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किरोड़ी सिंह बैंसला...एक नजर में - Lok Sabha Elections 2019

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला दिल्ली में बीजेपी के कार्यालय भी पहुंच कर भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं. बैंसला के साथ में उनका बेटा बिजय बैंसला भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं किरोड़ी सिंह बैंसला और उन्हें बीजेपी में वापस लाने में किसकी भूमिका अहम रही.

किरोड़ी सिंह बैंसला बीजेपी में शामिल
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Published : Apr 10, 2019, 12:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पिछले 10 साल से अधिक समय से गुर्जर आरक्षण आंदोलन समय-समय पर होता आया है और हर बार इस आंदोलन की अगुवाई के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का नाम सामने आया है. राजस्थान में गुर्जर समाज की अगुवाई करने वाले एक बड़े नेता हैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडवा गांव में हुआ. कर्नल किरोड़ी जाति से भेजना है यानी गुर्जर समाज से आते हैं. अपने करियर के शुरुआती दौर में बैंसला ने कुछ दिन बकायदा अध्यापक के रूप में काम किया हालांकि उनके पिता फौज में होने के कारण उनका भी सेना की ओर जाने का हुआ और वह फिर सेना में भर्ती हो गए.

राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुए और सेना में रहते हुए 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी से वतन के लिए जौहर दिखाया. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला एक बार पाकिस्तान के युद्ध बंदी भी रहे हैं. गुर्जर आंदोलन उन आंदोलनों में शामिल है जिसमें 70 से अधिक गुर्जरों की मौत हो गई.

बीजेपी में शामिल होने के पीछे मुख्य किरदार है प्रकाश जावड़ेकर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने भाजपा का साथ दिया. उसके बाद इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अब एक गुर्जर समाज का बड़ा नेता भी भाजपा में शामिल हो गया. यह संभावना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी क्योंकि राजस्थान लोकसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर उनसे लगातार संपर्क में थे और जो लेकर के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भी इसकी जानकारी थी.

जावड़ेकर ने अपने विश्वस्त नेताओं के सहारे बैंसला से संपर्क किया लेकिन इस संपर्क के दौरान राजस्थान में टिकट का बंटवारा नहीं हो पाया था. लिहाजा कुछ सीटों पर बैंसला की ओर से टिकट की मांग भी उठाई और वह मीडिया में सुर्खियां बनी. बताया जा रहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अजमेर या सवाई माधोपुर-टोंक लोकसभा सीट से अपनी बेटी-बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसके बाद संभावना इस बात की भी जताई गई कि राजसमंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर के सामने भाजपा किसी गुर्जर समाज के व्यक्ति को उतार दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पहले भाजपा की खिलाफत अब भाजपा के साथ
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला साल 2009 में लोकसभा का चुनाव टोंक सवाई माधोपुर सीट से लड़ चुके हैं और उस समय कांग्रेस के नमो नारायण मीणा ने उन्हें हरा दिया.

जयपुर. राजस्थान में पिछले 10 साल से अधिक समय से गुर्जर आरक्षण आंदोलन समय-समय पर होता आया है और हर बार इस आंदोलन की अगुवाई के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का नाम सामने आया है. राजस्थान में गुर्जर समाज की अगुवाई करने वाले एक बड़े नेता हैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडवा गांव में हुआ. कर्नल किरोड़ी जाति से भेजना है यानी गुर्जर समाज से आते हैं. अपने करियर के शुरुआती दौर में बैंसला ने कुछ दिन बकायदा अध्यापक के रूप में काम किया हालांकि उनके पिता फौज में होने के कारण उनका भी सेना की ओर जाने का हुआ और वह फिर सेना में भर्ती हो गए.

राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुए और सेना में रहते हुए 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी से वतन के लिए जौहर दिखाया. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला एक बार पाकिस्तान के युद्ध बंदी भी रहे हैं. गुर्जर आंदोलन उन आंदोलनों में शामिल है जिसमें 70 से अधिक गुर्जरों की मौत हो गई.

