जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल्स में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा क्लैट 2019 में विवादित प्रश्न पूछने पर क्लैट कंसोर्टियम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश सोमवार को रोचित बाकलीवाल की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता किंशुक जैन ने अदालत को बताया कि नेशनल लॉ स्कूल्स में पंचवर्षीय लॉ कोर्स में प्रवेश के लिए गत 26 मई को क्लेट परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें एक प्रश्न पूछा गया कि गोल्डन पीकॉक अवार्ड किस क्षेत्र में दिया जाता है. परीक्षा आयोजनकर्ता ने इसका जवाब कॉरपोरेट गवर्नेंस मानते हुए उत्तर कुंजी जारी कर दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड देने वाली संस्था से इस बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि यह पुरस्कार कॉरपोरेट गवर्नेंस के अलावा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के क्षेत्र में दिया जाता है.
इसके बावजूद परीक्षा आयोजनकर्ता ने इसका उत्तर सिर्फ कारपोरेट गवर्नेंस ही माना, जबकि दूसरे उत्तर का विकल्प भी वैकल्पिक उत्तरों में मौजूद था. जिसके चलते याचिकाकर्ता का एक प्रश्न गलत माना गया और ना केवल उसे एक अंक कम मिला, बल्कि चौथाई अंक भी काटा गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परीक्षा आयोजनकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
नाबालिग से ज्यादती करने वाले अभियुक्त को 14 साल की जेल
जयपुर में पोक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम संख्या 6 ने नाबालिग लड़की के साथ ज्यादती करने वाले अभियुक्त सुरेंद्र को 14 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने बजाज नगर निवासी इस अभियुक्त पर सवा लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह राजावत ने अदालत को बताया कि मामले में पीड़िता की मां ने वर्ष 2016 में बजाज नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि पड़ोस में रहने वाले अभियुक्त ने पीड़िता की मां को फोन कर पीड़िता के जरिए एक किताब मंगवाई. जब पीड़िता किताब देने गई तो अभियुक्त पीड़िता को जबरन अपने कमरे में ले गया. कुछ देर बाद पीड़िता की मां के फोन करने पर अभियुक्त ने पीड़िता के किताब देकर वापस चले जाने की बात कही.
वहीं थोड़ी देर बाद पीड़िता ने घर जाकर अपनी मां को बताया कि अभियुक्त ने उसे जबरन अश्लील फिल्म दिखाई और अप्राकृतिक कृत्य करने की कोशिश की. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.