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स्पेशल स्टोरी: युक्ति शर्मा दे रहीं बूंदी चित्र शैली को नया आयाम, अयोध्या कला विश्विद्यालय ने किया सम्मानित

बूंदी की युक्ति शर्मा बूंदी चित्रशैली में नए कीर्तिमान स्थापित करती जा रहीं हैं. युक्ति शर्मा ने कला के क्षेत्र में कार्य करने वाली राजस्थान की सबसे बड़ी ललित कला अकादमी से भी सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार हासिल किया है. वहीं अयोध्या कला विश्वविद्यालय में भी सर्वश्रेष्ठ कला के क्षेत्र में सम्मानित हुई हैं. बूंदी की ये बिटिया बूंदी पेंटिंग को निखारने और नए आयाम देने में जुटी है.

painter Yukti Sharma, Bundi Painting Artist
बूंदी चित्र शैली को नया आयाम
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Published : Dec 8, 2019, 6:21 PM IST

बूंदी. बूंदी चित्र शैली की बारीकियां देश-विदेश में प्रसिद्ध है. इस चित्र शैली का एक विशाल महल बूंदी के तारागढ़ महल में स्थित है, जहां 700 साल पुरानी चित्र शैली है. देश-विदेश के पर्यटक इस चित्र शैली को देखने के लिए आते हैं और अपने कैमरे में कैद करते हैं, लेकिन अब इस चित्र शैली के कुछ ही पेंटर बूंदी में बचे हैं. ऐसे में दम तोड़ रही इस चित्र शैली को बचाने के लिए बूंदी की बेटी युक्ति शर्मा आगे आईं हैं.

बूंदी चित्र शैली को नया आयाम

लगन ने बढ़ाया आगे, पहली पेंटिंग ने दिया हौसला
दम तोड़ती चित्र शैली को बूंदी की बेटी युक्ति शर्मा ने फिर से विश्व स्तर पर पहुंचाने की ठानी है. बूंदी की युक्ति शर्मा शहर के रजत गृह कॉलोनी निवासी हैं और बी कॉम, एलएलबी की छात्रा हैं. फील्ड नहीं होने के बावजूद भी युक्ति शर्मा ने बूंदी चित्र शैली में अपनी रूचि रखी. माता-पिता से बूंदी चित्र शैली में काम करने की बात कही. मां ने ने युक्ति के लिए शहरभर के पेंटिंग कलाकरों से बातचीत की. लेकिन कोई भी बूंदी पेंटिंग के बारे में जानकारी देने और उसे सिखाने के लिए तैयार नहीं हुआ.

पढ़ें- स्पेशल: प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुलजार हुए जलाशय, खींचे चले आ रहे पर्यटक

पहली बार में ही बनाई अच्छी पेंटिंग
युक्ति शर्मा और उसकी मां ने हार नहीं मानी और जहां-जहां भी कला के क्षेत्र में कार्य होते थे. वहां-वहां युक्ति और मां नूपुर शर्मा पहुंचीं और सभी प्रयास किये. आखिरकार शहर के गोपाल सामरिया को युक्ति शर्मा को पेंटिंग सिखाने का कार्य सौंपा गया. युक्ति ने इस मौके का फायदा उठाया और एक विशाल बूंदी पेंटिंग की कलाकृति बना दी. गोपाल सांवरिया भी इसे देखकर चौंक गए, कि इतनी सी उम्र और फील्ड नहीं होने के बाद भी युक्ति ने कैसे इतनी अच्छी पेंटिंग बना ली.

बूंदी पेंटिंग पर कार्य करने की ठानी
पहली पेंटिंग की तारीफ के बाद युक्ति ने मन में ठान लिया, कि वो बूंदी पेंटिंग पर ही काम करेंगी. पढ़ाई के साथ-साथ जब भी वक्त मिला तो युक्ति बूंदी पेंटिंग बनाती थीं और इस कला को कैनवास, ऑयल पेंटिंग और वाटर पेंटिंग के जरिए उकेरा. युक्ति की मेहनत को बड़े-बड़े पेंटिंग कलाकारों ने भी सराहा.

बूंदी आर्ट गैलेरी बनी पहचान
5 साल की कड़ी मेहनत के बाद युक्ति शर्मा का काम सभी को सराहनीय लगा. युक्ति शर्मा ने बूंदी ब्रश संस्था के जरिए बूंदी आर्ट गैलरी में जुड़कर अपनी पेंटिंग को प्रदर्शनी में शामिल कराया. प्रदर्शनी में देश-विदेश से आए लोगों ने युक्ति की पेंटिंग की तारीफ की. इसके बाद हर महोत्सव, प्रदर्शनी में युक्ति की बूंदी पेंटिंग शामिल होती चली गई और वो तारीफ बटोरती रहीं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व बनने जा रहे रामगढ़ अभयारण्य को बाघों का इंतजार

युक्ति शर्मा पर माता-पिता को गर्व
युक्ति शर्मा की मां नूपुर और पिता चंद्रशेखर शर्मा का कहना है, कि पूरे देश में जहां-जहां भी पेंटिंग कलाकृतियां आयोजित होती हैं, वहां उनकी बेटी सर्वश्रेष्ठ पदक लेकर सम्मानित हो रही है. जिसके चलते उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है.

ईटीवी भारत को बताए सफलता के राज
ईटीवी भारत से युक्ति शर्मा ने कहा, कि लगन और मेहनत के बूते ही वो बूंदी पेंटिंग में वॉटर पोस्टर, ऑयल पोस्टर और बूंदी चित्र शैली और बूंदी इतिहास पर काम कर रहीं हैं. युक्ति की बनाई बूंदी के राजा महाराव रघुवीर सिंह जी की पेंटिंग सबसे ज्यादा सराही गई. रघुवीर सिंह बूंदी के अच्छे शासक रहे हैं. वे 80 किलो का पहनावा पहनते थे और विशाल मूछें उनकी पहचान हुआ करती थी.

पढ़ें- स्पेशल: रियासत काल की शान कही जाने वाली 'जैत सागर झील' अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही, विकास की दरकार

2 बड़े सम्मान और 100 से ज्यादा पेंटिंग
बूंदी की युक्ति शर्मा अबतक 2 बड़े सम्मान हासिल कर चुकीं हैं. वे इसी साल राजस्थान की ललित कला अकादमी में सम्मानित हुईं. वहीं 2 दिसंबर को देश की कला क्षेत्र में कार्य करने वाली अयोध्या कला विश्वविद्यालय ने भी युक्ति को सम्मानित किया. युक्ति शर्मा पिछले 5 सालों से बूंदी पेंटिंग पर काम कर रहीं हैं. अब तक युक्ति शर्मा 100 से ज्यादा पेंटिंग बना चुकी हैं और सबसे बेहतरीन पेंटिंग राजा रघुवीर सिंह जी की थी. जिसके चलते युक्ति शर्मा फेमस हुईं. युक्ति शर्मा को अब तक 12 से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं.

बूंदी. बूंदी चित्र शैली की बारीकियां देश-विदेश में प्रसिद्ध है. इस चित्र शैली का एक विशाल महल बूंदी के तारागढ़ महल में स्थित है, जहां 700 साल पुरानी चित्र शैली है. देश-विदेश के पर्यटक इस चित्र शैली को देखने के लिए आते हैं और अपने कैमरे में कैद करते हैं, लेकिन अब इस चित्र शैली के कुछ ही पेंटर बूंदी में बचे हैं. ऐसे में दम तोड़ रही इस चित्र शैली को बचाने के लिए बूंदी की बेटी युक्ति शर्मा आगे आईं हैं.

