जबलपुर. आम नहीं है ये आम, बल्कि बेहद खास है क्योंकि बंजर धरती का सीना चीरकर पैदा होने वाले इस आम को दुनिया का सबसे महंगा आम होने का दावा किया जा रहा है. जापान के इस आम की पैदावार अब संस्कारधानी जबलपुर में भी शुरू हो चुकी है. जापान के टाइयो नो टमैगो मैंगोज को दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है, इस एक आम की कीमत ढाई लाख रुपये तक होती है. जिस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल लगता है. पर इस आम की खेती करने वाले किसान संकल्प सिंह परिहार ने इसकी खूबियों को बारीकी से गिनाया है.
संकल्प सिंह परिहार ने दुनिया के सबसे महंगे आम की खेती बंजर जमीन पर करके मिसाल पेश की है. 'टाइयो नो टमैगो' आम का मतलब होता है 'एक ऑफ द सन' यानि सूरज का अंडा. जो अब बेहद सस्ती दरों पर जबलपुर में भी आपको मिल जाएगा. स्वाद में लाजबाव टाइयो नो टमैगो आम की खेती करने वाले संकल्प बताते हैं कि जबलपुर में ज्यादातर आम उत्तर भारत या आंध्र प्रदेश से मंगाया जाता है. जिन्हें कार्बाइड लगाकर पकाया जाता है. यही वजह है कि उन्होंने साफ-शुद्ध और ताजे आम की पैदावार का फैसला किया. अब उनके बगीचे के आसपास से जो भी गुजरता है, वह पेड़ से पके हुए आम को तोड़ कर ले जाता है. संकल्प कहते हैं कि उनकी यही सोच है कि अब इस आम की पहुंच हर आदमी तक हो.
जबलपुर हार्टिकल्चर विभाग के पास करोड़ों रुपए का बजट है, लेकिन उनके पास खाने के लिए आम की अच्छी किस्म तक नहीं है, जबकि संकल्प ने अपनी मेहनत से बंजर जमीन पर दुनिया के सबसे महंगे आम का बगीचा लगा दिया. इससे साफ है कि सरकार की योजनाओं का हकीकत से कम ही वास्ता है, लेकिन संकल्प के इस प्रयास में सरकार और बेरोजगारों को भी आगे बढ़ाना चाहिए. जिससे न सिर्फ लोगों को जैविक फल खाने को मिलेंगे, बल्कि अच्छा खासा रोजगार भी मिलेगा.