पहले दिल्ली में 3 दिन तक लगातार हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक और उसके बाद जयपुर में हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक में सभी 25 सीटों को लेकर गहन मंथन हो चुका है. अब सबकी नजर 8 मार्च को दिल्ली में होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक पर है. राहुल गांधी के वार रूम में सुबह 11 बजे से आयोजित होने वाली इस बैठक में जिताऊ दावेदारों के नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. जिसे सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेज दिया जाएगा.
इस बार होने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट शामिल होंगे. पार्टी के जानकारों की माने तो आला नेताओं ने ग्राउंड रिपोर्ट, जिला प्रभारियों की रिपोर्ट और दिल्ली में 3 दिन चली मैराथन बैठक के बाद सभी 25 सीटों पर तीन-तीन नामों के पैनल तैयार कर लिए हैं. अब इन सभी 3 नामों को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रखा जाएगा और कोशिश की जाएगी कि 1 नाम पर सर्वसम्मति बन जाए.
लेकिन अगर एक नाम पर सहमति नहीं बनती है तो फिर दो या तीन नाम कोई स्क्रीनिंग कमेटी में रखा जाएगा. जहां पर भी सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया जाएगा और सर्वसम्मति से आए नाम को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में भेज दिया जाएगा. जहां सेंट्रल इलेक्शन कमेटी इन नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी.
जहां अब तक पार्टी के नेता लगातार यह कह रहे थे कि इस बार विधायक बन चुके या विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं पर पार्टी लोकसभा चुनाव में नहीं लगाएगी लेकिन जब से एयर स्ट्राइक हुई है उसके बाद से देश प्रदेश में परिस्थितियां बदल गई हैं. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं को भी चुनाव में उतारने से पीछे नहीं हटेगी. चाहे इसके लिए उन्हें किसी मंत्री को भी चुनाव में उतारना पड़े तो वह इससे परहेज नहीं करेगी.
पार्टी के सूत्रों की माने तो करीब एक दर्जन के करीब विधायक और विधायक का चुनाव लड़ चुके नेता चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम आगे कर भी चुके हैं. जिनमें मंत्री हरीश चौधरी, खिलाड़ी लाल बैरवा. विधायक का चुनाव लड़े मानवेंद्र सिंह, अर्चना शर्मा शामिल हैं. पार्टी के सामने मुसीबत यह भी है कि अगर वह इन विधायकों या विधायक का चुनाव लड़े नेताओं को आगे नहीं करती है तो कई सीटों पर पार्टी के पास जिताऊ चेहरा भी नहीं है.
राजस्थान की 25 सीटों को लेकर CWC की अहम बैठक 8 मार्च को...नामों पर लगेगी अंतिम मुहर
जयपुर. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी अपने मिशन-25 को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है. बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में करो या मरो की स्थिति में है. इसी के चलते कांग्रेस बीते 1 महीने से लगातार लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन में लगी हुई है और अब प्रत्याशी चयन की कवायद अपने अंतिम दौर में है.
पहले दिल्ली में 3 दिन तक लगातार हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक और उसके बाद जयपुर में हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक में सभी 25 सीटों को लेकर गहन मंथन हो चुका है. अब सबकी नजर 8 मार्च को दिल्ली में होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक पर है. राहुल गांधी के वार रूम में सुबह 11 बजे से आयोजित होने वाली इस बैठक में जिताऊ दावेदारों के नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. जिसे सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेज दिया जाएगा.
इस बार होने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट शामिल होंगे. पार्टी के जानकारों की माने तो आला नेताओं ने ग्राउंड रिपोर्ट, जिला प्रभारियों की रिपोर्ट और दिल्ली में 3 दिन चली मैराथन बैठक के बाद सभी 25 सीटों पर तीन-तीन नामों के पैनल तैयार कर लिए हैं. अब इन सभी 3 नामों को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रखा जाएगा और कोशिश की जाएगी कि 1 नाम पर सर्वसम्मति बन जाए.
लेकिन अगर एक नाम पर सहमति नहीं बनती है तो फिर दो या तीन नाम कोई स्क्रीनिंग कमेटी में रखा जाएगा. जहां पर भी सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया जाएगा और सर्वसम्मति से आए नाम को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में भेज दिया जाएगा. जहां सेंट्रल इलेक्शन कमेटी इन नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी.
जहां अब तक पार्टी के नेता लगातार यह कह रहे थे कि इस बार विधायक बन चुके या विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं पर पार्टी लोकसभा चुनाव में नहीं लगाएगी लेकिन जब से एयर स्ट्राइक हुई है उसके बाद से देश प्रदेश में परिस्थितियां बदल गई हैं. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं को भी चुनाव में उतारने से पीछे नहीं हटेगी. चाहे इसके लिए उन्हें किसी मंत्री को भी चुनाव में उतारना पड़े तो वह इससे परहेज नहीं करेगी.
