जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को कनिष्ठ लेखाकार भर्ती 2013 में मंत्रालयिक कर्मचारियों को कोटे का लाभ नहीं देने के मामले में आरपीएससी को नसीहत देते हुए उस पर ₹25000 का हर्जाना लगा दिया. अदालत ने कहा कि आयोग का काम न्यायसंगत तरीके से काम करना है. लेकिन मामले में उसने अपने विवेक का काम ही नहीं लिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को कोटे का लाभ देने को भी कहा है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश विपिन शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि आरपीएससी ने वर्ष 2013 में कनिष्ठ लेखाकार व टीआरए की भर्ती निकाली थी. जिसमें 12.5 फीसदी मंत्रालयिक कर्मचारियों का कोटा रखा गया था. याचिका में कहा गया कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 जून 2015 तक याचिकाकर्ता एलडीसी ग्रेड 2 के पद पर कार्यरत थे. जुलाई 2016 में वे कर सहायक बन गए. आगे बताया कि आयोग ने उन्हें मंत्रालयिक कर्मचारी नहीं मानकर कोटे का लाभ नहीं दिया. जबकि आवेदन की अंतिम तिथि के समय में मंत्रालयिक कर्मचारियों की श्रेणी में आते थे.
वहीं आरपीएससी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता नियुक्ति के समय मंत्रालयिक कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं आते थे. ऐसे में उन्हें कोटे का लाभ नहीं दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आयोग पर हर्जाना लगा दिया है.