गुर्जर आरक्षण को लेकर किरोड़ी सिंह बैंसला ने हाल ही में फिर से एक बड़ा आंदोलन किया था. इसके बाद कांग्रेस की ओर से उन्हें आरक्षण दिया गया. आरक्षण मिलने के बाद लगा था कि गुर्जरों का वोट कांग्रेस की ओर जाएगा. लेकिन बीजेपी की ओर से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की घर वापसी के लिए प्रदेश के बड़े नेताओं की कोशिश रंग लाई और गुरूवार को दिल्ली पहुंचकर उन्होंने बेटे विजय बंसल के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया.
बीजेपी में शामिल होने के पीछे मुख्य किरदार है प्रकाश जावड़ेकर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने भाजपा का साथ दिया. उसके बाद इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अब एक गुर्जर समाज का बड़ा नेता भी भाजपा में शामिल हो गया. यह संभावना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी क्योंकि राजस्थान लोकसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर उनसे लगातार संपर्क में थे और जो लेकर के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भी इसकी जानकारी थी.
जावड़ेकर ने अपने विश्वस्त नेताओं के सहारे बैंसला से संपर्क किया लेकिन इस संपर्क के दौरान राजस्थान में टिकट का बंटवारा नहीं हो पाया था. लिहाजा कुछ सीटों पर बैंसला की ओर से टिकट की मांग भी उठाई और वह मीडिया में सुर्खियां बनी. बताया जा रहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अजमेर या सवाई माधोपुर-टोंक लोकसभा सीट से अपनी बेटी-बेटे के लिए टिकट चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसके बाद संभावना इस बात की भी जताई गई कि राजसमंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर के सामने भाजपा किसी गुर्जर समाज के व्यक्ति को उतार दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ.