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बूंदी: परिवहन राज्य मंत्री के गृह जनपद में केंद्रीय बस स्टैंड की हालत अब भी खस्ता

बूंदी जिले के एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड में जगह-जगह गढ्ढें, सफाई, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. कई मंत्रियों ने यहां के लोगों से बड़े-बड़े वादे किए लेकिन यहां की हालत अब भी बद से बत्तर नजर आती है.

central bus stand condition not well, बूंदी केंद्रीय बस स्टैंड
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Published : Sep 3, 2019, 8:59 PM IST

बूंदी. जिले का एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड लापरवाही के चलते बदहाल होता जा रहा है. कहने को तो राज्य सरकार द्वारा बूंदी के बस स्टैंड को केंद्रीय बस स्टैंड घोषित किया गया है. सुविधा की बात करें तो बूंदी बस स्टैंड की हालत ग्रामीण बस स्टैंड से भी बुरी है. परिवहन राज्य मंत्री अशोक चांदना का यह गृह जिला है और उनके विभाग के अंतर्गत आने के बाद भी बस स्टेण्ड बदहाल में है. यही नहीं इस विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी बूंदी के ही प्रभारी मंत्री है. दोनों के पास परिवहन विभाग होने के बावजूद भी बूंदी बस स्टैंड के हालत बद से बत्तर हैं. यहां के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उतराखंड तक आने जाने वाली बस से मिलती है. यहां पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

बूंदी जिले के एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा

बस स्टैंड परिसर पर डामर रोड बना हुआ है जगह-जगह परिसर की मिट्टी निकली हुई है परिसर में खड्डे हैं. बस स्टैंड परिसर में बने हुए शौचालय की हालत खराब हो चुकी है. कई दिनों तक सफाई नही होने के कारण परिसर में बदबू फैल जाती है साथ ही विश्राम गृह के भी हालात खराब हैं.

बस स्टैंड से संचालित बसों से सरकार को करोड़ का राजस्व मिलता है. कई बार बस स्टैंड की दशा सुधारने की मांग बूंदी वासियों कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बूंदी पर्यटन नगरी है यहां पर काफी संख्या में पर्यटक भी आते हैं. बसों में आने वाले पर्यटक बूंदी के बस स्टैंड पर सुविधा को तलाशते हुए नजर आते हैं.

मंत्री चांदना ने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टैंड बनवाने का किया था वादा:
बता दें कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा जिनका बूंदी गृह जिला था. यही नहीं केबिनेट मंत्री यूनुस खान बूंदी के प्रभारी थे और उन्होंने बूंदी दौरे के दौरान कहा था कि आप लोग बदहाल बस स्टैंड का फोटो खींच लीजिए इसमें आने वाले समय में मॉडल बस स्टैंड बना दूंगा. लेकिन आज तक मॉडल बस स्टैंड का इंतजार यहां के लोग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस सरकार में अशोक चांदना मंत्री बने हैं तो बूंदी से वह आते है ऐसे में उन्होंने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टेंड बनाने की बात कही है. इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी बूंदी बस स्टैंड का दौरा कर चुके हैं लेकिन हालात जस के तस हैं.

ये भी पढ़ें: गहलोत सरकार ने पंचायत चुनावों से शैक्षणिक योग्यता की पात्रता को किया समाप्त, लेकिन वेबसाइट पर अपडेट नहीं

हाल ही में ही कोंग्रेस सरकार बनने के बाद बूंदी बस स्टैंड के मुख्य प्रबंधक विक्रम सिंह सोलंकी ने 8 करोड़ रुपए के विकास प्रस्ताव भेजे हैं जो कि अभी तक प्रस्तावित नहीं हुए. वहीं इस बस स्टैंड को लेकर राजनेताओं के द्वारा किए गए वादों के सहारे इंतजार में है की आखिर इस बस स्टैण्ड की सूरत कब चमकेगी.

