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जयपुर की चारदीवारी इलाके में गंदगी का अंबार...क्या ऐसे बनेगी स्मार्ट सिटी - राजस्थान

जयपुर की चारदीवारी इलाके में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. मकानों के बीच कई छोटी गलियां, अब गंदी गलियों के नाम से भी जानी जाती हैं. ऐसे में नगर निगम के मूकदर्शक बने बैठे रहने से यहां कचरे के ढेर लग जाते हैं.

क्या ऐसे बनेगी स्मार्ट सिटी
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Published : Jun 9, 2019, 4:44 PM IST

जयपुर. नगर निगम जिम्मेदारियों को लेकर कितना संजीदा है. इसकी बानगी जयपुर के चारदीवारी इलाके की गंदी गलियों को देखने पर मिलती है. जहां कचरे के अंबार लगे पड़े हैं. बारिश के दौर में ये कचरा सड़कों पर बहेगा और बीमारियों को न्योता देगा सो अलग.

जयपुर के चारदीवारी इलाके के ऐसे है हाल
गंदी गलियां, गंदी नालियां और कचरे के ढेर से अटी सड़कें जयपुर की चारदीवारी के कुछ ऐसे ही हाल है. जो लंबे समय से निगम की बेरुखी झेल रहा है. शायद नगर निगम को शहरी क्षेत्र से कोई सरोकार ही नहीं है. यहीं वजह है कि चारदीवारी इलाके में मकानों के बीच कई छोटी गलियां, अब गंदी गलियों के नाम से भी जानी जाती हैं. लोग यहां कचरा डालने से परहेज नहीं करते और निगम के मूकदर्शक बने बैठे रहने से यहां कचरे के ढेर लग जाते हैं.

पार्षदों ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया
समय पर उनकी सफाई नहीं होने से ये कचरा अब चिंता का सबब बनता जा रहा है. मानसून सिर पर है, बारिश के दौर में ये कचरा गलियों से निकलकर सड़कों पर बहेगा. तो वहीं इस कचरे की वजह से बीमारियां भी पैर पसारेंगी. इस पर पार्षदों ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया है और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.

जयपुर में गंदी गलियां, गंदी नालियां और कचरे के ढेर...क्या ऐसे बनेगी स्मार्ट सिटी

मेयर विष्णु लाटा का क्या कहना है
वहीं मेयर विष्णु लाटा का कहना है कि बीवीजी कंपनी के भुगतान में इसकी कटौती की जा रही है. तो वहीं स्मार्ट सिटी से मिले 4 करोड़ रुपए के फंड के सहारे गलियों की मरम्मत और सफाई के निर्देश चीफ इंजीनियर को दिए हैं.

क्या ऐसे बनेगा जयपुर स्मार्ट सिटी
बहरहाल, ये तो दावे हैं, जो हर बार कमियों को दूर करने के लिए किए जाते हैं. लेकिन, आप अंदाजा लगाइए कि एक तरफ तो जयपुर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं. तो दूसरी तरफ गलियों की सफाई भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में सवाल उठते हैं क्या ऐसे बनेगा स्मार्ट जयपुर.

जयपुर. नगर निगम जिम्मेदारियों को लेकर कितना संजीदा है. इसकी बानगी जयपुर के चारदीवारी इलाके की गंदी गलियों को देखने पर मिलती है. जहां कचरे के अंबार लगे पड़े हैं. बारिश के दौर में ये कचरा सड़कों पर बहेगा और बीमारियों को न्योता देगा सो अलग.

जयपुर के चारदीवारी इलाके के ऐसे है हाल
गंदी गलियां, गंदी नालियां और कचरे के ढेर से अटी सड़कें जयपुर की चारदीवारी के कुछ ऐसे ही हाल है. जो लंबे समय से निगम की बेरुखी झेल रहा है. शायद नगर निगम को शहरी क्षेत्र से कोई सरोकार ही नहीं है. यहीं वजह है कि चारदीवारी इलाके में मकानों के बीच कई छोटी गलियां, अब गंदी गलियों के नाम से भी जानी जाती हैं. लोग यहां कचरा डालने से परहेज नहीं करते और निगम के मूकदर्शक बने बैठे रहने से यहां कचरे के ढेर लग जाते हैं.

