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रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में लगेगा जीपीएस

लोकसभा चुनाव में इस बार रिजर्व में रहने वाली ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा. प्रत्येक जिला स्तर पर यह पूरी प्रक्रिया की जाएगी. इससे सभी मशीनों पर नजर रखी जा सकेगी. बीते साल विधानसभा चुनाव में मिली गड़बड़ी के बाद निर्वाचन विभाग ने यह फैसला लिया है.

रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में लगेगा जीपीएस
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Published : Apr 1, 2019, 4:35 PM IST

अलवर. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के पाली जिले में एक बीजेपी के उम्मीदवार के घर ईवीएम पहुंचने का मामला सामने आया था. उसके बाद निर्वाचन विभाग हरकत में आया व रिटर्निंग अधिकारी को हटा दिया गया
तो वहीं इसके अलावा भी ईवीएम के साथ कई तरह की गड़बड़ियां होने का खतरा रहता है. इसलिए निर्वाचन विभाग ने इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम व वीवीपैट मशीन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है.

रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में लगेगा जीपीएस


इसके लिए अलवर में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा. अलवर जिले में 2 हजार 697 और अलवर लोकसभा सीट पर 1991 पोलिंग बूथ है. प्रत्येक बूथ पर दो से तीन मशीन रिजर्व में रहती हैं.


अलवर निर्वाचन शाखा के अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस बार रिजर्व में रहने वाली मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा. उसके लिए निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगने से मशीनों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी और मशीन बूथ पर ही रहेगी.

अलवर. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के पाली जिले में एक बीजेपी के उम्मीदवार के घर ईवीएम पहुंचने का मामला सामने आया था. उसके बाद निर्वाचन विभाग हरकत में आया व रिटर्निंग अधिकारी को हटा दिया गया
तो वहीं इसके अलावा भी ईवीएम के साथ कई तरह की गड़बड़ियां होने का खतरा रहता है. इसलिए निर्वाचन विभाग ने इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम व वीवीपैट मशीन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है.

रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में लगेगा जीपीएस


इसके लिए अलवर में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा. अलवर जिले में 2 हजार 697 और अलवर लोकसभा सीट पर 1991 पोलिंग बूथ है. प्रत्येक बूथ पर दो से तीन मशीन रिजर्व में रहती हैं.


अलवर निर्वाचन शाखा के अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस बार रिजर्व में रहने वाली मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा. उसके लिए निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगने से मशीनों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी और मशीन बूथ पर ही रहेगी.

Intro:लोकसभा चुनाव में इस बार रिजर्व में रहने वाली ईवीएम व वीवीपेट मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। प्रत्येक जिला स्तर पर यह पूरी प्रक्रिया की जाएगी। इससे सभी मशीनों पर नजर रखी जा सकेगी। बीते साल विधानसभा चुनाव में मिली गड़बड़ी के बाद निर्वाचन विभाग ने यह फैसला लिया है।



Body:बीते साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के पाली जिले में एक बीजेपी के उम्मीदवार के घर ईवीएम मशीन पहुंचने का मामला सामने आया था। उसके बाद निर्वाचन विभाग हरकत में आया व रिटर्निंग अधिकारी को हटा दिया गया।

तो वहीं इसके अलावा भी ईवीएम मशीन के साथ कई तरह की गड़बड़ियां होने का खतरा रहता है। इसलिए निर्वाचन विभाग ने इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीन व वीवीपेट मशीन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है।

इसके लिए अलवर में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। अलवर जिले में 2 हजार 697 व अलवर लोकसभा सीट पर 1991 पोलिंग बूथ है। प्रत्येक बूथ पर दोस्ती मशीन रिजर्व में रहती हैं।


Conclusion:अलवर निर्वाचन शाखा के अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस बार रिजर्व में रहने वाली मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। उसके लिए निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगने से मशीनों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी व मशीन बूथ पर ही रहेगी।
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