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बूंदी सांस्कृतिक संध्या में दिखी लोक कलाओं की झलक, 84 खंभों की छतरी पर अचरज भरे करतबों से कलाकारों ने जीत लिया दिल

बूंदी उत्सव की शुरुआत के साथ ही शुक्रवार की शाम सांस्कृतिक संध्या के नाम रही. यहां 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या में भारत की रंगीन तस्वीरें देखने को मिली. यहां पर विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को अपनी कला का दीवाना बना दिया और उन्होंने भी तालियां बजाकर कलाकारों की हौसलाअफजाही की. इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक व स्थानीय लोग कार्यक्रम में शामिल हुए.

Bundi Cultural Festival 2019, बूंदी सांस्कृतिक उत्सव 2019
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Published : Nov 16, 2019, 9:50 AM IST

बूंदी. बूंदी उत्सव 2019 के पहले दिन शुक्रवार को दिन भर हुए विविध रंगारंग कार्यक्रमों के बाद शाम को ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक कला से सभी को रूबरू करवाया.

बूंदी सांस्कृतिक संध्या में दिखी लोक संस्कृति की झलक

कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के प्रसिद्ध मयूर नृत्य से हुई. इसके बाद असम के कलाकारों की ओर से नृत्य की प्रस्तुति दी गई. इसके बाद उड़ीसा गोतीपुआ, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम नृत्य, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य, गुजरात का सिद्धि धमाल, मेवासी और पश्चिमी बंगाल की पुरुलिया कला शैली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई. कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अताउल्ला खान, उपखंड अधिकारी कमल कुमार मीणा, तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ ने शिरकत की.

कलाकारों ने अचरज भरे करतबों से सभी का दिल जीत लिया. कलाकारों ने सफेद धोती व पगड़ी में ताल बंद लय और संगीत की अनूठी प्रस्तुति दी. ऊर्जा उल्लास से भरे गुजराती नृत्य के अलावा विभिन्न प्रांतों की लोक कलाओं का दर्शकों ने आनंद लिया. सैलानियों ने कलाकारों की कला की खुद दाद दी. कार्यक्रम में राजस्थान का कालबेलिया नृत्य भी लोगों को खूब भाया.

पढ़ें- हनुमानगढ़ : किन्नर समाज का पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए विदेशी पावणी मौजूद रहे और उन्होंने पूरे कार्यक्रम को बेहतरीन तरीके से ऊर्जा के साथ देखा और भारतीय कल्चर की विदेशी पावणों ने भी तारीफ की. यही नहीं कुछ विदेशी पावणे तो अपने आप को इस कार्यक्रम में शामिल होकर अच्छा महसूस कर रहे थे. हर वर्ष 84 खंभों की छतरी पर इसी तरीके से विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है. इस बार भी विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया.

बूंदी. बूंदी उत्सव 2019 के पहले दिन शुक्रवार को दिन भर हुए विविध रंगारंग कार्यक्रमों के बाद शाम को ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक कला से सभी को रूबरू करवाया.

बूंदी सांस्कृतिक संध्या में दिखी लोक संस्कृति की झलक

कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के प्रसिद्ध मयूर नृत्य से हुई. इसके बाद असम के कलाकारों की ओर से नृत्य की प्रस्तुति दी गई. इसके बाद उड़ीसा गोतीपुआ, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम नृत्य, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य, गुजरात का सिद्धि धमाल, मेवासी और पश्चिमी बंगाल की पुरुलिया कला शैली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई. कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अताउल्ला खान, उपखंड अधिकारी कमल कुमार मीणा, तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ ने शिरकत की.

कलाकारों ने अचरज भरे करतबों से सभी का दिल जीत लिया. कलाकारों ने सफेद धोती व पगड़ी में ताल बंद लय और संगीत की अनूठी प्रस्तुति दी. ऊर्जा उल्लास से भरे गुजराती नृत्य के अलावा विभिन्न प्रांतों की लोक कलाओं का दर्शकों ने आनंद लिया. सैलानियों ने कलाकारों की कला की खुद दाद दी. कार्यक्रम में राजस्थान का कालबेलिया नृत्य भी लोगों को खूब भाया.

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इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए विदेशी पावणी मौजूद रहे और उन्होंने पूरे कार्यक्रम को बेहतरीन तरीके से ऊर्जा के साथ देखा और भारतीय कल्चर की विदेशी पावणों ने भी तारीफ की. यही नहीं कुछ विदेशी पावणे तो अपने आप को इस कार्यक्रम में शामिल होकर अच्छा महसूस कर रहे थे. हर वर्ष 84 खंभों की छतरी पर इसी तरीके से विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है. इस बार भी विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया.

Intro:बूंदी उत्सव की शुरुआत के साथ ही आज की शाम संस्कृति के नाम रखी यहां पर 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या में भारत की रंगीन तस्वीरें देखने को मिली यहां पर विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देकर प्रेरकों को लुभा दिया और वह अपने आप को तालियां बजाने पर रोक नहीं सके इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक व स्थानीय लोग शामिल हुए यहां हर वर्ष 84 खंभों की छतरी पर कार्यक्रम होते हैं


Body:बूंदी उत्सव 2019 के पहले दिन दिन भर हुए विविध रंगारंग कार्यक्रमों के बाद शाम को ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर भारत की रंग बिरंगी तस्वीर पेश की कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर का नाम उल्ला खान उपकरण अधिकारी कमल कुमार मीणा तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ ने शिरकत की कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के प्रसिद्ध मयूर नृत्य से हुई इसके बाद असमियां नृत्य की प्रस्तुति की गई । इसके बाद उड़ीसा गोतीपुआ , मणिपुर के पुंग ढोल चोलम नृत्य , राजस्थान का कालबेलिया नृत्य , गुजरात का सिद्धि धमाल , मेवासी और पश्चिमी बंगाल की पुरुलिया कला शैली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई । कलाकारों ने हवा में उछलकर पक्षों की मुद्राएं बनाकर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया वहीं अचरज भरे करतबो से दिल जीत लिया । कलाकारों ने सफेद धोती व पगड़ी में ताल बंद लय और संगीत की अनूठी प्रस्तुति दी । ऊर्जा उल्लास से भरे गुजराती नृत्य के अलावा विभिन्न प्रांतों की लोक कलाओं का दर्शकों ने आनंद लिया । सैलानियों ने कलाकारों की कला की खुद दाद दी । कार्यक्रम में राजस्थान का कालबेलिया नृत्य भी लोगों को खूब भाया ।


Conclusion:इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए विदेशी पावणी मौजूद रहे और उन्होंने पूरे कार्यक्रम को बहुत ही बेहतरीन तरीके से ऊर्जा के साथ देखा और भारतीय कल्चर की विदेशी पावणों ने भी तारीफ की । यही नहीं कुछ विदेशी पावणी तो अपने आप को इस कार्यक्रम में शामिल होकर अच्छा महसूस कर रहे थे । हर वर्ष 84 खंभों की छतरी पर इसी तरीके से विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है इस बार भी विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति देकर मनमोहक दृश्य लोगों को दिखाएं हैं और लोगों का दिल जीता है ।
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