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विपदा के समय बचाव करने वाले स्वयंसेवकों के चयन पर ही आपदा - defence

नागौर. किसी भी विपत्ति के समय आमजन की जान बचाने वाले आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों की चयन प्रक्रिया पर ही आपदा आती दिख रही है. नागौर में 50 स्वयंसेवकों के चयन के लिए 19 फरवरी को प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन जब चयन हुआ तो कुछ अभ्यर्थियों ने प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाकर शिकायत कर दी. इस पर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने प्रक्रिया पर गुरुवार को रोक लगा दी.

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Published : Feb 22, 2019, 4:31 AM IST

आपदा प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों के चयन के लिए 19 फरवरी को प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. इसमें गड़बड़ी की शिकायत को लेकर कुछ अभ्यर्थी बुधवार को उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी से मिले थे तथा इसकी शिकायत कलेक्टर को भी की थी. इस पर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने गुरुवार को इस प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश जारी की दिए हैं.

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प्रक्रिया में चुने गए सुखदेव का कहना है कि उन्होंने दौड़ पूरी की, दस्तावेज और प्रमाण पत्र भी योग्यता के हिसाब से पूरे थे, तब जाकर चयन हुआ था. तीन दिन तक कड़ी ट्रैनिंग ली लेकिन अब पता चला कि प्रक्रिया ही रोक दी गई है जो की सरासर गलत है. एक और चयनित स्वयंसेवक अनिल बिश्नोई का कहना है कि पहले चयन के लिए कड़ी मेहनत की फिर तीन दिन तक ट्रैनिंग ली. अब भर्ती को रोकना अन्याय है. वहीं, कैलाश का कहना है कि चयन प्रक्रिया में यदि किसी स्टाफ या अधिकारी ने गड़बड़ी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए चयनितों को क्यों परेशान किया जा रहा है.


Conclusion:

आपदा प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों के चयन के लिए 19 फरवरी को प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. इसमें गड़बड़ी की शिकायत को लेकर कुछ अभ्यर्थी बुधवार को उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी से मिले थे तथा इसकी शिकायत कलेक्टर को भी की थी. इस पर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने गुरुवार को इस प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश जारी की दिए हैं.

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प्रक्रिया में चुने गए सुखदेव का कहना है कि उन्होंने दौड़ पूरी की, दस्तावेज और प्रमाण पत्र भी योग्यता के हिसाब से पूरे थे, तब जाकर चयन हुआ था. तीन दिन तक कड़ी ट्रैनिंग ली लेकिन अब पता चला कि प्रक्रिया ही रोक दी गई है जो की सरासर गलत है. एक और चयनित स्वयंसेवक अनिल बिश्नोई का कहना है कि पहले चयन के लिए कड़ी मेहनत की फिर तीन दिन तक ट्रैनिंग ली. अब भर्ती को रोकना अन्याय है. वहीं, कैलाश का कहना है कि चयन प्रक्रिया में यदि किसी स्टाफ या अधिकारी ने गड़बड़ी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए चयनितों को क्यों परेशान किया जा रहा है.


Conclusion:

Intro:नागौर. किसी भी विपत्ति के समय आमजन की जान बचाने वाले आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों की चायन प्रक्रिया पर ही आपदा आती दिख रही है। नागौर में 50 स्वयंसेवकों के चयन के लिए 19 फरवरी को प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब चयन हुआ तो कुछ अभ्यर्थियों ने प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाकर शिकायत कर दी। इस पर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने प्रक्रिया पर गुरुवार को रोक लगा दी। जैसे ही यह सूचना चयनित स्वयंसेवकों को मिली तो वे गुस्सा हो गए। अब उनका कहना है कि प्रक्रिया वापस शुरू नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।


Body:आपदा प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों के चयन के लिए 19 फरवरी को प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसमें गड़बड़ी की शिकायत लेकर कुछ अभ्यर्थी बुधवार को उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी से मिले थे। उन्होंने कलेक्टर को भी शिकायत की थी। कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने गुरुवार को इस प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश दिए।
प्रक्रिया में चुने गए सुखदेव का कहना है कि उन्होंने दौड़ पूरी की। दस्तावेज और प्रमाण पत्र भी योग्यता के हिसाब से पूरे थे। तब जाकर चयन हुआ। तीन दिन तक कड़ी ट्रैनिंग ली। अब पता चला कि प्रक्रिया ही रोक दी है। यह गलत है। एक और चयनित स्वयंसेवक अनिल बिश्नोई का कहना है कि पहले चयन के लिए कड़ी मेहनत की। फिर तीन दिन तक ट्रैनिंग ली। अब भर्ती रोकना अन्याय है। वहीं, कैलाश का कहना है कि चयन प्रक्रिया में यदि किसी स्टाफ या अधिकारी ने गड़बड़ी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हमें क्यों परेशान किया जा रहा है।


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