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पानी पर बवाल! नहीं थम रहा पानी के बिल पर जोड़े गए चार्ज का विवाद, लोगों ने कहा- सोमवार तक समाधान नहीं हुआ तो उतरेंगे सड़कों पर

पानी के बिल में जुड़कर आ रहे सीवरेज और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन चार्ज का विरोध करते हुए पार्षदों ने नगर परिषद के कर्मचारियों को बाहर निकाल कर मुख्य गेट का ताला लगा दिया. वहां प्रदर्शन करते हुए देवपुरा स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंचे. यहां पर भी उन्होंने बिल जमा करा रहे आमजन को बिल जमा करने के लिए मना कर दिया.

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Published : Nov 22, 2019, 3:15 PM IST

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बूंदी. जिले में पानी के बिल पर लगे चार्ज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले जनता ने इस चार्ज का विरोध किया और अब बूंदी के सभी 45 वार्ड से जुड़े पार्षदों ने इस मुद्दे को आंदोलन के रूप में ले लिया है. यहां पर नगर परिषद और जलदाय विभाग को पार्षदों ने चेतावनी दी है कि वह इस चार्ज को हटा लें, वरना वह सोमवार को बूंदी की जनता के साथ अधिकारियों को घेरेंगे और किसी को भी पानी का बिल जमा नहीं कराने देंगे.

पानी के बिल से त्रस्त जनता ने किया हंगामा

पानी के बिल में जुड़कर आ रहे सीवरेज और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन चार्ज का विरोध करते हुए पार्षदों ने नगर परिषद के कर्मचारियों को बाहर निकाल कर मुख्य गेट का ताला लगा दिया. वहां प्रदर्शन करते हुए देवपुरा स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंचे. यहां पर भी उन्होंने बिल जमा करा रहे आमजन को बिल जमा करने के लिए मना कर दिया.

पार्षदों ने वहां की खिड़की को बंद करवा दिया, जिससे बिल जमा कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई. यहां सहायक अभियंता से मिलने के लिए पार्षद पहुंचे और जमकर खरी-खोटी सुनाई. साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि वह इस चार्ज को सोमवार तक हटा ले, वरना आमजन के साथ वह सोमवार को प्रदर्शन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

यह भी पढ़ें- यहां सर्दी में भी गर्मी जैसी पानी की किल्लत...

इन 4 सालों में ऐसे पहला अवसर माना जाएगा जब किसी समस्या को लेकर सभी पार्षद एकजुट हुए हों. सुबह कार्यालय खुलने के कुछ देर बाद ही पार्षद नगरपरिषद आ गए और आयुक्त का घेराव करते हुए नल के बिलों से जुड़कर आ रहे अन्य चार्ज को लेकर नाराजगी जताने लगे. हालांकि आयुक्त कीर्ति कुमावत ने पार्षदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और पानी के बिलों में आ रहे अन्य चार्ज हटा देने की मांग करने लगे.

यह भी पढ़ें- कृपया गर्म कपड़े निकाल लें! मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 दिन में बढ़ सकती है सर्दी

पार्षदों का कहना था कि सीवरेज लाइन आधे शहर में डली हुई है. यहां तक कि कुछ जगहों पर लाइन डाल दी है, लेकिन कनेक्शन नहीं किए हैं. इसी तरह पुराने शहर में कई जगह आबादी तंग गलियों और पहाड़ी क्षेत्र में निवास करती है, वहां कचरा गाड़ी और अन्य संसाधनों का पहुंचना नामुमकिन है. हंगामे के दौरान कुछ देर के लिए माहौल गर्म हो गया और पुलिस भी मौके पर पहुंची. इसके बाद पार्षद प्रदर्शन करते हुए बाहर निकाले और नगर परिषद के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया. साथ ही नल के बिलों को लेकर वह बाहर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की.

पार्षदों का कहना था कि नल के बिलों में बढ़ी हुई राशि को जमा नहीं करवाया जाएगा. यह जनता के साथ धोखा है. पहले ही लोग कई तरह की समस्याओं से त्रस्त है. यदि सोमवार तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो शहर के चौराहों पर नल के बिलों की होली जलाई जाएगी. साथ में कोई भी नल के बिल को जमा नहीं करवाएगा. इस प्रदर्शन में पहला मौका था, जब कांग्रेस-भाजपा व निर्दलीय पार्षद इस प्रदर्शन में शामिल थे और जनहित के मामले को लेकर एक मंच पर थे, जिसे देख कर प्रशासन की भी कंपकंपी छूट गई.

