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रूठे इन्द्रदेव को मनाने के लिए पूरी तरह बंद रहा नमाना कस्बा और रानीपुरा गावं, हुई विशेष पूजा-अर्चना - बूंदी

बूंदी में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए नमाना कस्बा और रानीपुरा गावं पूरी तरह बंद रहा है. जहां दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में ग्रामीणों ने एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन किया.

बूंदी में इन्द्रदेव को मनाने के लिए किया गया कस्बा बंद
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Published : Jul 24, 2019, 11:53 PM IST

बूंदी. बारिश नहीं होने पर लोग तरह-तरह के जादू टोटकों से लेकर हर तरह की परंपराएं तक निभाते है. कोई नंगाड़े बजाकर, कोई मेंढ़क-मेंढ़की का ब्याह करवाकर तो कोई हवन और अनुष्ठान करवाकर बारिश की कामना करता है. लेकिन बूंदी जिले के नमाना और रानीपुरा गांव इसलिए बंद रहे ताकि बरसात हो सके.

बूंदी में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए नमाना कस्बा और रानीपुरा गावं पूरी तरह बंद रहा है. जहां दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन किया गया. जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने मंगलवार रात को ही नमाना कस्बा बंद रखने की घोषणा कर दी थी. जिस पर बुधवार सुबह कस्बे के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले.

बूंदी में इन्द्रदेव को मनाने के लिए किया गया कस्बा बंद

साथ ही गली-गली घूम कर जो प्रतिष्ठान खुले रहे, उन्हें बंद करवाया गया. ग्रामीणों की भारी संख्या में टोली लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया गया. इस दौरान भगवान शिव की प्रतिमा सहित मंदिर के अंदर के परिसर को पानी से भरा गया. जिसमें भगवान शिव की प्रतिमा पूरी तरह जलमग्न हो गई. इस दौरान ग्रामीणों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया.

दिन भर मंदिर परिसर में ग्रामीण भजन कीर्तन करते रहे. जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लगभग बीस दिनों से बरसात नही होने से किसानों की खेतों में खरीफ की फसले खराब होने लगी है. बीस रोज के अन्तराल में दो दिन पहले नाम मात्र की ही बरसात हुई है. इस समय बरसात के नहीं होने की समस्या को लेकर रानीपुरा के बाशिंदों ने सभी प्रतिष्ठान सुबह से ही बन्द रखे.

इधर, बारिश में बिजली के रखरखाव के चलते डिस्कॉम अघोषित बिजली कटौती कर रहा है. इसके कारण किसानों को धान की फसलों को बचाने के लिए डीजल फूंकना पड़ रहा है. कई किसानों ने तो प्री-मानसून में भरी तलाई, एनिकट और गड्डों में जमा पानी का उपयोग भी फसलों बचाने में कर लिया है.

बूंदी. बारिश नहीं होने पर लोग तरह-तरह के जादू टोटकों से लेकर हर तरह की परंपराएं तक निभाते है. कोई नंगाड़े बजाकर, कोई मेंढ़क-मेंढ़की का ब्याह करवाकर तो कोई हवन और अनुष्ठान करवाकर बारिश की कामना करता है. लेकिन बूंदी जिले के नमाना और रानीपुरा गांव इसलिए बंद रहे ताकि बरसात हो सके.

बूंदी में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए नमाना कस्बा और रानीपुरा गावं पूरी तरह बंद रहा है. जहां दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन किया गया. जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने मंगलवार रात को ही नमाना कस्बा बंद रखने की घोषणा कर दी थी. जिस पर बुधवार सुबह कस्बे के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले.

बूंदी में इन्द्रदेव को मनाने के लिए किया गया कस्बा बंद

साथ ही गली-गली घूम कर जो प्रतिष्ठान खुले रहे, उन्हें बंद करवाया गया. ग्रामीणों की भारी संख्या में टोली लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया गया. इस दौरान भगवान शिव की प्रतिमा सहित मंदिर के अंदर के परिसर को पानी से भरा गया. जिसमें भगवान शिव की प्रतिमा पूरी तरह जलमग्न हो गई. इस दौरान ग्रामीणों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया.

