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मदरसा पैरा टीचर्स के विरोध का अनूठा तरीका, पानी की टंकियों में बैठकर किया प्रदर्शन - विरोध

नियमित करने और मानदेय बढ़ाने की मांगों को लेकर प्रदेशभर में मदरसा पैरा टीचर्स ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बूंदी में मंगलवार को पैरा टीचर्स ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पानी की टंकी में जल समाधि लेकर विरोध जताया. शिक्षकों ने मांगें पूरी नहीं होने पर तालाब में जल समाधी की चेतावनी दी है.

मदरसा पैरा टीचर्स के विरोध का अनूठा तरीका
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Published : Jul 23, 2019, 11:04 PM IST

बूंदी. नियमित करने और मानदेय बढ़ाने की मांगों को लेकर मदरसा पैरा टीचर्स ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को शहर में मदरसा पैरा टीचर्स ने अनूठा प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर टंकियों में पानी भरा और उसमें बैठकर जल समाधी प्रदर्शन किया. इस दौरान मदरसा पैरा टीचर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पानी में डुबकी लगाकर भी अपना विरोध जताया.

मदरसा पैरा टीचर्स के विरोध का अनूठा तरीका

मदरसा पैरा टीचर्स के प्रदर्शन को देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. शिक्षकों ने कई घंटे तक पानी की टंकी में जल समाधी लेकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने कहा कि अब हम आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. इस बार हमने पानी की टंकी में जल समाधी ली है. लेकिन सुनवाई नहीं होने पर अगली बार नदी या तालाब में जाकर जल समाधी लेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

मदरसा संविदा शिक्षकों ने बताया कि पिछले कई सालों से हम न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत हैं. इतने कम मानदेय में पूरे परिवार का भरण पोषण करना असंभव है. मदरसा शिक्षक पढ़ाने के साथ ही पोषाहार से लेकर बीएलओ, चुनाव ड्यूटी आदि समस्त कार्य को अंजाम दे रहे हैं. मदरसा पैरा टीचर्स ने उन्हें नियमित करने, 25 हजार रुपए मासिक मानदेय देने के साथ ही मदरसा शिक्षा सहयोगी अनुबंध की प्रक्रिया को पूर्णतया बंद करने की मांग की.

बूंदी. नियमित करने और मानदेय बढ़ाने की मांगों को लेकर मदरसा पैरा टीचर्स ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को शहर में मदरसा पैरा टीचर्स ने अनूठा प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर टंकियों में पानी भरा और उसमें बैठकर जल समाधी प्रदर्शन किया. इस दौरान मदरसा पैरा टीचर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पानी में डुबकी लगाकर भी अपना विरोध जताया.

मदरसा पैरा टीचर्स के विरोध का अनूठा तरीका

मदरसा पैरा टीचर्स के प्रदर्शन को देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. शिक्षकों ने कई घंटे तक पानी की टंकी में जल समाधी लेकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने कहा कि अब हम आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. इस बार हमने पानी की टंकी में जल समाधी ली है. लेकिन सुनवाई नहीं होने पर अगली बार नदी या तालाब में जाकर जल समाधी लेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

मदरसा संविदा शिक्षकों ने बताया कि पिछले कई सालों से हम न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत हैं. इतने कम मानदेय में पूरे परिवार का भरण पोषण करना असंभव है. मदरसा शिक्षक पढ़ाने के साथ ही पोषाहार से लेकर बीएलओ, चुनाव ड्यूटी आदि समस्त कार्य को अंजाम दे रहे हैं. मदरसा पैरा टीचर्स ने उन्हें नियमित करने, 25 हजार रुपए मासिक मानदेय देने के साथ ही मदरसा शिक्षा सहयोगी अनुबंध की प्रक्रिया को पूर्णतया बंद करने की मांग की.

Intro:बूंदी में मदरसा टीचरों ने अनूठा प्रदर्शन करते हुए गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है यहां पर मदरसा संविदा शिक्षक 5 से 8 वर्षों तक न्यूनतम मजदूरी कम से कम मानदेय पर कार्यरत है इतने कम मानदेय पर उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो रहा है । ऐसे में गहलोत सरकार से उन्हें उम्मीद थी कि बजट में उनका मानदेय बढ़ाया जाएगा साथ ही उन्हें तृतीय शिक्षक श्रेणी के स्थान पर शिक्षक बनाया जाएगा लेकिन ऐसी घोषणा नहीं होने के बाद मदरसा टीचरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है ।


Body:राजस्थान के बूंदी में मदरसा टीचरों ने अनूठा प्रदर्शन किया है यहां बजट में उनके लिए कोई घोषणा नहीं होने से उन्होंने हैं अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । आज जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पानी की टंकी को रखकर उसमें पानी को भरा गया और पानी की टंकियों में मदरसा टीचरों ने बैठकर जल समाधि प्रदर्शन किया और जमकर सरकार खिलाफ नारेबाजी की और पानी में डुबकी लगाकर अपना विरोध जताया । इस तरीके का प्रदर्शन होने से लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। यहां पर मदरसा टीचर से जुड़े शिक्षकों ने कई घंटे तक पानी की टंकी में प्रदर्शन किया । शिक्षकों ने कहा कि हम अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं आज तो हमने जल समाधि पानी की टंकी में ली है लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम नदी तालाब में जाकर समाधि ले लेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।


Conclusion:मदरसा संविदा शिक्षक 5 से 8 वर्षों तक न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में कार्यरत है इतने कम मानदेय पर पूरे परिवार का भरण पोषण करना असंभव है। शिक्षक कार्य के साथ-साथ मदरसा सभी संविदा शिक्षक पोषाहार से लेकर बीएलओ ,चुनाव ड्यूटी आदि समस्त कार्य को अंजाम दे रहे हैं उन्होंने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने मानदेय 25000 मासिक देने मानदेय बार-बार मदरसा बोर्ड व वित्त विभाग के मध्य मदरसा शिक्षा सहयोगी अनुबंध की प्रक्रिया को पूर्णतया बन्द कर दिया जाए । राजस्थान भर के मदरसा टीचर आंदोलन पर है आंदोलन के चलते मदरसा मदरसा नहीं जा रहे हैं जिसके चलते मदरसों में ताले लगने की नौबत आ गई है ।

बाईट - संजय खान , मदरसा टीचर
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