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सेना के इस जवान को 'मोस्ट क्वालिफाईड सोल्जर ऑफ कंट्री' के साथ ही मिला 'वर्ल्ड मोस्ट एजुकेटेड पर्सन' का खिताब

देश का सबसे ज्यादा क्वालिफाइड फौजी यानि मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर, अब बन गया वर्ल्ड डिग्री होल्डर पर्सन. जी हां, यहां बात कर रहे हैं आजाद भारत के 70 वर्षों में इतिहास में पहली बार एक ऐसे सैनिक के बारे में जिसने सेना की परिभाषा ही बदल दी.

आर्मी के जवान को मिला मोस्ट क्वालिफाईड सोल्जर ऑफ कंट्री के साथ वर्ल्ड मोस्ट एजुकेटेड पर्सन का खिताब
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Published : Jun 2, 2019, 8:29 AM IST

जयपुर. राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेराड गांव के सिपाही दशरथ सिंह ने सेना की वर्दी पहनी और अब वो उसी सेना में अफसर के पद पर तैनात हैं. वो भी सिर्फ इसलिए की उन्होंने पढ़ाई को अपना माध्यम बना लिया. दशरथ सिंह ने परस्पर विपरीत हालातों में देश सेवा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक सैनिक के समान राष्ट्र में अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

देश की इंडियन ऑफ रिकॉर्ड में मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ कंट्री का खिताब अपने नाम पहले ही कर लिया था , लेकन अब वो वर्ल्ड डिग्री होल्डर पर्सन बन गए हैं. दशरथ सिंह के पास पढ़ाई की 44 डिग्रियां हैं और 45वीं डिग्री लेने के लिए उनका अध्यन अभी जारी है. दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना का एक जवान सब कुछ हासिल कर सकता है, पढ़ लिख कर बड़ी से बड़ी नौकरी हासिल कर सकता है.

उन्होंने कहा कि फौजी के लिए कहा जाता है कि वह पढ़ लिख नहीं सकता, मुख्यधारा में नहीं जुड़ सकता और इसी मिथक को तोड़ने के लिए उन्होंने प्रयास किया और आज जिस सेना में पहले सिपाही हुआ करता थे , वहां पर वह अधिकारी के पद पर हैं. दशरथ सिंह भारत सेना की साउथ वेस्ट कमांड के लीगल एडवाइजर के रूप में तैनात हैं.

आर्मी के जवान को मिला मोस्ट क्वालिफाईड सोल्जर ऑफ कंट्री के साथ वर्ल्ड मोस्ट एजुकेटेड पर्सन का खिताब

शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण
दशरथ सिंह की शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण रहा, 12 किलोमीटर दूर पैदल चल कर उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की. पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए सब्जी मंडी में सब्जियां बेची और उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए लेकिन 16 साल तक सेना में नौकरी करते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और उसे निरंतर जारी रखा.

44 डिग्रियां हैं पास,इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम शामिल
दशरथ सिंह के पास वर्तमान में 44 डिग्रियां ले चुके हैं और 45 डिग्री के लिए उनका अध्ययन जारी है. इसमें 7 सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन 12 विषय में एमए , दो विषय में पीएचडी और 11 डिग्री या कानून संबंधी डिग्रियां भी उन्होंने अब तक हासिल कर ली हैं. दशरथ सिंह की इन्हीं डिग्रियों के चलते 2018 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनकी 19 अकैडमीकल डिग्री दर्ज हुई.

मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया

उन्हें मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया का खिताब से नवाजा गया है. इतना ही नहीं 2019 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दशरथ सिंह को मोस्ट डिग्री होल्डर पर्सन यानि मोस्ट एजुकेटेड पर्सन ऑफ वर्ल्ड के खिताब से नवाजा गया है. दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना में सर्विस और एजुकेशन दोनों ही परस्पर विपरीत काम हैं. सेना में शारीरिक काम है, यहां बौद्धिक का कोई काम नहीं है, लेकिन 35 साल पहले लोग सेना के अंदर पढ़े-लिखे नहीं थे. सेना की परिभाषा बदलने के लिए ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया और वह निरंतर अध्ययन करते रहे.

दशरथ सिंह ने बताया अगर सेना में पढ़े-लिखे जवान होंगे तो तकनीक को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे , इसीलिए उन्होंने पढ़ाई को हर परिस्थिति में भी जारी रखा. इतना ही नहीं दशरथ सिंह के 16 साल की सेना की सर्विस में वह ऑपरेशन एरिया में भी रहे, आसाम, नागालैंड, कश्मीर, कारगिल युद्ध में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई.1990 में जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था उस वक्त भी वह पंजाब में तैनात थे और शांति की स्थापना करने में उनका योगदान रहा.