बीजेपी में शामिल होने के पीछे मुख्य किरदार है प्रकाश जावड़ेकर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने भाजपा का साथ दिया. उसके बाद इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अब एक गुर्जर समाज का बड़ा नेता भी भाजपा में शामिल हो गया. यह संभावना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी क्योंकि राजस्थान लोकसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर उनसे लगातार संपर्क में थे और जो लेकर के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भी इसकी जानकारी थी.

जावड़ेकर ने अपने विश्वस्त नेताओं के सहारे बैंसला से संपर्क किया लेकिन इस संपर्क के दौरान राजस्थान में टिकट का बंटवारा नहीं हो पाया था. लिहाजा कुछ सीटों पर बैंसला की ओर से टिकट की मांग भी उठाई और वह मीडिया में सुर्खियां बनी. बताया जा रहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अजमेर या सवाई माधोपुर-टोंक लोकसभा सीट से अपनी बेटी-बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसके बाद संभावना इस बात की भी जताई गई कि राजसमंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर के सामने भाजपा किसी गुर्जर समाज के व्यक्ति को उतार दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पहले भाजपा की खिलाफत अब भाजपा के साथ
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला साल 2009 में लोकसभा का चुनाव टोंक सवाई माधोपुर सीट से लड़ चुके हैं और उस समय कांग्रेस के नमो नारायण मीणा ने उन्हें हरा दिया.

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गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला दिल्ली में बीजेपी के कार्यालय भी पहुंच कर भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं. बैंसला के साथ में उनका बेटा बिजय बैंसला भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं किरोड़ी सिंह बैंसला और उन्हें बीजेपी में वापस लाने में किसकी भूमिका अहम रही.

जयपुर. राजस्थान में पिछले 10 साल से अधिक समय से गुर्जर आरक्षण आंदोलन समय-समय पर होता आया है और हर बार इस आंदोलन की अगुवाई के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का नाम सामने आया है. राजस्थान में गुर्जर समाज की अगुवाई करने वाले एक बड़े नेता हैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडवा गांव में हुआ. कर्नल किरोड़ी जाति से भेजना है यानी गुर्जर समाज से आते हैं. अपने करियर के शुरुआती दौर में बैंसला ने कुछ दिन बकायदा अध्यापक के रूप में काम किया हालांकि उनके पिता फौज में होने के कारण उनका भी सेना की ओर जाने का हुआ और वह फिर सेना में भर्ती हो गए.

राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुए और सेना में रहते हुए 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी से वतन के लिए जौहर दिखाया. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला एक बार पाकिस्तान के युद्ध बंदी भी रहे हैं. गुर्जर आंदोलन उन आंदोलनों में शामिल है जिसमें 70 से अधिक गुर्जरों की मौत हो गई.

बीजेपी में शामिल होने के पीछे मुख्य किरदार है प्रकाश जावड़ेकर

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने भाजपा का साथ दिया. उसके बाद इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अब एक गुर्जर समाज का बड़ा नेता भी भाजपा में शामिल हो गया. यह संभावना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी क्योंकि राजस्थान लोकसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर उनसे लगातार संपर्क में थे और जो लेकर के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भी इसकी जानकारी थी.

जावड़ेकर ने अपने विश्वस्त नेताओं के सहारे बैंसला से संपर्क किया लेकिन इस संपर्क के दौरान राजस्थान में टिकट का बंटवारा नहीं हो पाया था. लिहाजा कुछ सीटों पर बैंसला की ओर से टिकट की मांग भी उठाई और वह मीडिया में सुर्खियां बनी. बताया जा रहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अजमेर या सवाई माधोपुर-टोंक लोकसभा सीट से अपनी बेटी-बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसके बाद संभावना इस बात की भी जताई गई कि राजसमंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर के सामने भाजपा किसी गुर्जर समाज के व्यक्ति को उतार दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अब संभावना जताई जा रही है कि बैंसल अपने बेटे या बेटी के लिए बीजेपी से दौसा की सीट की मांग कर सकते हैं. इस बात पर से पर्दा भी जल्द उठ जाएगा.

पहले भाजपा की खिलाफत अब भाजपा के साथ

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला साल 2009 में लोकसभा का चुनाव टोंक सवाई माधोपुर सीट से लड़ चुके हैं और उस समय कांग्रेस के नमो नारायण मीणा ने उन्हें हरा दिया.


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