बूंदी. जिले के देईखेड़ा थाना इलाके में एक 32 वर्षीय युवक की हत्या का मामला सामने आया है. युवक की हत्या से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने कोटा से लालसोट जाने वाले मेगा हाइवे को जाम कर (villagers blocked highway on murder of youth) दिया. करीब साढ़े 4 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस जाम खुलवा सकी.
मामले के अनुसार कोटा खुर्द निवासी हरिओम लबान मेगा हाइवे चौराहे के नजदीक से गुजर रहा था. तभी कुछ बदमाशों ने उसकी चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी. इसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और वे मृतक के शव को लेकर हाइवे पर आ डटे. एहतियातन पुलिस ने भी जाब्ता तैनात किया, लेकिन हाइवे बंद होने से सैकड़ों की संख्या में वाहन दोनों तरफ फंस गए और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई.
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घटना की जानकारी मिलने पर एसपी जय यादव, एडिशनल एसपी किशोरीलाल, लाखेरी एसडीएम युगांतर शर्मा, डीवाईएसपी केशोरायपाटन, अंकित जैन और डीवाईएसपी लाखेरी नितिशा जाखड़ भी मौके पर पहुंचे. काफी समझाइश के बाद ग्रामीण रास्ते से हटने को तैयार हुए हैं. इसके पहले मृतक के परिवार के सदस्य पुलिस कार्मिकों से भी उलझ गए और दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी. ग्रामीणों की मांग थी कि हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही उन्होंने इस मसले में कोटा खुर्द के सरपंच सुनील मीणा के शामिल होने का भी आरोप लगाया. वहीं मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए और सरकारी नौकरी का मुआवजा मांगा था.
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इस मामले में सामने आया कि हत्या करने में शामिल बदमाशों के भाई ने कुछ महीने पहले आत्मदाह कर लिया था. इस मामले में यह भी सामने आ रहा है कि उसकी पत्नी का हरिओम से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इससे परेशान होकर उसने आत्मदाह किया था. इसी बात का बदला लेने के लिए हरिओम की हत्या को अंजाम दिया गया. हालांकि इस संबंध में पुलिस कुछ भी नहीं कर रही है. एसएचओ देईखेड़ा सुरजीत सिंह का कहना है कि परिजनों ने हत्या की रिपोर्ट दी है. जिसमें आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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आरोपियों को पकड़ने के लिए भी टीम गठित की है. डीवाईएसपी लाखेरी नितिशा जाखड़ का कहना है कि ग्रामीण कई घंटों से रास्ता जाम कर के बैठे थे. उनसे पुलिस के उच्चाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश की. जिसके बाद रास्ते को खोल दिया है. वहीं पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया. एहतियातन गांव में भी जाब्ता तैनात किया है.