ऐतिहासिक बुलंद दरवाजे पर झंडे की रस्म को अदा कर गरीब नवाज के उर्स की विधिवत शुरुआत गजब का चांद दिखाई देने के बाद से शुरू हो जाएगी. झंडे का जुलूस असर की नमाज के बाद गरीब नवाज गेस्ट हाउस से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुआ.
जिसमें दरगाह के शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन कव्वाली गाते हुए जुलूस के साथ लंगर खाना गली, निजाम गेट होते हुए जुलूस दरगाह के मुख्यद्वार निजाम गेट पहुंचा. निजाम गेट से जैसे ही झंडे ने अंदर प्रवेश किया तो अकीदत मंदो में एक अजीब सी होड़ मच गई और हर किसी का अरमान था कि झंडे को चूमे सकें.
जुलूस के मौके पर दरगाह खचाखच जायरीनों से भरी हुई नजर आई. माहौल ऐसा था कि तिल रखने तक की जगह दरगाह परिसर में नजर नहीं आ रही थी. दरगाह शरीफ में आने वाले जायरीनों का सिलसिला लगातार जारी रहेगा, लाखों की तादाद में जायरीन यहां पहुंचने लगे हैं.