कोटा. नगर विकास न्यास की लापरवाही के चलते मंगलवार को शहीद स्मारक पार्क के पोल में आ रहे करंट की चपेट में 12 साल की बच्ची आ गई. जिससे उसकी मौत हो गई. बच्ची के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. जहां पर दोपहर 12:00 बजे तक परिजन पोस्टमार्टम होने का इंतजार करते रहे. वहीं नयापुरा पुलिस इस मामले में जांच की बात कह रही है.
दरअसल, सांगोद क्षेत्र के किशनपुरा जागीर निवासी रूमालिया अपने परिवार को लेकर कोटा से गांव जा रहे थे. वह नयापुरा थाना क्षेत्र अंटाघर पर उतरे और अपनी 12 साल की बच्ची दीपू को यूआईटी के शहीद स्मारक पार्क में पानी लेने के लिए भेज दिया.
बच्ची पानी लेकर आ रही थी, तभी पार्क के एक पोल के साथ उसका हाथ लग गया. करंट लगने से बच्ची तड़पने लगी और उसकी आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने उसे देखा. इसके बाद उसे छुड़ाने की कोशिश की तो उन्हें भी पहले करंट के झटके महसूस हुए. ऐसे में उन्होंने डंडे की मदद से बच्ची को पोल से दूर किया.
वहीं बच्ची को 108 एंबुलेंस की मदद से एमबीएस अस्पताल ले जाया गया. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे के परिजनों को नयापुरा पुलिस ने सुबह 9 बजे पोस्टमार्टम करवाने की बात कही थी, लेकिन दोपहर 12 बजे तक एक भी नयापुरा थाने का पुलिसकर्मी पोस्टमार्टम करवाने नहीं पहुंचा. ऐसे में परिजन मोर्चरी के बाहर पोस्टमार्टम के लिए पुलिस का इंतजार करते रहे.
इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं यूआईटी के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की बात पर पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है उसके बाद ही कुछ कर पाएंगे.