बूंदी चित्र शैली को नया आयाम

लगन ने बढ़ाया आगे, पहली पेंटिंग ने दिया हौसला
दम तोड़ती चित्र शैली को बूंदी की बेटी युक्ति शर्मा ने फिर से विश्व स्तर पर पहुंचाने की ठानी है. बूंदी की युक्ति शर्मा शहर के रजत गृह कॉलोनी निवासी हैं और बी कॉम, एलएलबी की छात्रा हैं. फील्ड नहीं होने के बावजूद भी युक्ति शर्मा ने बूंदी चित्र शैली में अपनी रूचि रखी. माता-पिता से बूंदी चित्र शैली में काम करने की बात कही. मां ने ने युक्ति के लिए शहरभर के पेंटिंग कलाकरों से बातचीत की. लेकिन कोई भी बूंदी पेंटिंग के बारे में जानकारी देने और उसे सिखाने के लिए तैयार नहीं हुआ.

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पहली बार में ही बनाई अच्छी पेंटिंग
युक्ति शर्मा और उसकी मां ने हार नहीं मानी और जहां-जहां भी कला के क्षेत्र में कार्य होते थे. वहां-वहां युक्ति और मां नूपुर शर्मा पहुंचीं और सभी प्रयास किये. आखिरकार शहर के गोपाल सामरिया को युक्ति शर्मा को पेंटिंग सिखाने का कार्य सौंपा गया. युक्ति ने इस मौके का फायदा उठाया और एक विशाल बूंदी पेंटिंग की कलाकृति बना दी. गोपाल सांवरिया भी इसे देखकर चौंक गए, कि इतनी सी उम्र और फील्ड नहीं होने के बाद भी युक्ति ने कैसे इतनी अच्छी पेंटिंग बना ली.

बूंदी पेंटिंग पर कार्य करने की ठानी
पहली पेंटिंग की तारीफ के बाद युक्ति ने मन में ठान लिया, कि वो बूंदी पेंटिंग पर ही काम करेंगी. पढ़ाई के साथ-साथ जब भी वक्त मिला तो युक्ति बूंदी पेंटिंग बनाती थीं और इस कला को कैनवास, ऑयल पेंटिंग और वाटर पेंटिंग के जरिए उकेरा. युक्ति की मेहनत को बड़े-बड़े पेंटिंग कलाकारों ने भी सराहा.

बूंदी आर्ट गैलेरी बनी पहचान
5 साल की कड़ी मेहनत के बाद युक्ति शर्मा का काम सभी को सराहनीय लगा. युक्ति शर्मा ने बूंदी ब्रश संस्था के जरिए बूंदी आर्ट गैलरी में जुड़कर अपनी पेंटिंग को प्रदर्शनी में शामिल कराया. प्रदर्शनी में देश-विदेश से आए लोगों ने युक्ति की पेंटिंग की तारीफ की. इसके बाद हर महोत्सव, प्रदर्शनी में युक्ति की बूंदी पेंटिंग शामिल होती चली गई और वो तारीफ बटोरती रहीं.

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युक्ति शर्मा पर माता-पिता को गर्व
युक्ति शर्मा की मां नूपुर और पिता चंद्रशेखर शर्मा का कहना है, कि पूरे देश में जहां-जहां भी पेंटिंग कलाकृतियां आयोजित होती हैं, वहां उनकी बेटी सर्वश्रेष्ठ पदक लेकर सम्मानित हो रही है. जिसके चलते उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है.

ईटीवी भारत को बताए सफलता के राज
ईटीवी भारत से युक्ति शर्मा ने कहा, कि लगन और मेहनत के बूते ही वो बूंदी पेंटिंग में वॉटर पोस्टर, ऑयल पोस्टर और बूंदी चित्र शैली और बूंदी इतिहास पर काम कर रहीं हैं. युक्ति की बनाई बूंदी के राजा महाराव रघुवीर सिंह जी की पेंटिंग सबसे ज्यादा सराही गई. रघुवीर सिंह बूंदी के अच्छे शासक रहे हैं. वे 80 किलो का पहनावा पहनते थे और विशाल मूछें उनकी पहचान हुआ करती थी.