जयपुर. राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेराड गांव के सिपाही दशरथ सिंह ने सेना की वर्दी पहनी और अब वो उसी सेना में अफसर के पद पर तैनात हैं. वो भी सिर्फ इसलिए की उन्होंने पढ़ाई को अपना माध्यम बना लिया. दशरथ सिंह ने परस्पर विपरीत हालातों में देश सेवा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक सैनिक के समान राष्ट्र में अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

देश की इंडियन ऑफ रिकॉर्ड में मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ कंट्री का खिताब अपने नाम पहले ही कर लिया था , लेकन अब वो वर्ल्ड डिग्री होल्डर पर्सन बन गए हैं. दशरथ सिंह के पास पढ़ाई की 44 डिग्रियां हैं और 45वीं डिग्री लेने के लिए उनका अध्यन अभी जारी है. दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना का एक जवान सब कुछ हासिल कर सकता है, पढ़ लिख कर बड़ी से बड़ी नौकरी हासिल कर सकता है.

उन्होंने कहा कि फौजी के लिए कहा जाता है कि वह पढ़ लिख नहीं सकता, मुख्यधारा में नहीं जुड़ सकता और इसी मिथक को तोड़ने के लिए उन्होंने प्रयास किया और आज जिस सेना में पहले सिपाही हुआ करता थे , वहां पर वह अधिकारी के पद पर हैं. दशरथ सिंह भारत सेना की साउथ वेस्ट कमांड के लीगल एडवाइजर के रूप में तैनात हैं.

आर्मी के जवान को मिला मोस्ट क्वालिफाईड सोल्जर ऑफ कंट्री के साथ वर्ल्ड मोस्ट एजुकेटेड पर्सन का खिताब

शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण
दशरथ सिंह की शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण रहा, 12 किलोमीटर दूर पैदल चल कर उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की. पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए सब्जी मंडी में सब्जियां बेची और उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए लेकिन 16 साल तक सेना में नौकरी करते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और उसे निरंतर जारी रखा.

44 डिग्रियां हैं पास,इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम शामिल
दशरथ सिंह के पास वर्तमान में 44 डिग्रियां ले चुके हैं और 45 डिग्री के लिए उनका अध्ययन जारी है. इसमें 7 सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन 12 विषय में एमए , दो विषय में पीएचडी और 11 डिग्री या कानून संबंधी डिग्रियां भी उन्होंने अब तक हासिल कर ली हैं. दशरथ सिंह की इन्हीं डिग्रियों के चलते 2018 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनकी 19 अकैडमीकल डिग्री दर्ज हुई.

मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया

उन्हें मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया का खिताब से नवाजा गया है. इतना ही नहीं 2019 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दशरथ सिंह को मोस्ट डिग्री होल्डर पर्सन यानि मोस्ट एजुकेटेड पर्सन ऑफ वर्ल्ड के खिताब से नवाजा गया है. दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना में सर्विस और एजुकेशन दोनों ही परस्पर विपरीत काम हैं. सेना में शारीरिक काम है, यहां बौद्धिक का कोई काम नहीं है, लेकिन 35 साल पहले लोग सेना के अंदर पढ़े-लिखे नहीं थे. सेना की परिभाषा बदलने के लिए ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया और वह निरंतर अध्ययन करते रहे.

दशरथ सिंह ने बताया अगर सेना में पढ़े-लिखे जवान होंगे तो तकनीक को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे , इसीलिए उन्होंने पढ़ाई को हर परिस्थिति में भी जारी रखा. इतना ही नहीं दशरथ सिंह के 16 साल की सेना की सर्विस में वह ऑपरेशन एरिया में भी रहे, आसाम, नागालैंड, कश्मीर, कारगिल युद्ध में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई.1990 में जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था उस वक्त भी वह पंजाब में तैनात थे और शांति की स्थापना करने में उनका योगदान रहा.

Intro:
जयपुर - डे प्लान स्पेशल स्टोरी
लड़ते गए , पढ़ते गए और बन गए डिग्री के बादशाह ,
सरहद पर रात रात भर पढ़ाई की और वो बन गया , मोस्ट क्वालिफाईड सोल्जर ऑफ कंट्री के साथ साथ वर्ल्ड मोस्ट एजुकेटेड पर्सन

एंकर:- कहते है की कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर मुश्किल से मुश्किल राह भी आसान हों जाती , कुछ ऐसा कर गुजरने का जज्बा लिए वो एक ऐसी डगर पर चल निकला था , वह कुछ अलग करना चाहता था , कुछ बदलना चाहता था और उसने उसे बदलकर ऐसा किया कि वह बन गया देश का सबसे ज्यादा क्वालिफाइड फौजी यानि मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर, इतना ही राह आगे भी जारी रही अब वो बन गया वर्ल्ड डिग्री होल्डर पर्सन , जी हां यहां बात कर रहे हैं आजाद भारत के 70 वर्षों में इतिहास में पहली बार एक ऐसे सैनिक के बारे में जिसने सेना की परिभाषा ही बदल दी , राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेराड गांव के दशरथ सिंह एक सिपाही के रूप में सेना की वर्दी पहनी और अब वो उसी सेना में अफसर के पद पर तैनात है , वो भी सिर्फ सिर्फ इस लिए की उन्होंने पढ़ाई को अपना माध्यम बना लिया , दशरथ सिंह ने परस्पर विपरीत हालातों में देश सेवा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक सैनिक के रूप में राष्ट्र में अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है , देश की इंडियन ऑफ रिकॉर्ड में मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ कंट्री के खिताब अपने नाम पहले ही कर लिया था , लेकन अब वो बन गया वर्ल्ड डिग्री होल्डर पर्सन । दशरथ सिंह के पास पढ़ाई की 44 डिग्री अपने पास है और 45 वी डिग्री लेने के लिए उनका अध्यन अभी जारी है , दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना का एक जवान सब कुछ हासिल कर सकता है , पढ़ लिख कर बड़ी से बड़ी नौकरी हासिल कर सकता है , फौजी के लिए कहा जाता है कि वह पढ़ लिख नहीं सकता , मुख्यधारा में नहीं जुड़ सकता और इसी मिथक को तोड़ने के लिए उन्होंने प्रयास किया और आज जिस सेना में पहले सिपाही हुआ करता थे , आज वहां पर वह अधिकारी के पद पर है दशरथ सिंह भारत सेना की साउथ वेस्ट कमांड के लीगल एडवाइजर के रूप में तैनात हैं , दशरथ सिंह की शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण रहा 12 किलोमीटर दूर पैदल चल कि उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की , पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए सब्जी मंडी में सब्जियां भेजी और उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए लेकिन 16 साल तक सेना में नौकरी करते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और उस निरंतर जारी रखा , दशरथ सिंह के पास वर्तमान में 44 डिग्रियां ले चुके हैं और 45 डिग्री के लिए उनका अध्ययन जारी है , इसमें 7 सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन 12 विषय में एमए , दो विषय में पीएचडी और 11 डिग्री या कानून संबंधी डिग्रियां भी उन्होंने अब तक हासिल कर ली है , दशरथ सिंह की इन्हीं डिग्रियों के चलते 2018 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनकी 19 अकैडमीकल डिग्री दर्ज हुई और उन्हें मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया का खिताब से नवाजा गया इतना ही नहीं 2019 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दशरथ सिंह को मोस्ट डिग्री होल्डर पर्सन यानि मोस्ट एजुकेटेड पर्सन ऑफ वर्ल्ड के खिताब से नवाजा गया , दशरथ सिंह बताते हैं कि सेना में सर्विस और एजुकेशन दोनों ही परस्पर विपरीत काम है सेना में शारीरिक काम है , यहां बौद्धिक का कोई काम नहीं लेकिन 35 साल पहले लोग सेना के अंदर पढ़े-लिखे नहीं थे सेना की परिभाषा बदलने के लिए ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया और वह निरंतर अध्ययन करते रहे दशरथ सिंह कहते हैं कि अगर सेना मैं पढ़े-लिखे जवान होंगे तो तकनीक को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे , इसीलिए उन्होंने पढ़ाई को हर परिस्थिति में भी जारी रखा , इतना ही नहीं दशरथ सिंह के 16 साल की सेना की सर्विस में वह ऑपरेशन एरिया में भी रहे , आसाम नागालैंड कश्मीर कारगिल युद्ध में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई , 1990 में जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था उस वक्त भी वह पंजाब में तैनात है और शांति की स्थापना करने मैं उनका योगदान रहा ।

बाइट:- दशरथ सिंह - 44 डिग्री होल्डर पर्सन


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