गौरतलब है कि सीवरेज चार्ज 33 प्रतिशत आमजन के बिल में जोड़कर डोर-टू-डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से 50 रुपए वसूले जा रहे हैं. नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं. बिल में सीवरेज चार्ज और कचरा करेक्शन चार्ज के लिए अलग से कॉलम बनाया गया है. हालांकि कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: पिता करते हैं कृष्ण भक्ति तो फिरोज क्यों नहीं बन सकता Professor...ग्रामीणों ने किया सवाल

अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां जहां बिछाई जा चुकी है, वहां ही चार्ज वसूला जाएगा. कचरा गाड़ी भी जहां नहीं पहुंच पा रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी. वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था. जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इस चार्ज लगे शुल्क को वसूलना था, लेकिन नगर परिषद व जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर इस माह में भेज दिया है.

वहीं उपभोक्ताओं को 600 ,700, 800, 900 तक का बिल पहुंचा है. यहां पर उपभोक्ताओं को 300 रुपए के आसपास सीवरेज तथा डोर-टू-डोर कचरा करेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: जिनको Business का 'क' 'ख' 'ग' 'घ' नहीं आता, उन आदिवासी महिलाओं की 'गुलाबी गैंग' बनी कंपनियों की पहली पसंद

वहीं दूसरी ओर प्रशासन है कि इस मसले पर कुछ भी मानने को तैयार नहीं है और कह रहा है कि जो सरकार के आदेशों में मिले हैं, उसी पर चार्ज वसूला जा रहा है. जबकि विभाग उस आदेश की कॉपी भी पार्षदों को देने पर आनाकानी कर रहा है, जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रशासन ने अपने स्तर पर ही इस तरीके के निर्णय लिए. जिससे आमजन पर यह भार पढ़ रहा है और वह सड़कों पर है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन पार्षदों के इस चेतावनी के बाद चेतता है या नहीं.

बूंदी. जिले में पानी के बिल पर लगे चार्ज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले जनता ने इस चार्ज का विरोध किया और अब बूंदी के सभी 45 वार्ड से जुड़े पार्षदों ने इस मुद्दे को आंदोलन के रूप में ले लिया है. यहां पर नगर परिषद और जलदाय विभाग को पार्षदों ने चेतावनी दी है कि वह इस चार्ज को हटा लें, वरना वह सोमवार को बूंदी की जनता के साथ अधिकारियों को घेरेंगे और किसी को भी पानी का बिल जमा नहीं कराने देंगे.

पानी के बिल से त्रस्त जनता ने किया हंगामा

पानी के बिल में जुड़कर आ रहे सीवरेज और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन चार्ज का विरोध करते हुए पार्षदों ने नगर परिषद के कर्मचारियों को बाहर निकाल कर मुख्य गेट का ताला लगा दिया. वहां प्रदर्शन करते हुए देवपुरा स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंचे. यहां पर भी उन्होंने बिल जमा करा रहे आमजन को बिल जमा करने के लिए मना कर दिया.

पार्षदों ने वहां की खिड़की को बंद करवा दिया, जिससे बिल जमा कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई. यहां सहायक अभियंता से मिलने के लिए पार्षद पहुंचे और जमकर खरी-खोटी सुनाई. साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि वह इस चार्ज को सोमवार तक हटा ले, वरना आमजन के साथ वह सोमवार को प्रदर्शन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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इन 4 सालों में ऐसे पहला अवसर माना जाएगा जब किसी समस्या को लेकर सभी पार्षद एकजुट हुए हों. सुबह कार्यालय खुलने के कुछ देर बाद ही पार्षद नगरपरिषद आ गए और आयुक्त का घेराव करते हुए नल के बिलों से जुड़कर आ रहे अन्य चार्ज को लेकर नाराजगी जताने लगे. हालांकि आयुक्त कीर्ति कुमावत ने पार्षदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और पानी के बिलों में आ रहे अन्य चार्ज हटा देने की मांग करने लगे.