पार्षदों ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया
समय पर उनकी सफाई नहीं होने से ये कचरा अब चिंता का सबब बनता जा रहा है. मानसून सिर पर है, बारिश के दौर में ये कचरा गलियों से निकलकर सड़कों पर बहेगा. तो वहीं इस कचरे की वजह से बीमारियां भी पैर पसारेंगी. इस पर पार्षदों ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया है और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.

जयपुर में गंदी गलियां, गंदी नालियां और कचरे के ढेर...क्या ऐसे बनेगी स्मार्ट सिटी

मेयर विष्णु लाटा का क्या कहना है
वहीं मेयर विष्णु लाटा का कहना है कि बीवीजी कंपनी के भुगतान में इसकी कटौती की जा रही है. तो वहीं स्मार्ट सिटी से मिले 4 करोड़ रुपए के फंड के सहारे गलियों की मरम्मत और सफाई के निर्देश चीफ इंजीनियर को दिए हैं.

क्या ऐसे बनेगा जयपुर स्मार्ट सिटी
बहरहाल, ये तो दावे हैं, जो हर बार कमियों को दूर करने के लिए किए जाते हैं. लेकिन, आप अंदाजा लगाइए कि एक तरफ तो जयपुर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं. तो दूसरी तरफ गलियों की सफाई भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में सवाल उठते हैं क्या ऐसे बनेगा स्मार्ट जयपुर.

Intro:जयपुर नगर निगम जिम्मेदारियों को लेकर कितना संजीदा है, इसकी बानगी जयपुर के चारदीवारी इलाके की गंदी गलियों को देखने पर मिलती है। जहां कचरे के अंबार लगे पड़े हैं। बारिश के दौर में ये कचरा सड़कों पर बहेगा और बीमारियों को न्योता देगा सो अलग।


Body:गंदी गलियां, गंदी नालियां और कचरे के ढेर से अटी सड़कें। ये नजारा है जयपुर की चारदीवारी इलाके का। जो लंबे समय से निगम की बेरुखी झेल रहा है। शायद नगर निगम को शहरी क्षेत्र से कोई सरोकार ही नहीं है। यही वजह है कि चार दिवारी इलाके में मकानों के बीच कई छोटी गलियां अब गंदी गलियों के नाम से भी जानी जाती हैं। लोग यहां कचरा डालने से परहेज नहीं करते, और निगम के मूकदर्शक बने बैठे रहने से यहां कचरे के ढेर लग जाते हैं। समय पर उनकी सफाई नहीं होने से ये कचरा अब चिंता का सबब बनता जा रहा है। मानसून सिर पर है, बारिश के दौर में ये कचरा गलियों से निकलकर सड़कों पर बहेगा। तो वहीं इस कचरे की वजह से बीमारियां भी पैर पसारेंगी। इस पर पार्षदों ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया है, और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

वहीं मेयर विष्णु लाटा का कहना है कि बीवीजी कंपनी के भुगतान में इसकी कटौती की जा रही है। तो वहीं स्मार्ट सिटी से मिले 4 करोड रुपए के फंड के सहारे गलियों की मरम्मत और सफाई के निर्देश चीफ इंजीनियर को दिए हैं।


Conclusion:बहरहाल, ये तो दावे हैं, जो हर बार कमियों को दूर करने के लिए किए जाते हैं। लेकिन आप अंदाजा लगाइए कि एक तरफ तो जयपुर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए सब्ज़बाग दिखाए जा रहे हैं। तो दूसरी तरफ गलियों की सफाई भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में सवाल उठते हैं क्या ऐसे बनेगा स्मार्ट जयपुर।
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