जयपुर. तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाना था. लेकिन, प्रक्षेपण के 56 मिनट पूर्व तकनीकी खामी के चलते इसरो द्वारा प्रक्षेपण रोक दिया गया है. इसरो ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि अगले प्रक्षेपण की तारीख जल्द ही जारी की जाएगी.
मिशन चंद्रयान-2 : प्रक्षेपण में रुकावट चंद्रयान-2 भारत के लिए एतिहासिक अभियान है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है. बाहुबली नाम के जीएसएलवी-एमके मार्क-3 यान से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा. बाहुबली यानी की जीएसएलवी-एमके मार्क-3, 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान है. चंद्रयान-2 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह दो बजकर 51 मिनट पर इसरो द्वारा प्रक्षेपित किया जाना था. चंद्रयान-2 के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-2 से चांद के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगी.
54 दिन में चांद पर पहुंचेगा
पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद 978 करोड़ रुपये की लागत से बने चंद्रयान-2 का इसरो द्वारा प्रक्षेपण किया जा रहा है. निर्धारित तिथि पर प्रक्षेपित होने पर चंद्रयान-2 को चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगते. पर अभी कुछ समय के लिए प्रक्षेपण टाल दिया गया है.
राष्ट्रपति कोविंद प्रक्षेपण देखने पहुंते थे श्रीहरिकोटा
राष्ट्रपति एक दिन पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच गए थे. राष्ट्रपति कोविंद श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के समय मौजुद थे. लेकिन, प्रक्षेपण तकनीकी कमी के चलते स्थगित कर दिया गया है.
जयपुर. तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाना था. लेकिन, प्रक्षेपण के 56 मिनट पूर्व तकनीकी खामी के चलते इसरो द्वारा प्रक्षेपण रोक दिया गया है. इसरो ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि अगले प्रक्षेपण की तारीख जल्द ही जारी की जाएगी.
मिशन चंद्रयान-2 : प्रक्षेपण में रुकावट चंद्रयान-2 भारत के लिए एतिहासिक अभियान है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है. बाहुबली नाम के जीएसएलवी-एमके मार्क-3 यान से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा. बाहुबली यानी की जीएसएलवी-एमके मार्क-3, 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान है. चंद्रयान-2 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह दो बजकर 51 मिनट पर इसरो द्वारा प्रक्षेपित किया जाना था. चंद्रयान-2 के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-2 से चांद के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगी.
54 दिन में चांद पर पहुंचेगा
पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद 978 करोड़ रुपये की लागत से बने चंद्रयान-2 का इसरो द्वारा प्रक्षेपण किया जा रहा है. निर्धारित तिथि पर प्रक्षेपित होने पर चंद्रयान-2 को चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगते. पर अभी कुछ समय के लिए प्रक्षेपण टाल दिया गया है.
राष्ट्रपति कोविंद प्रक्षेपण देखने पहुंते थे श्रीहरिकोटा
राष्ट्रपति एक दिन पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच गए थे. राष्ट्रपति कोविंद श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के समय मौजुद थे. लेकिन, प्रक्षेपण तकनीकी कमी के चलते स्थगित कर दिया गया है.
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मिशन चंद्रयान-2 : शुरू होने जा रहा है ऐतिहासिक क्षण का काउंटडाउन
Mission Chandrayaan-2: Countdown to the historic moment is going to start
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2 बजकर 51 मिनट पर प्रक्षेपित होने वाले चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू होने जा रहा है. इस एतिहासिक क्षण का इंतजार सभी को है. सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के बाहर दर्शक जुट चुकें हैं इस इतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए.
जयपुर. तड़के 2 बजकर 51पर भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा. भारत के लिए यह एतिहासिक समय है जब चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है. बाहुबली नाम के जीएसएलवी-एमके तृतीय यान से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा. प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद जीएसएलवी-एमके तृतीय चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा.
बाहुबली यानि की जीएसएलवी-एमके 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान है. यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह दो बजकर 51 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा. चंद्रयान-2 के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा.चंद्रयान-2 से चांद के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगी.
चंद्रयान-2 के बारे में कुछ खास बाते-
चंद्रमा को गहराई जानने का मौका
मिशन द्वारा चंद्रमा पर जमीन, पानी की मात्रा, चांद पर मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन किया जाएगा. चांद की भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन, और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण भी इसमें शामिल है. इसमें तरह-तरह के कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, रडार, प्रोब और सिस्मोमीटर भेजे जा रहे हैं.
54 दिन में चांद पर पहुंचेगा
पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद 978 करोड़ रुपये की लागत से बने 'चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा जिसे चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगेंगे.
राष्ट्रपति कोविंद श्रीहरिकोटा से देखेंगे प्रक्षेपण
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद श्रीहरिकोटा में चंद्रयान का प्रक्षेपण होते हुए देखेंगे. राष्ट्रपति एक दिन पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच गए हैं.
Conclusion: