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हरा-भरा राजस्थान : मिलिए भरतपुर के ऐसा पर्यावरणविद से...जो अब तक 19,000 पौधे लगा चुके हैं

ईटीवी भारत की मुहिम ग्रीन भारत का उद्देश्य है पौधारोपण कर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगवाए जाएं. जिससे भूमि हरी-भरी हो जाए और प्राकृतिक वातावरण में अच्छा खासा सुधार हो. जिससे बरसात होने की संभावना ज्यादा रहती हैं. आज राजस्थान के भरतपुर में भी ईटीवी भारत की मुहिम ग्रीन भारत को लेकर लोगों से वृक्षारोपण के बारे में जानकारी व अनुभव लिए और उनको इसके महत्व के बारे में भी बताया.

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Published : Jul 8, 2019, 5:02 PM IST

मिलिए भरतपुर के ऐसा पर्यावरणविद से...जो अब तक 19,000 पौधे लगा चुके हैं

भरतपुर. पूर्वी राजस्थान का द्वार कहा जाने वाला भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश, हरियाणा की सीमा से लगा हुआ है. जहां खास बात यह रही है कि यहां एक लंबे समय से बरसात का अभाव देखने को मिल रहा है इसके अलावा अन्य स्रोतों से जलापूर्ति नहीं होने के कारण यहां पानी का संकट हमेशा बरकरार रहता है. जिसके चलते पौधारोपण करना एक बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि पौधारोपण करने के बाद पानी की कमी के चलते वृक्ष सूख जाते हैं. यदि मानसून काल में बरसात अच्छी हो जाती है तो पौधारोपण में लगाए गए पौधे प्रगति कर सकते हैं.

वन विभाग ने केवलादेव नेशनल पार्क के सामने पौधों की नर्सरी बना रखी है. जहां मानसून सीजन से पहले हर प्रकार के पौधे तैयार किए जाते हैं. जिनमे फलदार, फूलदार पौधे होते हैं जहां बरसात होने से पहले लोग यहां नर्सरी से सभी प्रकार के पौधे ले जाते हैं और अपने क्षेत्रों में जाकर लगाते हैं.

अमूमन देखने को मिलता है कि शहरी क्षेत्र के लोग फूलदार पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग फलदार और छायादार वृक्ष लगाने के लिए पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं. वन अधिकारी ने बताया कि नर्सरी में सभी प्रकार की वैरायटी के पौधे तैयार किए जाते हैं जिससे लोगों को यहां से मिल सके और वह पौधारोपण कर वातावरण को सकारात्मक कर सके.

मिलिए भरतपुर के ऐसा पर्यावरणविद से

यदि पेड़ पौधे लगेंगे तो बरसात ज्यादा होगी लेकिन आज लोगों में वृक्षारोपण करने का शौक कम हो चुका है वहीं नर्सरी में पौधे लेने आए लोगों ने कहा कि वृक्षारोपण करना जरूरी है. हर व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए जिससे वातावरण अच्छा बनता है और बरसात होती है. आज लोग पेड़ नहीं लगाते हैं और काट रहे हैं इसका परिणाम है कि बरसात नहीं होती है.

जिले के एक पर्यावरणविद बच्चू सिंह वर्मा हैं जिसने वृक्षारोपण करने की मुहिम काफी समय से चला रखी है और वे अब तक करीब 19,000 पौधे उन जगहों पर लगा चुके हैं जहां पौधे नहीं होते थे. पौधे लगाने के अलावा वह नियमित रूप से उनमें पानी देते हैं उनकी रक्षा कर ख्याल भी रखते हैं. इसके साथ ही युवाओं को अधिक पौधारोपण करने और खाली पड़ी जगह पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित भी करते हैं.

भरतपुर. पूर्वी राजस्थान का द्वार कहा जाने वाला भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश, हरियाणा की सीमा से लगा हुआ है. जहां खास बात यह रही है कि यहां एक लंबे समय से बरसात का अभाव देखने को मिल रहा है इसके अलावा अन्य स्रोतों से जलापूर्ति नहीं होने के कारण यहां पानी का संकट हमेशा बरकरार रहता है. जिसके चलते पौधारोपण करना एक बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि पौधारोपण करने के बाद पानी की कमी के चलते वृक्ष सूख जाते हैं. यदि मानसून काल में बरसात अच्छी हो जाती है तो पौधारोपण में लगाए गए पौधे प्रगति कर सकते हैं.

वन विभाग ने केवलादेव नेशनल पार्क के सामने पौधों की नर्सरी बना रखी है. जहां मानसून सीजन से पहले हर प्रकार के पौधे तैयार किए जाते हैं. जिनमे फलदार, फूलदार पौधे होते हैं जहां बरसात होने से पहले लोग यहां नर्सरी से सभी प्रकार के पौधे ले जाते हैं और अपने क्षेत्रों में जाकर लगाते हैं.

अमूमन देखने को मिलता है कि शहरी क्षेत्र के लोग फूलदार पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग फलदार और छायादार वृक्ष लगाने के लिए पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं. वन अधिकारी ने बताया कि नर्सरी में सभी प्रकार की वैरायटी के पौधे तैयार किए जाते हैं जिससे लोगों को यहां से मिल सके और वह पौधारोपण कर वातावरण को सकारात्मक कर सके.

मिलिए भरतपुर के ऐसा पर्यावरणविद से

यदि पेड़ पौधे लगेंगे तो बरसात ज्यादा होगी लेकिन आज लोगों में वृक्षारोपण करने का शौक कम हो चुका है वहीं नर्सरी में पौधे लेने आए लोगों ने कहा कि वृक्षारोपण करना जरूरी है. हर व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए जिससे वातावरण अच्छा बनता है और बरसात होती है. आज लोग पेड़ नहीं लगाते हैं और काट रहे हैं इसका परिणाम है कि बरसात नहीं होती है.

जिले के एक पर्यावरणविद बच्चू सिंह वर्मा हैं जिसने वृक्षारोपण करने की मुहिम काफी समय से चला रखी है और वे अब तक करीब 19,000 पौधे उन जगहों पर लगा चुके हैं जहां पौधे नहीं होते थे. पौधे लगाने के अलावा वह नियमित रूप से उनमें पानी देते हैं उनकी रक्षा कर ख्याल भी रखते हैं. इसके साथ ही युवाओं को अधिक पौधारोपण करने और खाली पड़ी जगह पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित भी करते हैं.

Intro:भरतपुर--08.07.2019

हैडलाइन-- ऐसा पर्यावरणविद जो 19000 पौधे लगा चुका है

स्लग--- ईटीवी भारत की मुहिम, ग्रीन भारत लोगों को पेड़ लगाने का दिया संदेश,एक व्यक्ति जिसने वृक्षारोपण की चला रखी है मुहिम

भरतपुर--- ईटीवी भारत की मुहिम ग्रीन भारत और वृक्षारोपण कर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगवाए जाएं जिससे भूमि हरी-भरी हो जाए और प्राकृतिक वातावरण मैं अच्छा खासा सुधार हो जिससे बरसात होने की संभावना ज्यादा रहती हैं ।
आज राजस्थान के भरतपुर में भी ईटीवी भारत की मुहिम ग्रीन भारत को लेकर लोगों से वृक्षारोपण के बारे में जानकारी व अनुभव लिए और उनको इसके महत्व के बारे में भी बताया । दरअसल पूर्वी राजस्थान का द्वार कहां जाने वाला भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश हरियाणा की सीमा से लगा हुआ है जहां खास बात यह रही है की यहां एक लंबे समय से बरसात का अभाग देखने को मिल रहा है इसके अलावा अन्य स्रोतों से जलापूर्ति नहीं होने के कारण यहां पानी का संकट हमेशा बरकरार रहता है जिसके चलते वृक्षारोपण करना एक बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि वृक्षारोपण करने के बाद पानी की कमी के चलते वृक्ष सूख जाते हैं और यदि मॉनसून काल में बरसात अच्छी हो जाती है तो वृक्षारोपण में लगाए गए पौधे प्रगती कर सकते हैं ।
वन विभाग ने केवलादेव नेशनल पार्क के सामने पौधों की नर्सरी बना रखी है जहां मानसून सीजन से पहले हर प्रकार के पौधे तैयार किए जाते हैं जिनमे फलदार फूलदार पौधे होते हैं जहां बरसात होने से पहले लोग यहां नर्सरी से सभी प्रकार के पौधे ले जाते हैं और अपने क्षेत्रों में जाकर लगाते हैं ।
अमूमन देखने को मिलता है कि शहरी क्षेत्र के लोग फूलदार पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग फलदार और छायादार वृक्ष लगाने के लिए पौधे ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं । वन अधिकारी ने बताया कि नर्सरी में सभी प्रकार की वैरायटी के पौधे तैयार किए जाते हैं जिससे लोगों को यहां से मिल सके और वह वृक्षारोपण पेड़ पौधे लगाकर कर वातावरण को सकारात्मक कर सके यदि पेड़ पौधे लगेंगे तो बरसात ज्यादा होगी लेकिन आज लोगों में वृक्षारोपण करने का शौक कम हो चुका है वहीं नर्सरी में पौधे लेने आए लोगों ने कहा कि वृक्षारोपण करना जरूरी है हर व्यक्ति को पेड़ लगाने चाहिए जिससे वातावरण अच्छा बनता है और बरसात होती है आज लोग पेड़ नहीं लगाते हैं और काट रहे हैं इसका परिणाम है कि बरसात नहीं होती है।
जिले का एक पर्यावरणविद बच्चू सिंह वर्मा जिसने वृक्षारोपण करने की मुहिम काफी समय से चला रखी है और वे अब तक करीब 19000 पौधे उन जगहों पर लगा चुके हैं जहां पौधे नहीं होते थे । पौधे लगाने के अलावा वह नियमित रूप से उनमें पानी देते हैं उनकी रक्षा कर खयाल भी रखते हैं इसके साथ ही युवाओं को अधिक वृक्षारोपण करने व खाली पड़ी जगह पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित भी करते हैं ।

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