बूंदी. जिले का एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड लापरवाही के चलते बदहाल होता जा रहा है. कहने को तो राज्य सरकार द्वारा बूंदी के बस स्टैंड को केंद्रीय बस स्टैंड घोषित किया गया है. सुविधा की बात करें तो बूंदी बस स्टैंड की हालत ग्रामीण बस स्टैंड से भी बुरी है. परिवहन राज्य मंत्री अशोक चांदना का यह गृह जिला है और उनके विभाग के अंतर्गत आने के बाद भी बस स्टेण्ड बदहाल में है. यही नहीं इस विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी बूंदी के ही प्रभारी मंत्री है. दोनों के पास परिवहन विभाग होने के बावजूद भी बूंदी बस स्टैंड के हालत बद से बत्तर हैं. यहां के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उतराखंड तक आने जाने वाली बस से मिलती है. यहां पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

बूंदी जिले के एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा

बस स्टैंड परिसर पर डामर रोड बना हुआ है जगह-जगह परिसर की मिट्टी निकली हुई है परिसर में खड्डे हैं. बस स्टैंड परिसर में बने हुए शौचालय की हालत खराब हो चुकी है. कई दिनों तक सफाई नही होने के कारण परिसर में बदबू फैल जाती है साथ ही विश्राम गृह के भी हालात खराब हैं.

बस स्टैंड से संचालित बसों से सरकार को करोड़ का राजस्व मिलता है. कई बार बस स्टैंड की दशा सुधारने की मांग बूंदी वासियों कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बूंदी पर्यटन नगरी है यहां पर काफी संख्या में पर्यटक भी आते हैं. बसों में आने वाले पर्यटक बूंदी के बस स्टैंड पर सुविधा को तलाशते हुए नजर आते हैं.

मंत्री चांदना ने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टैंड बनवाने का किया था वादा:
बता दें कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा जिनका बूंदी गृह जिला था. यही नहीं केबिनेट मंत्री यूनुस खान बूंदी के प्रभारी थे और उन्होंने बूंदी दौरे के दौरान कहा था कि आप लोग बदहाल बस स्टैंड का फोटो खींच लीजिए इसमें आने वाले समय में मॉडल बस स्टैंड बना दूंगा. लेकिन आज तक मॉडल बस स्टैंड का इंतजार यहां के लोग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस सरकार में अशोक चांदना मंत्री बने हैं तो बूंदी से वह आते है ऐसे में उन्होंने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टेंड बनाने की बात कही है. इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी बूंदी बस स्टैंड का दौरा कर चुके हैं लेकिन हालात जस के तस हैं.

ये भी पढ़ें: गहलोत सरकार ने पंचायत चुनावों से शैक्षणिक योग्यता की पात्रता को किया समाप्त, लेकिन वेबसाइट पर अपडेट नहीं

हाल ही में ही कोंग्रेस सरकार बनने के बाद बूंदी बस स्टैंड के मुख्य प्रबंधक विक्रम सिंह सोलंकी ने 8 करोड़ रुपए के विकास प्रस्ताव भेजे हैं जो कि अभी तक प्रस्तावित नहीं हुए. वहीं इस बस स्टैंड को लेकर राजनेताओं के द्वारा किए गए वादों के सहारे इंतजार में है की आखिर इस बस स्टैण्ड की सूरत कब चमकेगी.

Intro:बूंदी का केंद्रीय बस स्टैंड बदहाल होता जा रहा है । सबसे बड़ी बात है कि बूंदी से राजस्थान सरकार में परिवहन राज्य मंत्री अशोक चांदना है यही नहीं कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी बूंदी के ही प्रभारी है । ऐसे में विभाग उनका मंत्रालय उनका फिर भी बूंदी का यह बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंसू बहाते हुए नजर आ रहा है ।


