बूंदी. बूंदी उत्सव 2019 के पहले दिन शुक्रवार को दिन भर हुए विविध रंगारंग कार्यक्रमों के बाद शाम को ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक कला से सभी को रूबरू करवाया.
कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के प्रसिद्ध मयूर नृत्य से हुई. इसके बाद असम के कलाकारों की ओर से नृत्य की प्रस्तुति दी गई. इसके बाद उड़ीसा गोतीपुआ, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम नृत्य, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य, गुजरात का सिद्धि धमाल, मेवासी और पश्चिमी बंगाल की पुरुलिया कला शैली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई. कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अताउल्ला खान, उपखंड अधिकारी कमल कुमार मीणा, तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ ने शिरकत की.
कलाकारों ने अचरज भरे करतबों से सभी का दिल जीत लिया. कलाकारों ने सफेद धोती व पगड़ी में ताल बंद लय और संगीत की अनूठी प्रस्तुति दी. ऊर्जा उल्लास से भरे गुजराती नृत्य के अलावा विभिन्न प्रांतों की लोक कलाओं का दर्शकों ने आनंद लिया. सैलानियों ने कलाकारों की कला की खुद दाद दी. कार्यक्रम में राजस्थान का कालबेलिया नृत्य भी लोगों को खूब भाया.
पढ़ें- हनुमानगढ़ : किन्नर समाज का पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए विदेशी पावणी मौजूद रहे और उन्होंने पूरे कार्यक्रम को बेहतरीन तरीके से ऊर्जा के साथ देखा और भारतीय कल्चर की विदेशी पावणों ने भी तारीफ की. यही नहीं कुछ विदेशी पावणे तो अपने आप को इस कार्यक्रम में शामिल होकर अच्छा महसूस कर रहे थे. हर वर्ष 84 खंभों की छतरी पर इसी तरीके से विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है. इस बार भी विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया.