 3 लाख 12 हजार 733 मत मिले थे यह कुल मतदान का 28.50 प्रतिशत था.

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देखें रिपोर्ट
मुख्य मुददे2014 का लोकसभा चुनाव पूरी तहर से मोदी लहर का रहा था. भाजपा से इसी लहर में पाली सीट पर नए चहरे के रूप में पीपी चैधरी को मैदान में उतारा था. पीपी चैधरी ने यह चुनाव भी बडे अंतर से जीता था. इस समय भाजपा ने मुख्य मुददों के रूप में पाली में सालों से सामने आ रही पेयजल समस्या, प्रदूषण की समस्या को हल करने, गांवों को पूरी तरह से शहर से जोडने के लिए सडक निर्माण, गावों को विकास, किसानों की उन्नति के लिए उनकी फसलों की खरीद, जवाई बांध का दायरा बढाने और उसे अन्य नदियों से जोडने सहित कई मुद्दों को जनता के सामने रखा था. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के हारने का कारण सरकार की विभिन्न कार्यो में नाकामयाबी और जनता की नाराजगी और कांग्रेस में आपसी फूट मुख्य कारण रहा.

अगर 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पाली की लोकसभा सीट से भाजपा ने नए चेहरे के रूप में पीपी चौधरी को मैदान में उतारा था. वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता बद्रीराम जाखड की बेटी मुन्नीदेवी गोदारा को मैदान में उतारा था. लेकिन देशभर में चली मोदी लहर का असर पाली में भी नजर आया. जीवन में पहली बार चुनाव लड़ने वाले पीपी चौधरी ने मुन्नीदेवी को 3 लाख 99 हजार 39 मतों से हरा दिया.
पीपी चैधरी को पाली के 64.87 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मत दिया था. वहीं मुन्नीदेवी को 28.50 प्रतिशत वोट मिले थे. इस चुनाव की बात करें तो आम जनता में भी कांग्रेस को लेकर काफी आक्रोश था. बढ़ती महंगाई और पाली के प्रदूषण की समस्या का हल नहीं निकलने से पाली की जीवनरेखा माने जाना वाला कपडा उद्योग काफी प्रभवित हुआ. हालांकि कपड़ा उद्योग की स्थिति अभी भी ज्यौ की त्यौ ही बनी हुई है. एनजीटी के सख्त रवैये के चलते पाली का कपड़ा उद्योग अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. हजारों की संख्या में इससे जुड़े श्रमिक बेरोजगार हो चुके हैं. वहीं कई कपड़ा उद्यमियों ने पाली से पलायन भी शुरू कर दिया है.
लोकसभा क्षेत्र में की विधानसभा सीटों पर किसका कब्जा
पाली लोकसभा में 8 विधानसभा सीटें है. पाली की 5 सीटे और जोधपुर की तीन बिलाडा, ओसियां, भोपालगढ़ सीटें हैं. पाली जिले की पाली, सोजत, सुमेरपुर, बाली, मारवाड जंक्शन विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. वहीं मारवाड जंक्शन में निर्दलीय की सीट है. जोधपुर के बिलाडा व ओसियां सीट पर कांग्रेस और भोपालगढ में आरएलपी यानिकि हनुमान बेनीवाल की पार्टी की सीट है.
लोकसभा सीट समीक्षा
2004 - इस चुनाव में पाली में बीजेपी के पुष्प जैन से जीत हासिल की थी. पुष्प जैन को 2 लाख 64 लाख 114 वोट मिले यह कुल मतदान का 48.66 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस के सुरेंद कुमार सुराणा को 2 लाख 876 वोट मिले थे यह कुल मतदान का 37.04 प्रतिशत था.
2009 - इस चुनाव में कांग्रेस के बद्रीराम जाखड ने जीत हासिल की. जाखड ने इस चुनाव में 3 लाख 87 हजार 604 मत मिले थे. यह कुल मतदान का 53.62 प्रतिशत था. वहीं भाजपा के पुष्प जैन को 1 लाख 90 हजार 887 मत मिले थे यह कुल मतदान का 26.41 प्रतिशत था. इस चुनाव में बसपा से चुनाव में उतरे शम्भुसिंह खेतासर ने 1 लाख 8 हजार 288 मत लिए थे.
2014 - यह लोकसभा चुनाव पूरी तहर से मोदी लहर माना गया था. पाली में भाजपा से उतरे नए चेहरे के रूप में पीपी चैधरी ने जीत हासील की थी. चौधरी को इस चुनाव में 7 लाख 11 हजार 772 वोट मिले थे. यह कुल मतदान का 64.87 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस की मुन्नीदेवी गोदारा को 3 लाख 12 हजार 733 मत मिले थे यह कुल मतदान का 28.50 प्रतिशत था.

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देखें रिपोर्ट
मुख्य मुददे2014 का लोकसभा चुनाव पूरी तहर से मोदी लहर का रहा था. भाजपा से इसी लहर में पाली सीट पर नए चहरे के रूप में पीपी चैधरी को मैदान में उतारा था. पीपी चैधरी ने यह चुनाव भी बडे अंतर से जीता था. इस समय भाजपा ने मुख्य मुददों के रूप में पाली में सालों से सामने आ रही पेयजल समस्या, प्रदूषण की समस्या को हल करने, गांवों को पूरी तरह से शहर से जोडने के लिए सडक निर्माण, गावों को विकास, किसानों की उन्नति के लिए उनकी फसलों की खरीद, जवाई बांध का दायरा बढाने और उसे अन्य नदियों से जोडने सहित कई मुद्दों को जनता के सामने रखा था. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के हारने का कारण सरकार की विभिन्न कार्यो में नाकामयाबी और जनता की नाराजगी और कांग्रेस में आपसी फूट मुख्य कारण रहा.
Intro:वीडियों के समाचार मेल पर भेजे हैं। पाली जिले का रिपोर्ट कार्ड के नाम से


Body:वीडियों के समाचार मेल पर भेजे हैं। पाली जिले का रिपोर्ट कार्ड के नाम से


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