पार्टी के सूत्रों की माने तो करीब एक दर्जन के करीब विधायक और विधायक का चुनाव लड़ चुके नेता चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम आगे कर भी चुके हैं. जिनमें मंत्री हरीश चौधरी, खिलाड़ी लाल बैरवा. विधायक का चुनाव लड़े मानवेंद्र सिंह, अर्चना शर्मा शामिल हैं. पार्टी के सामने मुसीबत यह भी है कि अगर वह इन विधायकों या विधायक का चुनाव लड़े नेताओं को आगे नहीं करती है तो कई सीटों पर पार्टी के पास जिताऊ चेहरा भी नहीं है.
Body:आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी अपने मिशन 25 को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में करो या मरो की स्थिति में है इसी के चलते कांग्रेस बीते 1 महीने से लगातार तो लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन को लेकर लगातार मंथन में लगी हुई है और अब प्रत्याशी चयन की कवायद अपने अंतिम दौर में है पहले दिल्ली में 3 दिन तक लगातार हुई फ्री स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक और उसके बाद जयपुर में हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक में सभी 25 सीटों को लेकर गहन मंथन हो चुका है अब सबकी नजर 8 मार्च को दिल्ली में होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक पर है राहुल गांधी के वार्ड रूम में सुबह 11:00 बजे से आयोजित होने वाली इस बैठक में जिताऊ दावेदारों के नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा जिसे सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेज दिया जाएगा इस बार होने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट चारों से प्रभारी शामिल होंगे पार्टी के जानकारों की माने तो आला नेताओं ने ग्राउंड रिपोर्ट जिला प्रभारियों की रिपोर्ट और दिल्ली में 3 दिन चली मैराथन बैठक के बाद सभी 25 सीटों पर तीन-तीन नामों के पैनल तैयार कर लिए हैं अब इन सभी 3 नामों को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रखा जाएगा और कोशिश की जाएगी कि 1 नाम पर सर्वसम्मति बन जाए लेकिन अगर एक नाम पर सहमति नहीं बनती है तो फिर दो या तीन नाम कोई स्क्रीनिंग कमेटी में रखा जाएगा जहां पर भी सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया जाएगा और सर्वसम्मति से आए नाम को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में भेज दिया जाएगा जहां सेंट्रल इलेक्शन कमेटी इन नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी
एयर स्ट्राइक के बाद बदली परिस्थितियों में अब मंत्री और विधायकों पर दांव लगाने से नहीं कराएगी पार्टी
जहां अब तक पार्टी के नेता लगातार यह कह रहे थे कि इस बार विधायक बन चुके या विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं पर पार्टी लोकसभा चुनाव में गांव नहीं लगाएगी लेकिन जब से एयर स्ट्राइक हुई है उसके बाद से देश प्रदेश में परिस्थितियां बदल गई है ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी विधायक विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं को भी चुनाव में उतारने से कि नहीं चाहे इसके लिए उन्हें किसी मंत्री को भी चुनाव में उतारना पड़े तो वह इससे परहेज नहीं करेगी पार्टी के आला नेताओं में इस बात को लेकर चर्चा हो चुकी है स्क्रीनिंग कमेटी में इस बात को लेकर फाइनल चर्चा होगी पार्टी के सूत्रों की माने तो करीब एक दर्जन के करीब विधायक और विधायक का चुनाव लड़ चुके नेता चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम आगे कर भी चुके हैं जिनमें मंत्री हरीश चौधरी खिलाड़ी लाल बैरवा विधायक का चुनाव लड़े मानवेंद्र सिंह अर्चना शर्मा शामिल है पार्टी के सामने मुसीबत यह भी है कि अगर वह इन विधायकों या विधायक का चुनाव लड़े नेताओं को आगे नहीं करती है तो कई सीटों पर पार्टी के पास जिताऊ चेहरा भी नहीं है वहीं पार्टी के शीर्ष नेता दबी जुबान में यह स्वीकार भी कर रहे हैं कि पार्टी नेताओं के मंत्रियों और विधायकों को चुनाव लड़ आ जाता है तो सरकार के लिए कोई खतरा भी नहीं है क्योंकि एक दर्जन से निर्दलीय जीत कर आए विधायक भी कांग्रेस सरकार को समर्थन दे चुके हैं और ज्यादातर विधायक में से कांग्रेस की विचारधारा से ही आते हैं और केवल टिकट नहीं मिलने पर ही इन्होंने कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ा था अन्यथा यह सभी कॉन्ग्रेस के साथ हैं
Conclusion: