अलवर. जुलाई के आते ही 10वीं और 12वीं के युवाओं के सामने विषय का चुनाव करने और अपने भविष्य को बनाने को लेकर खासी कशमकश रहती है. ऐसे में प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों से बातचीत करनी चाहिए और उनके अंदर छिपे टैलेंट को पहचानना चाहिए. तो वहीं उनके मन की दुविधा को दूर करते हुए उनके कांसेप्ट क्लियर करने चाहिए. जिससे बेहतर भविष्य बनाने को लेकर अपना चुनाव सही कर सकें.
छात्रों को होने वाली परेशानी को देखते हुए ईटीवी भारत ने सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र यादव से विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि समय के साथ युवाओं के भविष्य में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं. परंपरागत कोर्स के साथ कुछ नए कोर्स जैसे अगर कोई छात्र की रुचि पेंटिंग, खेलकूद और डांसिंग में है तो वो इनमें भी भविष्य बना सकता है. पढ़ाई के साथ इन विषय में भी डिग्री मिलती है.
उन्होंने कहा कि अगर छात्र डॉक्टर बनना चाहते हैं तो उनको विज्ञान विषय की पढ़ाई करनी होगी. इसी तरह से अगर छात्र सीए बनना चाहते हैं तो उनको कॉमर्स विषय चुनना होगा. तो वही कानून के एरिया में जाना चाहते हैं तो उन्हें एलएलबी की पढ़ाई करनी होगी. आने वाले समय में एलएलबी करने वाले छात्रों के लिए खासा स्कोप है. राजस्थान में जल्द ही कानून की नई विश्वविद्यालय भी खुलने जा रही है.
यादव ने कहा कानून के छात्रों के लिए सरकारी नौकरी के अलावा भी कई अन्य विकल्प है. सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में कानूनी सलाहकार भी रखी जाते हैं. इसके अलावा न्यायालय में कानून सलाहकार रखे जा रहे हैं.
डॉ. सुरेंद्र यादव ने कहा कि प्रत्येक माता पिता को अपने बच्चे से बातचीत करनी चाहिए. माता-पिता के बातचीत करने से छात्र की सोच खुलती है और उसके अंदर छुपी हुई कला को बाहर निकाला जा सकता है. समय के साथ लोगों की सोच और करियर में भी बदलाव होने लगा है. आज के युवा खेल और अन्य कलाओं में भी अपना भविष्य बना सकते हैं. उसके लिए केवल युवाओं को अपने अंदर छिपी हुई प्रतिभा को पहचाना होगा.