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2 बड़े सम्मान और 100 से ज्यादा पेंटिंग
बूंदी की युक्ति शर्मा अबतक 2 बड़े सम्मान हासिल कर चुकीं हैं. वे इसी साल राजस्थान की ललित कला अकादमी में सम्मानित हुईं. वहीं 2 दिसंबर को देश की कला क्षेत्र में कार्य करने वाली अयोध्या कला विश्वविद्यालय ने भी युक्ति को सम्मानित किया. युक्ति शर्मा पिछले 5 सालों से बूंदी पेंटिंग पर काम कर रहीं हैं. अब तक युक्ति शर्मा 100 से ज्यादा पेंटिंग बना चुकी हैं और सबसे बेहतरीन पेंटिंग राजा रघुवीर सिंह जी की थी. जिसके चलते युक्ति शर्मा फेमस हुईं. युक्ति शर्मा को अब तक 12 से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं.

Intro:बूंदी की युक्ति शर्मा बूंदी पेंटिंग में नए कीर्तिमान स्थापित करती जा रही है। युक्ति शर्मा ने राजस्थान की सबसे बड़ी कला के क्षेत्र में कार्य करने वाली ललित कला अकादमी से भी सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्राप्त किया है तो देश में संचालित हो रही अयोध्या कला विश्वविद्यालय में भी सर्व श्रेष्ठ कला के क्षेत्र में सम्मानित हुई है। युक्ति शर्मा का फील्ड नहीं है फिर भी मेहनत और लगन से युक्ति शर्मा ने बूंदी पेंटिंग को निखारने की और बूंदी पेंटिंग को नए आयाम देने में बूंदी की युक्ति शर्मा लगी हुई है । लगातार बेटी के सम्मान को माता-पिता आज युक्ति शर्मा के इस कार्य के बाद से अपने आप को गर्व महसूस करते हुए नजर आ रहे हैं और बेटी के इस कार्य से फूले नहीं समा रहे हैं ।


Body:बूंदी :- पूरे देश में छोटीकाशी बूंदी की चित्र शैली अपने आप में गर्व इतिहास रखती है और बूंदी चित्र शैली की बारीकियां देश विदेश में प्रसिद्ध है और बूंदी चित्र शैली का एक विशाल महल बूंदी के तारागढ़ महल में स्थित है जहां पर 700 साल पुरानी चित्र शैली बूंदी के तारागढ़ में है । यहां पर देश विदेश के पर्यटक इस चित्र शैली को देखने के लिए आते हैं और अपने कैमरे में कैद करते हैं लेकिन वक्त के मारने इस चित्र शैली को दाग कर दिया है आज इस चित्र शैली के कुछ ही पेंटर बूंदी में बचे हैं और इन पेंटर की कलम प्रशासन संभाल नहीं पा रहा है जिसके चलते बूंदी में चित्र शैली दम तोड़ने के कगार पर चली गई है।

