बूंदी. जहां एक ओर पूरा प्रदेश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है. वहीं मंगलवार को बूंदी में भी इसकी झलक देखने को मिली. सभी युवा सुबह से ही अपने छतों पर डटे रहे और पूरा शहर 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' के आवाजों से गूंज रहा था. सुबह से ही पूरा आसमान रंग-बिरंगे पतंगों से भरा रहा और शहर की पूरी सड़के खाली पड़ी रही.
इस दौरान बच्चे और युवा तो पतंगबाजी के रंग में रंगे ही. इसके साथ ही बुजुर्ग वर्ग भी पीछे नहीं रहे. सुबह के 4 बजे से ही युवा वर्ग ने पतंगबाजी करने की पूरी तैयारी कर ली थी. इसके साथ ही लगभग सभी छतों पर डीजे भी लगे हुए थे. फिर इसके बाद 'वो काटा, वो मारा', 'कांटे रे' का सिलसिला शुरू हुआ, जो शाम 7 बजे तक चलता रहा. लोगों में पतंगबाजी का जुनून इस कदर दिखाई पड़ा कि खानपान भी छतों पर ही हुआ.
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इस बाबत विदेशी सैलानी भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने भी अपने पेइंग गेस्ट हाउस पर जमकर पतंगबाजी का लुफ्त लिया और छतों पर उनके लिए गेस्ट हाउस की ओर से जमकर तैयारियां की गई थी. हालांकि इस मकर संक्रांति के पर्व पर इस बार कोई घटना सामने नहीं आई है, ना ही कोई पक्षी के घायल होने की खबरे ज्यादा सामने आई है.
हालांकि कुछ जगह पर चाइनीस मांझे का प्रयोग भी हुआ और प्रशासन की रोक के बावजूद भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई. उधर कुछ जगह पर पक्षी भी घायल हुए थे. सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार कर भी करवाया. पर्यटन नगरी होने के कारण यहां विदेशियों का भी आगमन बना रहता है और छतों पर जमकर लोग लुफ्त भी उठाते हैं. इस दौरान लोग मकर संक्रांति के पर्व पर दान पुण्य, गाय को चारा खिलाने सहित कई प्रकार के आयोजन भी करते हैं.