अलवर. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के पाली जिले में एक बीजेपी के उम्मीदवार के घर ईवीएम पहुंचने का मामला सामने आया था. उसके बाद निर्वाचन विभाग हरकत में आया व रिटर्निंग अधिकारी को हटा दिया गया
तो वहीं इसके अलावा भी ईवीएम के साथ कई तरह की गड़बड़ियां होने का खतरा रहता है. इसलिए निर्वाचन विभाग ने इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम व वीवीपैट मशीन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है.
इसके लिए अलवर में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा. अलवर जिले में 2 हजार 697 और अलवर लोकसभा सीट पर 1991 पोलिंग बूथ है. प्रत्येक बूथ पर दो से तीन मशीन रिजर्व में रहती हैं.
अलवर निर्वाचन शाखा के अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस बार रिजर्व में रहने वाली मशीनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा. उसके लिए निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगने से मशीनों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी और मशीन बूथ पर ही रहेगी.