लगन ने बढ़ाया आगे , पहली पेंटिंग ने दिया हौसला

लेकिन दम तोड़ती चित्र शैली को बूंदी बेटी युक्ति शर्मा ने फिर से विश्व स्तर पर पहुंचाने की ठानी है बूंदी की युक्ति शर्मा शहर के रजत ग्रह कॉलोनी निवासी है और बीकॉम तथा एलएलबी की छात्रा है । युक्ति शर्मा का फील्ड नहीं होने के बावजूद भी युक्ति शर्मा ने बूंदी चित्र शैली में अपनी रुचि रखी और अपने माता-पिता से बूंदी चित्र शैली में कार्य करने की बात कही इस पर युक्ति की मां नूपुर शर्मा ने युक्ति शर्मा के लिए शहर भर के पेंटिंग कलाकरो से बातचीत की ऐसे में शहर भर के पेंटिंग कलाकरो ने मना कर दिया कि वह युक्ति शर्मा को बूंदी पेंटिंग के बारे में जानकारी तथा उसे सिखाने को तैयार नहीं थे । इस पर युक्ति शर्मा और उसकी मां ने हार नहीं मानी और जहां-जहां भी कला के क्षेत्र में कार्य होते थे वहां वहां युक्ति शर्मा और माँ नूपुर शर्मा पहुंची और अपनी बेटी के लिए जो जो प्रयास हो सकते थे वह किये ऐसे में शहर के गोपाल सामरिया नामक पेटिंग कलाकर द्वारा युक्ति शर्मा को पेंटिंग सिखाने का कार्य सौंपा गया यहां पर युक्ति को मौका मिला तो युक्ति ने मौका नहीं छोड़ा और युक्ति इस कार्य को बेहतर बनाने के लिए जुट गई और एक विशाल बूंदी पेंटिंग की कलाकृति बना दी ओर कलाकार गोपाल सांवरिया भी देखकर चौकाने रह गए कि इतनी सी उम्र व फील्ड नही होने के बाद भी युक्ति ने कैसे इतनी अच्छी पेंटिंग बना ली। इस पर पेंटिंग गोपाल सामरिया ने युक्ति के हाथ की सफाई की तारीफ की यह तो पेंटिंग कलाकार का तारीफ करना था और युक्ति ने मन में ठान ली कि वह आज सही बूंदी पेंटिंग पर कार्य करेगी ऐसे में युक्ति पढ़ाई के साथ-साथ जब जब समय मिलता था तो युक्ति बूंदी पेंटिंग बनाती थी और एक विशाल कला को युक्ति शर्मा ने अपनी चित्रकारी को कैनवास तथा ऑयल पेंटिंग और वाटर पेंटिंग में उतारा और बड़े-बड़े पेंटिंग कलाकारों को दिखाया और वह तारीफ के पुल बांधते चले गए ।

बूंदी आर्ट गेलेरी बनी पहचान

युक्ति शर्मा सहरानीय कार्य की बड़ाई को सुन सुनकर आगे बढ़ती गई और 5 साल की मेहनत के बाद युक्ति शर्मा का कार्य सबको सराहनीय ने लगा ऐसे में जब युक्ति शर्मा बूंदी पेंटिंग पर कार्य कर रही थी तो उसके सामने चुनौतियां थी कि वह कैसे बूंदी चित्र शैली का नाम रोशन करें । ऐसे में युक्ति शर्मा ने बूंदी ब्रश संस्था के माध्यम से बूंदी आर्ट गैलरी मैं जुड़कर अपनी पेंटिंग है वहां प्रदर्शनी में शामिल की । इस दौरान देश-विदेश से आने वाले तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने युक्ति शर्मा की बूंदी पेंटिंग व खुद के हाथ से बने कलाकृतियों को देखा इसे देख वह काफी अच्छा महसूस करने लगे और युक्ति शर्मा की तारीफ होती भी चली गई और हर महोत्सव पर युक्ति शर्मा कुछ ना कुछ बूंदी पेंटिंग के आधार पर प्रदर्शनी में पेंटिंग लगाती हुई चली गई और युक्ति शर्मा का कार्य पूरे जिले में सहराये जने लगा ।


Conclusion:युक्ति शर्मा के माता नूपुर पिता चंद्रशेखर शर्मा का कहना है कि युक्ति शर्मा का फील्ड नहीं था फिर भी युक्ति शर्मा ने हमें पेंटिंग में इंटरेस्ट होना बताया तो उसके इच्छा के अनुसार उसने पेंटिंग बनाना शुरू किया और पेंटिंग में आज राजस्थान तथा पूरे देश में जहां जहां भी पेंटिंग कलाकृतियां आयोजित होती है वहां उनकी बेटी सर्वश्रेष्ठ पदक लेकर सम्मानित हो रही है जिसके चलते उन्हें उनकी बेटी पर गर्व है । मां नूपुर शर्मा कहती है कि आज मैं मेरी बेटी को अगर घर के कार्य में लगा देती तो इसकी इच्छाएं मर जाती लेकिन इसकी इच्छा थी कि वह बूंदी पेंटिंग पर कार्य करें और आज यही नतीजा रहा कि मैंने मेरी बेटी को सपोर्ट किया तो बूंदी पेंटिंग के माध्यम से आज पूरे देश में और पूरे राजस्थान में मेरी बेटी मेरा और हमारे परिवार का नाम रोशन कर रही है और वह अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही है।

