बूंदी. कोरोना ये वो शब्द है. जो इन दिनों पूरी दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुका है. भारत भी अब इसकी चपेट में है. देशभर से रोजाना 20 से ज्यादा केस कोराना पॉजिटिव के सामने आ रहे है. ऐसे में इससे बचने के लिए मास्क और सैनिटाइजर की मांग बाजार में बढ़ रही है और जिस वक्त हमें दूसरे की मदद की जरूरत है. उस वक्त में कुछ लोग पैसा बनाने में जुटे हुए है, इंसानियत को भूलकर मास्क व सैनिटाइजर की कालाबाजारी कर रहे है और उन्हें ऊंचे दामों में बेच रहे है. लेकिन इन सब के बीच बूंदी के सामने आने वाली तस्वीर सुकून देने वाली है. यहां महिला शक्ति इस खतरनाक वायरस के बचाने के लिए अपने हाथों से मास्क बना रही है और शहर भर में फ्री में बांट रही है. जो अपने आप में एक बड़ा संदेश है.
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शहर भर में फ्री में बांट रही महिलाएं मास्क
एक तरफ बाजारों में मास्क की कालाबाजारी जोरों पर है. दूसरी ओर युद्घ स्तर पर मास्क का निर्माण करती ये महिलाएं स्वच्छ समाज का एक खिलखिलाता चेहरा हैं. जो साबित करता है कि इंसान के काम आखिर इंसान ही आता हैं. बूंदी शहर के चोमूखा बाजार स्थित नोहरे में मुस्कान वेलफेयर सोसायटी की ओर से यह महिलाएं सिलाई मशीन के सहारे मास्क का निर्माण कर रही है और फिर इनको सैनेटाइज करने के बाद शहर के अलग-अलग इलाकों में बांटती है.
महिलाओं के काम को लोगों ने सराहा
मुस्कान वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष नीतू नुवाल ने बताया कि एक और पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं तो दूसरी ओर मास्क की कालाबाजारी भी बढ़ रही है. इसी कालाबाजारी के रोकथाम के लिए हम महिलाएं सामने आई है और मास्क का निर्माण कर रहे हैं और आमजन को निशुल्क वितरित किया जा रहा है. इस पहल को शहर के सामाजिक कार्य करने वाले लोगों ने भी सराहा है और कहा है कि ऐसे कार्य अपने आप में बहुत अच्छा कार्य है और निश्चित यह मास्क बनाने का कार्य मील का पत्थर साबित होगा.
10 मिनट में एक मास्क बनकर तैयार
अब तक सैकड़ों मास्क यह महिलाएं बनाकर वितरित कर चुकी है, जो कि अपने आप में बड़ा संदेश है. मास्क सूती कपड़े का है और डॉक्टर के अनुसार कपड़ा यह महिलाएं उपयोग में ले रही है और 10 मिनट में एक मास्क का निर्माण कर आमजन को निशुल्क वितरित किया जा रहा है.
विभाग का कहना नहीं हो रही कालाबाजारी
कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा तो नहीं बनी है. लेकिन सरकार और डॉक्टर लोगों को बचाव ही सबसे बड़ा उपचार के रुप में सलाह बता रहे हैं, लेकिन राजस्थान में भी लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. उधर, रसद विभाग के अधिकारी सुरेंद्र राठौड़ का कहना है कि बूंदी में किसी प्रकार की कोई कालाबाजारी नहीं हो रही है. सरकार ने इसे आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया है. हमने शहर के विभिन्न दुकानों पर दौरा भी किया. वहां पर मूल्य दर पर ही मास्क बेचे जा रहे हैं. फिर भी अगर इस तरीके से सूचना व शिकायत मिलेगी तो हमारी टीम कार्रवाई करने के लिए तत्पर है.
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कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार सख्त
हालांकि ऐसे हालातों के मद्देनजर सरकार भी सख्त हो गई है. जिसके बाद उन्होंने सैनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए है. सरकार की ओर से एक कीमत तय कर दी गई है और तय कीमत से ज्यादा अगर कोई इनको बेचेगा तो उस पर कार्रवाई होगी. बता दें कि हैंड सैनिटाइजर की 200 मिलीमीटर की बोतल की खुदरा कीमत 100 रुपये से अधिक नहीं होगी. ऐसे में दूसरी साइज की बोतलों की कीमत भी इसी अनुपात में रहेंगी. सरकार की तरफ से तय की गई ये कीमतें 30 जून 2020 तक देशभर में लागू रहेंगी.