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जातिवाद को रोकने के लिए पाली के इन चार भाइयों की अनोखी पहल

देश मे जो माहौल चल रहा है उससे सभी वाकिफ हैं, लगातार जातिवाद के नाम पर हर दिन आम जनता को आपस में लड़ाया जा रहा है ऐसे में पाली जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में रहने वाले 4 राजपूत भाइयों ने अलग ही मिसाल पेश की है

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Published : May 30, 2019, 10:48 AM IST

देश में जातिवाद को रोकने के लिए पाली के एक गांव ने की नई पहल

पाली. देश में इन दिनों जातिवाद की राजनीति हो रही है. इसी के बीच पाली के एक गांव में नया मामला सामने आया है. पाली जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के धनला गांव में रहने वाले 4 राजपूत भाइयों ने अलग ही मिसाल पेश की है. जातिवाद की राजनीति से दूर इन चार भाइयों ने अपने पिता की इच्छा पर गांव में ही रहने वाले मेघवाल परिवार की दो बेटियों का पिता बन कर शादी करवाई. चार भाइयों की पहल को पूरे गांव ने सराहा और पूरा गांव इन बेटियों की शादी का साक्षी बना.

दरअसल, धनला गांव के स्वर्गीय प्रेम सिंह अपने जीवन में सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करते थे. उनका मानना था कि सामाजिक रूप से कमजोर छात्रों को भी उतना ही अधिकार है जितना सवर्ण जातियों को. अपने अंतिम समय में उन्होंने इसी धारणा को आगे बढ़ाने के लिए अपने चार पुत्रों कुशाल सिंह, देवेंद्र सिंह, खुशवीर सिंह और तेजपाल सिंह को ये जिम्मेदारी सौंपी थी. पिता के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने की ठान कर इन चार भाइयों ने अपने गांव से ही इस नई पहल की शुरुआत की.

देश में जातिवाद को रोकने के लिए पाली के एक गांव ने की नई पहल

इन चार भाइयों की पहल को पूरे धनला गांव और आसपास के गांव के लोगों ने सराहा. वहीं दो बेटियों की शादी को एक यादगार पल बनाने के लिए पूरे गांव को सजाया गया. सभी ग्रामीणों ने इन दोनों बेटियों की शादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे विवाह को संपन्न कराने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी उठाई. सबसे बेहतर बात यह रही कि इन दोनों बालिकाओं की बारात में आने वाले लोगों ने भी इस पहल की जमकर तारीफ की.

पाली. देश में इन दिनों जातिवाद की राजनीति हो रही है. इसी के बीच पाली के एक गांव में नया मामला सामने आया है. पाली जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के धनला गांव में रहने वाले 4 राजपूत भाइयों ने अलग ही मिसाल पेश की है. जातिवाद की राजनीति से दूर इन चार भाइयों ने अपने पिता की इच्छा पर गांव में ही रहने वाले मेघवाल परिवार की दो बेटियों का पिता बन कर शादी करवाई. चार भाइयों की पहल को पूरे गांव ने सराहा और पूरा गांव इन बेटियों की शादी का साक्षी बना.

दरअसल, धनला गांव के स्वर्गीय प्रेम सिंह अपने जीवन में सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करते थे. उनका मानना था कि सामाजिक रूप से कमजोर छात्रों को भी उतना ही अधिकार है जितना सवर्ण जातियों को. अपने अंतिम समय में उन्होंने इसी धारणा को आगे बढ़ाने के लिए अपने चार पुत्रों कुशाल सिंह, देवेंद्र सिंह, खुशवीर सिंह और तेजपाल सिंह को ये जिम्मेदारी सौंपी थी. पिता के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने की ठान कर इन चार भाइयों ने अपने गांव से ही इस नई पहल की शुरुआत की.

देश में जातिवाद को रोकने के लिए पाली के एक गांव ने की नई पहल

इन चार भाइयों की पहल को पूरे धनला गांव और आसपास के गांव के लोगों ने सराहा. वहीं दो बेटियों की शादी को एक यादगार पल बनाने के लिए पूरे गांव को सजाया गया. सभी ग्रामीणों ने इन दोनों बेटियों की शादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे विवाह को संपन्न कराने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी उठाई. सबसे बेहतर बात यह रही कि इन दोनों बालिकाओं की बारात में आने वाले लोगों ने भी इस पहल की जमकर तारीफ की.

Intro:समाचार से जुड़े वीडियों ftp पर भेजे हैं

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पाली. देश मे जो माहौल चल रहा है उससे सभी विगत है लगातार जातिवाद के नाम पर हर दिन आम जनता को आपस में लड़ा या जा रहा है ऐसे में पाली जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के धनला गांव में रहने वाले 4 राजपूत भाइयों ने अलग ही मिसाल पेश की है जातिवाद की राजनीति से दूर इन चार भाइयों ने अपने पिता की इच्छा पर गांव में ही रहने वाले मेघवाल परिवार की दो बेटियों को पिता बन कर शादी करवाई चार भाइयों की पहल को पूरे गांव ने सराहा और पूरा गांव इन बेटियों की शादी का साक्षी बना


Body:दरअसल धनला गांव के स्वर्गीय प्रेम सिंह अपने जीवन में सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करते थे उनका मानना था कि सामाजिक रूप से कमजोर छात्रों को भी उतना ही अधिकार है जितना स्वर्ण जातियों को अपने अंतिम समय में उन्होंने इसी धारणा को आगे बढ़ाने के लिए अपने चार पुत्रों कुशाल सिंह देवेंद्र सिंह खुशवीर सिंह और तेजपाल सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी पिता के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने की ठान कर इन चार भाइयों ने अपने गांव से ही इस नई पहल की शुरुआत की


Conclusion:इन चार भाइयों की पहल को पूरे धनला गांव और आसपास के गांव के लोगों ने सराहा और इन दो बेटियों की शादी एक यादगार पल बनाने के लिए पूरे गांव को सजाया सभी ग्रामीणों ने इन दोनों बेटियों की शादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे विवाह को संपन्न कराने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी उठाई सबसे बेहतर बात यह रही कि इन दोनों बालिकाओं की बारात में आने वाले लोगों ने भी इस पहल की जमकर तारीफ की
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