बूंदी. जिले का मेडिकल कॉलेज के जगह का निर्धारण जल्द ही तय हो जाएगा. जमीन को लेकर चयन पर उठे सवाल के बाद राज्य सरकार की ओर से टीम बूंदी पहुंची, जहां पर उन्होंने संभावित भूमि को देखा. इस दौरान प्रशासन के अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे. बता दें कि टीम ने बूंदी जिले के सिलोर गांव और बाद में तय की गई तालाब गांव के अलावा कोटा-चित्तौड़ हाईवे पर हट्टीपुरा पंचायत के पास दौलतपुरा गांव में पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने करीब 150 बीघा जमीन को देखा.
उल्लेखनीय है कि पहले आई टीम ने सिलोर गांव के पास 55 बीघा जमीन को मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त बताया था. लेकिन बाद में तालाब गांव के पास जमीन का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन ने भिजवा दिया. इसको लेकर बूंदी में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर वहां के लोग प्रदर्शन करने लगे थे. वहीं, टीम में विशिष्ट शासन सचिव मेडिकल वीरेंद्र सिंह, एसएमएस कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ महलोत्रा शामिल थे. बता दें कि टीम ने सर्किट हाउस में एक घंटे तक चर्चा की और टीम चुनी जमीन की रिपोर्ट सरकार को देगी.
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यह है पूरा मामला
बूंदी में राज्य सरकार की ओर से हाल में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी होने के बाद जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी. ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे, लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज कहां खुले इसको लेकर संशय बना हुआ था. मेडिकल कॉलेज बूंदी में खुलेगा या कहीं और इसको लेकर गतिरोध होना शुरू हो गया था.
बता दें कि जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था. यहां पर 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सड़कों पर उतर आए. यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की सराहना की.
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वहीं, राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की और राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया.. बता दें कि वही चिकित्सा विभाग की टीम ने भूमि देखी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में ही राजस्थान में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था.
बूंदी शहर की पैराफेरी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रयासरत पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने सर्किट हाउस में मेडिकल टीम से मुलाकात की और मेडिकल कॉलेज के लिए अपना और लोगों की ओर से सुझाव दिया. उन्होंने तालाब गांव के पास मेडिकल कॉलेज को लेकर आने वाली दिक्कतों के बारे में टीम को बताया. शर्मा ने बताया कि टीम को लिखित में पत्र दिया गया है कि किन कारणों से कौन सी जमीन उपयुक्त है और कौन सी जमीन नहीं.