दिन भर मंदिर परिसर में ग्रामीण भजन कीर्तन करते रहे. जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लगभग बीस दिनों से बरसात नही होने से किसानों की खेतों में खरीफ की फसले खराब होने लगी है. बीस रोज के अन्तराल में दो दिन पहले नाम मात्र की ही बरसात हुई है. इस समय बरसात के नहीं होने की समस्या को लेकर रानीपुरा के बाशिंदों ने सभी प्रतिष्ठान सुबह से ही बन्द रखे.

इधर, बारिश में बिजली के रखरखाव के चलते डिस्कॉम अघोषित बिजली कटौती कर रहा है. इसके कारण किसानों को धान की फसलों को बचाने के लिए डीजल फूंकना पड़ रहा है. कई किसानों ने तो प्री-मानसून में भरी तलाई, एनिकट और गड्डों में जमा पानी का उपयोग भी फसलों बचाने में कर लिया है.

Intro:इंद्रदेव को मनाने के लिए लोग क्या क्या नहीं कर रहे है कभी सड़को पर जादू टोटका तो कभी इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ ,हवन लेकिन ग्रामीणों ने मानसून बिना सब सूखा देखते हुए गावं कस्बा तक बंद करना शुरू कर दिया है। जिले के नमाना एवं रानीपुरा गावं इस लिए बंद रहे क्योंकि यहां बरसात नहीं हो रही है।

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बूंदी में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए नमाना कस्बा एवं रानीपुरा गावं पूरी तरह बंद रहा है यहां दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। लाडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया गया। जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने मंगलवार रात को ही नमाना कस्बा बंद रखने की घोषणा कर दी थी, जिस पर बुधवार सुबह कस्बे के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। वह हनुमान मंदिर के निकट एकत्रित होकर गली गली में घूम घूम कर जो खुल रहे प्रतिष्ठान बंद करवाए गए फिर ग्रामीणों की भारी संख्या में टोली लादेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एकत्रित होकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया गया। इस दौरान भगवान शिव की प्रतिमा सहित मंदिर के अंदर के परिसर को पानी से भरा गया। जिसमें भगवान शिव की प्रतिमा पूरी तरह डूब गई। इस दौरान ग्रामीणों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। दिन भर मंदिर परिसर में ग्रामीण भजन कीर्तन करते रहे । जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लगभग बीस दिनों से बरसात नही होने से किसानों की खेतों में खरीफ की फसले खराब होने लगी है। बीस रोज के अन्तराल में दो रोज पहले नाम मात्र की ही बरसात हुई है। इस समय बरसात के नही होने की समस्या को लेकर रानीपुरा के बाशिंदों ने सभी प्रतिष्ठान सुबह से ही बन्द रखें। Conclusion:खरीफ की फसलें अंतिम सांसें गिन रही हैं। यदि 24 से 48 घंटे में बारिश नहीं हुई तो बारिश पर आधारित फसलें सूख जाएगी। पिछले दिनाें प्री-मानसून की अच्छी बरसात में किसानों खरीफ की फसलों की बुवाई कर दी। जमकर धान की रोपाई कर दी, पर फिर बादल दगा दे गए। ताजा रोपा गया धान सूखने लगा है। इस सीजन में खेत पानी से लबालब होने चाहिए, वे सूखे पड़े हैं और उनमें दरारें पड़ गई हैं। धान की पौध सूखे तिनकों में बदलती जा रही है। नहरें भी अभी खोली नहीं गई हैं। एक पखवाड़े से बरसात हो नहीं रही। किसान बारिश के लिए टोटकों का सहारा ले रहे हैं। दो तीन दिन बारिश नहीं हुई तो किसानों की धान, मक्का, सोयाबीन की फसलों की पैदावार 25 से 35 प्रतिशत कम होने की आशंका है। इधर, बारिश में बिजली के रखरखाव के चलते डिस्काॅम अघोषित बिजली कटौती कर रहा है। इसके कारण किसानों को धान की फसलों को बचाने के लिए डीजल फूंकना पड़ रहा है। कई किसानों ने तो प्री-मानसून में भरी तलाई, एनिकट और गड्‌ढाें में जमा पानी का उपयोग भी फसलों बचाने में कर लिया।

बाईट - महावीर ,ग्रामीण
बाईट - राजेंद्र , ग्रामीण
बाईट - मुकेश , ग्रामीण
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