कोटा. डॉक्टर-इंजीनियर बनने की चाहत में देशभर से कोचिंग के लिए आए अन्य राज्यों के छात्रों में से कुछ बिहार टाइगर गेंग चला रहे हैं. यह गैंग बिहार से आने वाले छात्रों को अपने साथ जोड़ती है. कोटा शहर में अब तक बिहार टाइगर गैंग की सक्रियता की चर्चा ही थी और कोचिंग के छात्र इससे खासे परेशान रहते थे लेकिन अब आम लोग भी इससे परेशान दिखने लगे हैं
जवाहर नगर थाना क्षेत्र में बीटी गैंग द्वारा घर में घुसकर तोड़फोड़ करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. महावीर नगर थाना क्षेत्र में बीटी गैंग ने मई 2016 में एक छात्र की हत्या कर दी थी. गैंग में अधिकतम शामिल छात्र दिखने में भले ही हट्टे-कट्टे हों लेकिन दस्तावेज में यह हमेशा नाबालिग ही बने रहते हैं.
जवाहर नगर थाना सीआई परमेंद्र रावत का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमों का गठन कर दिया है. कोचिंग संस्थानों मे नहीं पढ़ने वाले बच्चों का रिकॉर्ड निकलवाया जाएगा. शहर के हॉस्टल संचालकों को भी इस मामले में पाबंद किया जाएगा. जल्दी ही उच्च अधिकारियों की सहमति से एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. जो ऐसी घटनाओं में लिप्त रहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बीटी गैंग के सदस्य बिहार के नाबालिग छात्रों को अपने ग्रुप में शामिल कर लेते हैं. इसके बाद कोचिंग के बच्चों से वसूली करते हैं और स्थानीय लोगों के साथ मारपीट, लूटपाट आदि की घटनाएं करवाते हैं लेकिन इससे जुड़े ज्यादातर छात्र नाबालिग होने के कारण पुलिस कार्रवाई से बच जाते हैं.