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बूंदी: मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी से रंगीन हुआ आसमान, युवाओं के साथ बूढ़ों ने भी उठाया लुफ्त

छोटी काशी बूंदी में मंगलवार को मकर संक्रांति के पर्व पर 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' दिनभर चौतरफा यही आवाजे सुनाई पड़ी. शहर में सुबह से ही छतों पर युवाओं की टोली दिखाई दी और डीजे के धुन के साथ जमकर युवा थिरके तो उन्होंने जमकर पतंगबाजी भी की छतों पर युवाओं की टोली दिखाई दी तो सड़कें सूनी पड़ी रही. यही नहीं छोटी काशी में पतंगों से पूरा आसमान रंगीन हो गया, यहां पर पर्यटकों ने भी खूब पेच लड़ाए. साथ ही शाम को छत पर पटाखे भी फोड़े.

बूंदी की खबर, Bundi news
मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी से रंगीन हुआ आसमान
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Published : Jan 14, 2020, 9:42 PM IST

बूंदी. जहां एक ओर पूरा प्रदेश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है. वहीं मंगलवार को बूंदी में भी इसकी झलक देखने को मिली. सभी युवा सुबह से ही अपने छतों पर डटे रहे और पूरा शहर 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' के आवाजों से गूंज रहा था. सुबह से ही पूरा आसमान रंग-बिरंगे पतंगों से भरा रहा और शहर की पूरी सड़के खाली पड़ी रही.

मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी से रंगीन हुआ आसमान

इस दौरान बच्चे और युवा तो पतंगबाजी के रंग में रंगे ही. इसके साथ ही बुजुर्ग वर्ग भी पीछे नहीं रहे. सुबह के 4 बजे से ही युवा वर्ग ने पतंगबाजी करने की पूरी तैयारी कर ली थी. इसके साथ ही लगभग सभी छतों पर डीजे भी लगे हुए थे. फिर इसके बाद 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' का सिलसिला शुरू हुआ, जो शाम 7 बजे तक चलता रहा. लोगों में पतंगबाजी का जुनून इस कदर दिखाई पड़ा कि खानपान भी छतों पर ही हुआ.

पढ़ें- बूंदीः अंतरराज्यीय ट्रैक्टर चोर गिरोह के 4 शातिर बदमाश गिरफ्तार, 4 ट्रैक्टर भी बरामद

इस बाबत विदेशी सैलानी भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने भी अपने पेइंग गेस्ट हाउस पर जमकर पतंगबाजी का लुफ्त लिया और छतों पर उनके लिए गेस्ट हाउस की ओर से जमकर तैयारियां की गई थी. हालांकि इस मकर संक्रांति के पर्व पर इस बार कोई घटना सामने नहीं आई है, ना ही कोई पक्षी के घायल होने की खबरे ज्यादा सामने आई है.

हालांकि कुछ जगह पर चाइनीस मांझे का प्रयोग भी हुआ और प्रशासन की रोक के बावजूद भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई. उधर कुछ जगह पर पक्षी भी घायल हुए थे. सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार कर भी करवाया. पर्यटन नगरी होने के कारण यहां विदेशियों का भी आगमन बना रहता है और छतों पर जमकर लोग लुफ्त भी उठाते हैं. इस दौरान लोग मकर संक्रांति के पर्व पर दान पुण्य, गाय को चारा खिलाने सहित कई प्रकार के आयोजन भी करते हैं.

बूंदी. जहां एक ओर पूरा प्रदेश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है. वहीं मंगलवार को बूंदी में भी इसकी झलक देखने को मिली. सभी युवा सुबह से ही अपने छतों पर डटे रहे और पूरा शहर 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' के आवाजों से गूंज रहा था. सुबह से ही पूरा आसमान रंग-बिरंगे पतंगों से भरा रहा और शहर की पूरी सड़के खाली पड़ी रही.

मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी से रंगीन हुआ आसमान

इस दौरान बच्चे और युवा तो पतंगबाजी के रंग में रंगे ही. इसके साथ ही बुजुर्ग वर्ग भी पीछे नहीं रहे. सुबह के 4 बजे से ही युवा वर्ग ने पतंगबाजी करने की पूरी तैयारी कर ली थी. इसके साथ ही लगभग सभी छतों पर डीजे भी लगे हुए थे. फिर इसके बाद 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' का सिलसिला शुरू हुआ, जो शाम 7 बजे तक चलता रहा. लोगों में पतंगबाजी का जुनून इस कदर दिखाई पड़ा कि खानपान भी छतों पर ही हुआ.

पढ़ें- बूंदीः अंतरराज्यीय ट्रैक्टर चोर गिरोह के 4 शातिर बदमाश गिरफ्तार, 4 ट्रैक्टर भी बरामद

इस बाबत विदेशी सैलानी भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने भी अपने पेइंग गेस्ट हाउस पर जमकर पतंगबाजी का लुफ्त लिया और छतों पर उनके लिए गेस्ट हाउस की ओर से जमकर तैयारियां की गई थी. हालांकि इस मकर संक्रांति के पर्व पर इस बार कोई घटना सामने नहीं आई है, ना ही कोई पक्षी के घायल होने की खबरे ज्यादा सामने आई है.