Body:बूंदी जिले का एकमात्र केंद्रीय बस स्टैंड घोर लापरवाही के चलते बदहाल होता जा रहा है । कहने को तो राज्य सरकार द्वारा बूंदी के बस स्टैंड केन्दीय बस स्टैंड घोषित किया हुआ है लेकिन सुविधा की बात करें तो बूंदी बस स्टैंड की हालत ग्रामीण बस स्टैंड से भी बुरी है । आपको बता दें कि परिवहन राज्य मंत्री अशोक चांदना का एक ग्रह जिला है और उनके विभाग के अंतर्गत आने के बाद भी बस स्टेण्ड बदहाल में है तो राजस्थान के बस स्टैंड की हालत क्या होगी और बूंदी की तस्वीरें सही देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। यही नहीं इस विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी बूंदी के ही प्रभारी मंत्री है। दोनों के पास परिवहन विभाग होने के बावजूद भी बूंदी बस स्टैंड की अपेक्षा की जा रही है। बूंदी बस स्टैंड पर रोजाना जिले से अन्य जिलों तथा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश तक हरियाणा से लेकर उतराखंड तक आने जाने वाली बस से आती है लेकिन यहां पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है । बस स्टैंड परिसर पर डामर रोड बना हुआ है जगह-जगह परिसर के की मिट्टी निकली हुई है परिसर में खड्डे बड़े बड़े हैं । बस स्टैंड परिसर में बने हुए शौचालय की हालत खराब हो चुकी है । कई दिनों तक सफाई नही होने के कारण परिसर में बदबू फैल जाती है। यात्रियों के ठहरने के लिए बस स्टैंड परिसर में बस स्टैंड प्रशासन द्वारा ढंग का विश्राम गृह नहीं बना पाया है ।

बस स्टैंड से संचालित बसों से सरकार को करोड़ का राजस्व मिलता है कई बार बस स्टेंड की दशा सुधारने की मांग बूंदी वासियों कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। बूंदी पर्यटन नगरी है यहां पर काफी संख्या में पर्यटक तक आते हैं । बसों में आने वाले पर्यटक बूंदी के बस स्टैंड पर सुविधा को तलाशते हुए नजर आते हैं । बूंदी के बस स्टैंड की दशा बहुत ही बुरी है । यहां आने वाले यात्री हालात के लिए प्रशासन को ही कोसते रहते हैं ।

आपको बता दें कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा बूंदी उनका गृह जिला था यही नहीं केबिनेट मंत्री यूनुस खान बूंदी के प्रभारी थे और उन्होंने बूंदी दौरे के दौरान कहा था कि आप लोग बदहाल बस स्टैंड का फोटो खींच लीजिए इसमें आने वाले समय में मॉडल बस स्टैंड बना दूंगा जो कि आज दिन तक मॉडल बस स्टैंड का इंतजार कर रहा है । अब फिर कांग्रेस सरकार में अशोक चांदना मंत्री बने हैं तो बूंदी से वह आते है ऐसे में उन्होंने वडोरदा के तर्ज पर बस स्टेंड बनाने की बात कही है । वहीं इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी बूंदी बस स्टैंड का दौरा किया है ।




Conclusion:आपको बता दें कि बूंदी बस स्टैंड मैं करीब 10 से ₹15 करोड़ की लागत से विकास कार्य होंगे तभी बूंदी बस स्टैंड केंद्रीय बस स्टैंड के लाने लायक होगा । यहां पर कई बार मुख्य प्रबंधक द्वारा राज्य सरकार को विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजे लेकिन प्रस्ताव पारित नहीं हो सके । हाल ही में ही कोंग्रेस सरकार बनने के बाद बूंदी बस स्टैंड के मुख्य प्रबंधक विक्रम सिंह सोलंकी ने 8 करोड रुपए के विकास प्रस्ताव भेजे हैं जो कि इंतजार कर रहे हैं कि जल्द सरकार 8 करोड़ की राशि को मंजर कर दे और बूंदी बस स्टैंड को चार चांद लग जाए लेकिन अधिकारी और यहां की जनता बस सरकार के उन बयानों को याद करती है। लेकिन दूर दूर तक उन्हें कोई ठोस कार्यवाही नजर नहीं आती । अब देखना होगा कि सरकार के मंत्रियों ने बूंदी बस स्टेण्ड को चमकाने के लिए कई दावे किए हैं लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर लागू नहीं हुए है ।

सलीम अली
बाईट - विक्रम सिंह , प्रबधक , बूंदी रोडवेज
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