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पार्षदों का कहना था कि सीवरेज लाइन आधे शहर में डली हुई है. यहां तक कि कुछ जगहों पर लाइन डाल दी है, लेकिन कनेक्शन नहीं किए हैं. इसी तरह पुराने शहर में कई जगह आबादी तंग गलियों और पहाड़ी क्षेत्र में निवास करती है, वहां कचरा गाड़ी और अन्य संसाधनों का पहुंचना नामुमकिन है. हंगामे के दौरान कुछ देर के लिए माहौल गर्म हो गया और पुलिस भी मौके पर पहुंची. इसके बाद पार्षद प्रदर्शन करते हुए बाहर निकाले और नगर परिषद के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया. साथ ही नल के बिलों को लेकर वह बाहर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की.

पार्षदों का कहना था कि नल के बिलों में बढ़ी हुई राशि को जमा नहीं करवाया जाएगा. यह जनता के साथ धोखा है. पहले ही लोग कई तरह की समस्याओं से त्रस्त है. यदि सोमवार तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो शहर के चौराहों पर नल के बिलों की होली जलाई जाएगी. साथ में कोई भी नल के बिल को जमा नहीं करवाएगा. इस प्रदर्शन में पहला मौका था, जब कांग्रेस-भाजपा व निर्दलीय पार्षद इस प्रदर्शन में शामिल थे और जनहित के मामले को लेकर एक मंच पर थे, जिसे देख कर प्रशासन की भी कंपकंपी छूट गई.

गौरतलब है कि सीवरेज चार्ज 33 प्रतिशत आमजन के बिल में जोड़कर डोर-टू-डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से 50 रुपए वसूले जा रहे हैं. नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं. बिल में सीवरेज चार्ज और कचरा करेक्शन चार्ज के लिए अलग से कॉलम बनाया गया है. हालांकि कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है.

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अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां जहां बिछाई जा चुकी है, वहां ही चार्ज वसूला जाएगा. कचरा गाड़ी भी जहां नहीं पहुंच पा रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी. वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था. जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इस चार्ज लगे शुल्क को वसूलना था, लेकिन नगर परिषद व जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर इस माह में भेज दिया है.

वहीं उपभोक्ताओं को 600 ,700, 800, 900 तक का बिल पहुंचा है. यहां पर उपभोक्ताओं को 300 रुपए के आसपास सीवरेज तथा डोर-टू-डोर कचरा करेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: जिनको Business का 'क' 'ख' 'ग' 'घ' नहीं आता, उन आदिवासी महिलाओं की 'गुलाबी गैंग' बनी कंपनियों की पहली पसंद

वहीं दूसरी ओर प्रशासन है कि इस मसले पर कुछ भी मानने को तैयार नहीं है और कह रहा है कि जो सरकार के आदेशों में मिले हैं, उसी पर चार्ज वसूला जा रहा है. जबकि विभाग उस आदेश की कॉपी भी पार्षदों को देने पर आनाकानी कर रहा है, जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रशासन ने अपने स्तर पर ही इस तरीके के निर्णय लिए. जिससे आमजन पर यह भार पढ़ रहा है और वह सड़कों पर है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन पार्षदों के इस चेतावनी के बाद चेतता है या नहीं.

Intro:बूंदी में पानी के बिल पर लगे चार्ज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है । पहले जनता इस चार्ज का विरोध किया अब बूंदी के सभी 45 वार्ड से जुड़े पार्षदों ने इस मुद्दे को आंदोलन के रूप में ले लिया है। यहां पर नगर परिषद व जलदाय विभाग को पार्षदों ने चेतावनी दी है कि वह इस चार्ज को हटा ले वरना वह सोमवार को बूंदी की जनता के साथ अधिकारियों को गिरेंगे और किसी को भी पानी का बिल जमा नहीं कराने देंगे ।


Body:बूंदी :- पानी के बिल में जुड़कर आ रहे सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन चार्ज का विरोध करते हुए पार्षदों ने नगर परिषद के कर्मचारियों को बाहर निकाल कर मुख्य गेट का ताला लगा दिया और जहां पर प्रदर्शन करते हुए वही देवपुरा स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय पहुंचे यहां पर भी उन्होंने बिल जमा करा रहे हैं आमजन से बिल जमा कराने के लिए मना कर दिया और कहा कि यह किसी प्रकार का चार्ज वह जमा नहीं करवाए । वहां पर खिड़की को बंद करवा दिया जिससे बिल जमा कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई । यहां सहायक अभियंता से मिलने के लिए पार्षद पहुंचे और जमकर खरी-खोटी सहायक अभियंता को सुनाई और उन्हें चेतावनी दी कि वह इस चार्ज को सोमवार तक हटा ले वरना आमजन के साथ वह सोमवार को प्रदर्शन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ।