हालांकि कुछ जगह पर चाइनीस मांझे का प्रयोग भी हुआ और प्रशासन की रोक के बावजूद भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई. उधर कुछ जगह पर पक्षी भी घायल हुए थे. सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार कर भी करवाया. पर्यटन नगरी होने के कारण यहां विदेशियों का भी आगमन बना रहता है और छतों पर जमकर लोग लुफ्त भी उठाते हैं. इस दौरान लोग मकर संक्रांति के पर्व पर दान पुण्य, गाय को चारा खिलाने सहित कई प्रकार के आयोजन भी करते हैं.

Intro:छोटी काशी में आज मकर संक्रांति के पर्व पर वो काटा वो मारा कांटे रे दिनभर चौतरफा यही आवाजे सुनाई पड़ी। शहर में तड़के से ही छतों पर युवाओं की टोली दिखाई दी और डीजे के धुन के साथ जमकर युवा थिरके तो उन्होंने जमकर पतंगबाजी भी की छतों पर युवाओं की टोली दिखाई दी तो सड़कें सूनी पड़ी रही । यही नहीं छोटी काशी में आसमान रंगीन हो गया यहां पर पर्यटकों ने भी खूब पेच लड़ाये । शाम को छत पर पटाखे फोड़े गए और जश्न का माहौल में छोटी काशी के युवा डूबे रहे ।


Body:बूंदी - वो काटा ..वो मारा ..कांटे रहे की आवाजें बूंदी में दिनभर यही सुनाई पड़ी तो शहर में तड़के से ही छतों पर युवाओं की टोली दिखाई पड़ी और शहर की सड़के सूनी रही। आसमान कागजी तितलियों से हटा रहा और छोटी काशी का पूरा आसमान में रंगीन आसमान दिखाई पड़ा । बच्चे और युवा ही क्या बुजुर्ग भी पतंगबाजी में पीछे नहीं रहे । मौसम ने भी पतंगबाजी का साथ दिया ठंडी हवाओं के बीच युवाओं की टोली ने सुबह तड़के से ही पतंगबाजी करना शुरू कर दिया था। पुराने शहर में और परकोट के भीतर जमकर पतंगबाजी का दौर सुबह से शुरू । तड़के 4:00 बजे से ही छतों पर पतंगबाजी की तैयारियां होने लगी थी डीजे सेट लगाकर धुन बजाए जा रही थी ढोल की थाप पर थिरकते हुए युवाओं की टोली ने पतंगबाजी का जमकर लुफ्त लिया। एक दूसरे का पतंग काटने की होड़ रही जैसे ही कोई पतंग कटती तो तेज अवाज में वो काटा वो मारा कांटे की आवाजें सुनाई देने लगी यह सिलसिला शाम तक चला । शाम 7 :00 बजे छतों पर आतिशबाजी की गई । दिए वाले पतंग आसमान में छोड़े गए पतंगबाजी का जुनून इस कदर दिखाई पड़ा कि खानपान भी छतों पर ही हुआ । बच्चे और युवा जहां पतंगबाजी में मशगूल रहे वहीं दिनभर बुजुर्गों ने उन बच्चों की निगरानी रखी । पतंग में तंग डालते रहे अधिकतर जगह पर किचन छतों पर दिखाई पड़ा महिलाएं दिनभर पकवान बनाती हुई नजर आई । विदेशी शैलानी भी इस दौरान पीछे नहीं रहे उन्होंने भी अपने पेंग गेस्ट हाउस पर जमकर पतंगबाजी का लुफ्त लिया और छतों पर उनके लिए पेंग गेस्ट हाउस की ओर से जमकर विशेष तैयारी की गई थी ।

हालांकि इस मकर संक्रांति के पर्व पर इस बार कोई घटना सामने नहीं आई है ना ही कोई पक्षों के घायल होने की खबरे ज्यादा सामने आई है । हालांकि कुछ जगह पर चाइनीस मांझी का प्रयोग भी हुआ और प्रशासन की रोक के बावजूद भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई। उधर कुछ जगह पर घायल पक्षी हुए थे उनका सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार कर भी करवाया ।


Conclusion:छोटीकाशी की बूंदी का आज पतंगबाजी के दौरान पूरा आसमां रंगीन हो गया यहां पर जयपुर के बाद सबसे ज्यादा बूंदी में पतंगबाजी का क्रेज रहता है । युवक युवतियां जमकर पतंगबाजी करते हैं और उनके सिर पर पतंगबाजी का जुनून सवार रहता है पर्यटन नगरी होने के कारण यहां विदेशी पावन का भी आगमन बना रहता है और छतों पर जमकर लुफ्त लोग उठाते हैं। इस दौरान लोग मकर संक्रांति के पर्व पर दान पुण्य ,गाय को चारा खिलाने सहित कई प्रकार के आयोजन भी करते हैं ।

बाईट - शुभम गोयल , पतंगबाज
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