बूंदी. जिले का एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड लापरवाही के चलते बदहाल होता जा रहा है. कहने को तो राज्य सरकार द्वारा बूंदी के बस स्टैंड को केंद्रीय बस स्टैंड घोषित किया गया है. सुविधा की बात करें तो बूंदी बस स्टैंड की हालत ग्रामीण बस स्टैंड से भी बुरी है. परिवहन राज्य मंत्री अशोक चांदना का यह गृह जिला है और उनके विभाग के अंतर्गत आने के बाद भी बस स्टेण्ड बदहाल में है. यही नहीं इस विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी बूंदी के ही प्रभारी मंत्री है. दोनों के पास परिवहन विभाग होने के बावजूद भी बूंदी बस स्टैंड के हालत बद से बत्तर हैं. यहां के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उतराखंड तक आने जाने वाली बस से मिलती है. यहां पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.
बस स्टैंड परिसर पर डामर रोड बना हुआ है जगह-जगह परिसर की मिट्टी निकली हुई है परिसर में खड्डे हैं. बस स्टैंड परिसर में बने हुए शौचालय की हालत खराब हो चुकी है. कई दिनों तक सफाई नही होने के कारण परिसर में बदबू फैल जाती है साथ ही विश्राम गृह के भी हालात खराब हैं.
बस स्टैंड से संचालित बसों से सरकार को करोड़ का राजस्व मिलता है. कई बार बस स्टैंड की दशा सुधारने की मांग बूंदी वासियों कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बूंदी पर्यटन नगरी है यहां पर काफी संख्या में पर्यटक भी आते हैं. बसों में आने वाले पर्यटक बूंदी के बस स्टैंड पर सुविधा को तलाशते हुए नजर आते हैं.
मंत्री चांदना ने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टैंड बनवाने का किया था वादा:
बता दें कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा जिनका बूंदी गृह जिला था. यही नहीं केबिनेट मंत्री यूनुस खान बूंदी के प्रभारी थे और उन्होंने बूंदी दौरे के दौरान कहा था कि आप लोग बदहाल बस स्टैंड का फोटो खींच लीजिए इसमें आने वाले समय में मॉडल बस स्टैंड बना दूंगा. लेकिन आज तक मॉडल बस स्टैंड का इंतजार यहां के लोग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस सरकार में अशोक चांदना मंत्री बने हैं तो बूंदी से वह आते है ऐसे में उन्होंने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टेंड बनाने की बात कही है. इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी बूंदी बस स्टैंड का दौरा कर चुके हैं लेकिन हालात जस के तस हैं.
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हाल ही में ही कोंग्रेस सरकार बनने के बाद बूंदी बस स्टैंड के मुख्य प्रबंधक विक्रम सिंह सोलंकी ने 8 करोड़ रुपए के विकास प्रस्ताव भेजे हैं जो कि अभी तक प्रस्तावित नहीं हुए. वहीं इस बस स्टैंड को लेकर राजनेताओं के द्वारा किए गए वादों के सहारे इंतजार में है की आखिर इस बस स्टैण्ड की सूरत कब चमकेगी.