इन 4 सालों में ऐसे पहला अवसर माना जाएगा जब किसी समस्याओं को लेकर सभी पार्षद एकजुट हुए हो सुबह कार्यालय खुलने के कुछ देर बाद ही पार्षद नगरपरिषद आ गए और आयुक्त का घेराव करते हुए नल के बिलों से जुड़कर आ रहे अन्य चार्ज को लेकर नाराजगी जताने लगे । हालांकि आयुक्त कीर्ति कुमावत ने पार्षदों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने और पानी के बिलों में आ रहे अन्य चार्ज हटा देने की मांग करने लगे। पार्षदों का कहना था कि सीवरेज लाइन आधे शहर में डली है और आधे में नहीं यहां तक कि कुछ जगहों पर लाइन डाल दी है लेकिन कनेक्शन नहीं किए हैं । इसी तरह पुराने शहर में कई जगह आबादी तंग गलियों और पहाड़ी क्षेत्र में निवास करती है वहां कचरा गाड़ी व अन्य संसाधनों का पहुंचना नामुमकिन है । हंगामे के दौरान कुछ देर के लिए माहौल गर्मा गया और पुलिस भी मौके पर पहुंची । इसके बाद पार्षद प्रदर्शन करते हुए बाहर निकाले और नगर परिषद के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया और नल के बिलों को लेकर वह बार बैठ गए और जमकर नारेबाजी की ।

पार्षदों का कहना था कि नल के बिलों में बढ़ी हुई राशि को जमा नहीं करवाया जाएगा । यह जनता के साथ धोखा है पहले ही लोग कई तरह की समस्याओं से त्रस्त है । सोमवार तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो शहर के चौराहों पर नल के बिलों की होली जलाई जाएगी साथ में कोई भी नल के बिल को जमा नहीं करवा लेगा । इस प्रदर्शन में पहला मौका था जब कांग्रेस - भाजपा व निर्दलीय पार्षद इस प्रदर्शन में शामिल थे और जनहित के मामले को लेकर एक मंच पर थे जिसे देख कर प्रशासन की भी कपकपी छूट गई ।


Conclusion:गौरतलब है की सीवरेज चार्ज 33% आमजन के बिल में जुड़ेगा तो डोर टू डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से ₹50 लिए वसूले जा रहे है । नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं बिल में सीवरेज चार्ज व कचरा करेक्शन चार्ज के लिए अलग से कोल्लम बनाया गया है । हालांकि कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है । अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां जहां बिछाई जा चुकी है वहां ही चार्ज वसूला जाएगा कचरा गाड़ी भी जा नहीं पहुंच पा रही है वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी जा चुके हैं। वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था। जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इस चार्ज लगे शुल्क को वसूलना था लेकिन नगर परिषद व जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर इस माह में भेज दिया है किसी उपभोक्ता को 600 ,700, 800, 900 का बिल पहुंचा है । यहां पर उपभोक्ताओं को ₹300 के आसपास सीवरेज तथा डोर टू डोर कचरा करेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है। जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं । प्रशासन है कि इस मसले पर कुछ भी मानने को तैयार नहीं है और कह रहा है कि जो सरकार के आदेशों में मिले हैं उसी पर चार्ज वसूला जा रहा है जबकि विभाग उस आदेश की कॉपी भी पार्षदों को देने पर आनाकानी कर रहा है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रशासन ने अपने स्तर पर ही इस तरीके के निर्णय ले लिए गए जिससे आमजन पर यह भार पढ़ रहा है और वह सड़कों पर है अब देखना यह होगा कि प्रशासन किस तरीके से पार्षदों के इस चेतावनी के बाद चेक पाता है या नहीं ।

बाईट:- विवेक शर्मा , सहायक अभियंता , जलदाय विभाग
बाईट :- रोहित बैरागी , पार्षद ,कोंग्रेस
बाईट :- मनीष सिसोदिया , पार्षद बीजेपी
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