ईटीवी भारत को बताए सफ़लता के राज

ईटीवी भारत से युद्ध शर्मा ने कहा कि लगन और मेहनत से ही वह आज बूंदी पेंटिंग में वाटर ,पोस्टर ऑयल पोस्टर और बूंदी चित्र शैली और बूंदी इतिहास पर कार्य कर रही है और सबसे ज्यादा उनकी कोई पेंटिंग सराही गई तो बूंदी के राजा महाराव रघुवीर सिंह जी की जो बूंदी के अच्छे शासक रहे हैं उनके काल में वह 80 किलो का पहनावा पहनते थे और उनकी विशाल मूछे उनकी पहचान हुआ करती थी । राजा को युक्ति शर्मा ने चुना और युक्ति शर्मा बूंदी के महाराव रघुवीर सिंह जी के पेंटिंग को बनाने लगी और विशाल पेंटिंग राजा रघुवीर सिंह की बना दी इस पेंटिंग को देख जो भी प्रदर्शनी में आता था वह खुश होता था और देखकर यही अचंभित होता था कि राजा और राजा की कलाएं उनका पहनावा इस तरीके से है कि माना राजा खुद ही सामने खड़े हो ।

दो बड़े समान ओर 100 से अधिक पेंटिंग

बूंदी की युक्ति शर्मा अब तक दो बड़े सम्मान पा चुकी है पहला सम्मान राजस्थान का सबसे बड़ा ललित कला अकादमी का है जहां वह इसी वर्ष अपने बेहतर पेंटिंग कला के माध्यम से राजस्थान की ललित कला अकादमी में सम्मानित हुई । वहीं 2 दिसंबर को देश की कला क्षेत्र में कार्य करने वाली अयोध्या कला विश्वविद्यालय में बूंदी की युक्ति शर्मा का चयन हुआ और वह भी उसे अपने कला के क्षेत्र में सम्मानित किया गया । युक्ति शर्मा पिछले 5 सालों से बूंदी पेंटिंग पर बूंदी इतिहास पर कार्य कर रही है अब तक युक्ति शर्मा ने 100 से अधिक पेंटिंग बना चुकी है और सबसे बेहतरीन पेंटिंग राजा रघुवीर सिंह जी की थी जिसके चलते युक्ति शर्मा फेमस हुई युक्ति शर्मा को अब तक 12 से अधिक सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं ।

यकीनन अगर मन में कुछ हो और लगन हो तो क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता ऐसा ही बूंदी के युक्ति शर्मा ने करके दिखाया है बूंदी चित्र शैली को हर कोई नहीं बना सकता और बूंदी चित्र शैली की कलाकृति को हर कोई समझ नहीं सकता लेकिन फिर भी बूंदी की युक्ति शर्मा ने लगन और मेहनत से बूंदी चित्र शैली पर काम करने की ठानी और आज बूंदी चित्र शैली पर बेहतरीन कार्य ही बूंदी की युक्ति शर्मा कर रही है। जिसके चलते बूंदी में और राजस्थान में अपना नाम युक्ति शर्मा रोशन कर रही है इस कार्य को देख अपनी बेटी पर उनके माता-पिता काफी गर्व कर रहे हैं । युक्ति शर्मा के इस कार्य को ईटीवी भारत भी सलाम करता है और बूंदी पेंटिंग पर इसी तरह कार्य करें ऐसी अपेक्षा करता है ।

बाईट - चंद्र शेखर शर्मा , युक्ति के पिता
बाईट - नूपुर शर्मा , युक्ति की मां
बाईट - युक्ति शर्मा , होनहार पेंटिंग कलाकार
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